Home ज्योतिष 108 Names of Lord Krishna in Hindi – भगवान श्रीकृष्ण के...

108 Names of Lord Krishna in Hindi – भगवान श्रीकृष्ण के 108 नाम क्या आप जानते है ?

जय श्री कृष्ण दोस्तो नई सोच के साथ मे हिंदी वेबसाइट पर आप सभी का स्वागत है। प्रभु का नाम जपते हुए आज की जानकारी को शुरू करते हैं। पूरी दुनिया जानती है कि सभी भारत के लोग श्री कृष्ण के कितने बड़े भक्त हैं। भारत के साथ साथ विदेश में भी इनके ऊपर विश्वास करने लगे हैं। श्री कृष्ण के चमत्कार आये दिन देखने को मिलते रहते हैं। छोटे बुजुर्ग हर किसी को श्री कृष्ण पर काफी ज्यादा विश्वास है। आज हम आप को श्री कृष्ण के सभी प्रसिद्ध नाम के बारे में परिचित करवाने वाले हैं।

108 Names of Lord Krishna, 108 नाम, कृष्ण, Different names of Lord Krishna, भगवान श्रीकृष्ण के 108 नाम, 108 Names of Lord Krishna in Hindi, भगवान कृष्ण के नाम, श्री कृष्ण के नाम, भगवान श्रीकृष्ण के 108 नाम और उनके अर्थ, Names of Lord Sri Krishna and their meanings

108 Names of Lord Krishna in Hindi

श्री कृष्ण के 108 नाम होते हैं, शायद इसलिए मुसीबत के संकट में इन्हें 108 बार याद किया जाता है। इन सभी 108 नाम के बारे में आपको बताने वाले हैं। इसमे सबसे पहला नाम है अचला जिसका अर्थ होता है भगवान। फिर आता है अच्युत जिसका अर्थ होता है वह व्यक्ति जिसने कभी भूल नही करि हो। तीसरा नाम है अद्भुतह, अद्भुतह का अर्थ होता है अद्भुत प्रभु। फिर आता है आदिदेव जिसका मतलब होता है देवताओं के स्वामी। इसके बाद है अदित्या, अदित्या माने होता है जिनकी शक्ति असीम और अनंत हो। इसके बाद है अजया यानी कि जीवन और मृत्यु के विजेता।

भगवान श्रीकृष्ण के 108 अन्य नाम यहाँ पर दिए गए हैं।

1. अचला : भगवान।
2. अच्युत : अचूक प्रभु या जिसने कभी भूल न की हो।
3. अद्भुतह : अद्भुत प्रभु।
4. आदिदेव : देवताओं के स्वामी।
5. अदित्या : देवी अदिति के पुत्र।
6. अजन्मा : जिनकी शक्ति असीम और अनंत हो।
7. अजया : जीवन और मृत्यु के विजेता।
8. अक्षरा : अविनाशी प्रभु।
9. अमृत : अमृत जैसा स्वरूप वाले।
10. अनादिह : सर्वप्रथम हैं जो।
11. आनंद सागर : कृपा करने वाले।
12. अनंता : अंतहीन देव।
13. अनंतजीत : हमेशा विजयी होने वाले।
14. अनया : जिनका कोई स्वामी न हो।
15. अनिरुद्धा : जिनका अवरोध न किया जा सके।
16. अपराजित : जिन्हें हराया न जा सके।
17. अव्युक्ता : माणभ की तरह स्पष्ट।
18. बाल गोपाल : भगवान कृष्ण का बाल रूप।
19. बलि : सर्वशक्तिमान।
20. चतुर्भुज : चार भुजाओं वाले प्रभु।
21. दानवेंद्रो : वरदान देने वाले।
22. दयालु : करुणा के भंडार।
23. दयानिधि : सब पर दया करने वाले।
24. देवाधिदेव : देवों के देव।
25. देवकीनंदन : देवकी के लाल (पुत्र)।
26. देवेश : ईश्वरों के भी ईश्वर।
27. धर्माध्यक्ष : धर्म के स्वामी।
28. द्वारकाधीश : द्वारका के अधिपति।
29. गोपाल : ग्वालों के साथ खेलने वाले।
30. गोपालप्रिया : ग्वालों के प्रिय।
31. गोविंदा : गाय, प्रकृति, भूमि को चाहने वाले।
32. ज्ञानेश्वर : ज्ञान के भगवान।
33. हरि : प्रकृति के देवता।
34. हिरण्यगर्भा : सबसे शक्तिशाली प्रजापति।
35. ऋषिकेश : सभी इन्द्रियों के दाता।
36. जगद्गुरु : ब्रह्मांड के गुरु।
37. जगदीशा : सभी के रक्षक।
38. जगन्नाथ : ब्रह्मांड के ईश्वर।
39. जनार्धना : सभी को वरदान देने वाले।
40. जयंतह : सभी दुश्मनों को पराजित करने वाले।
41. ज्योतिरादित्या : जिनमें सूर्य की चमक है।
42. कमलनाथ : देवी लक्ष्मी के प्रभु।
43. कमलनयन : जिनके कमल के समान नेत्र हैं।
44. कामसांतक : कंस का वध करने वाले।
45. कंजलोचन : जिनके कमल के समान नेत्र हैं।
46. केशव : लंबे, काले उलझा ताले जिसने।
47. कृष्ण : सांवले रंग वाले।
48. लक्ष्मीकांत : देवी लक्ष्मी के देवता।
49. लोकाध्यक्ष : तीनों लोक के स्वामी।
50. मदन : प्रेम के प्रतीक।
51. माधव : ज्ञान के भंडार।
52. मधुसूदन : मधु-दानवों का वध करने वाले।
53. महेन्द्र : इन्द्र के स्वामी।
54. मनमोहन : सबका मन मोह लेने वाले।
55. मनोहर : बहुत ही सुंदर रूप-रंग वाले प्रभु।
56. मयूर : मुकुट पर मोरपंख धारण करने वाले भगवान।
57. मोहन : सभी को आकर्षित करने वाले।
58. मुरली : बांसुरी बजाने वाले प्रभु।
59. मुरलीधर : मुरली धारण करने वाले।
60. मुरली मनोहर : मुरली बजाकर मोहने वाले।
61. नंदगोपाल : नंद बाबा के पुत्र।
62. नारायन : सबको शरण में लेने वाले।
63. निरंजन : सर्वोत्तम।
64. निर्गुण : जिनमें कोई अवगुण नहीं।
65. पद्महस्ता : जिनके कमल की तरह हाथ हैं।
66. पद्मनाभ : जिनकी कमल के आकार की नाभि हो।
67. परब्रह्मन : परम सत्य।
68. परमात्मा : सभी प्राणियों के प्रभु।
69. परम पुरुष : श्रेष्ठ व्यक्तित्व वाले।
70. पार्थसारथी : अर्जुन के सारथी।
71. प्रजापति : सभी प्राणियों के नाथ।
72. पुण्य : निर्मल व्यक्तित्व।
73. पुरुषोत्तम : उत्तम पुरुष।
74. रविलोचन : सूर्य जिनका नेत्र है।
75. सहस्राकाश : हजार आंख वाले प्रभु।
76. सहस्रजीत : हजारों को जीतने वाले।
77. सहस्रपात : जिनके हजारों पैर हों।
78. साक्षी : समस्त देवों के गवाह।
79. सनातन : जिनका कभी अंत न हो।
80. सर्वजन : सब कुछ जानने वाले।
81. सर्वपालक : सभी का पालन करने वाले।
82. सर्वेश्वर : समस्त देवों से ऊंचे।
83. सत्य वचन : सत्य कहने वाले।
84. सत्यव्त : श्रेष्ठ व्यक्तित्व वाले देव।
85. शंतह : शांत भाव वाले।
86. श्रेष्ठ : महान।
87. श्रीकांत : अद्भुत सौंदर्य के स्वामी।
88. श्याम : जिनका रंग सांवला हो।
89. श्यामसुंदर : सांवले रंग में भी सुंदर दिखने वाले।
90. सुदर्शन : रूपवान।
91. सुमेध : सर्वज्ञानी।
92. सुरेशम : सभी जीव-जंतुओं के देव।
93. स्वर्गपति : स्वर्ग के राजा।
94. त्रिविक्रमा : तीनों लोकों के विजेता।
95. उपेन्द्र : इन्द्र के भाई।
96. वैकुंठनाथ : स्वर्ग के रहने वाले।
97. वर्धमानह : जिनका कोई आकार न हो।
98. वासुदेव : सभी जगह विद्यमान रहने वाले।
99. विष्णु : भगवान विष्णु के स्वरूप।
100. विश्वदक्शिनह : निपुण और कुशल।
101. विश्वकर्मा : ब्रह्मांड के निर्माता।
102. विश्वमूर्ति : पूरे ब्रह्मांड का रूप।
103. विश्वरूपा : ब्रह्मांड हित के लिए रूप धारण करने वाले।
104. विश्वात्मा : ब्रह्मांड की आत्मा।
105. वृषपर्व : धर्म के भगवान।
106. यदवेंद्रा : यादव वंश के मुखिया।
107. योगि : प्रमुख गुरु।
108. योगिनाम्पति : योगियों के स्वामी।

इनके साथ मे अन्य नाम भी होते हैं जैसे कि देवाधिदेव, देवकीनंदन, देवेश, धर्माध्यक्ष और द्वारकाधीश। यहाँ पर कुछ चुंनिन्दा श्री कृष्ण के नाम दिये गए हैं। प्रभु के 108 नाम है। अगर सभी नाम को जपने बैठा जाए तो व्यक्ति का जीवन सफल हो जाता है। 108 अलग अलग रूप लिए गए हैं ताकि हर एक युग मे राक्षस का विनाश किया जा सके। हमे यकीन है कि जानकारी आपके काम आने वाली है। हमे भी कई दिनों से कमेंट आते थे कि कृष्ण भगवान के ऊपर कुछ नई जानकारी प्रस्तुत करि जाए। आपके सम्मान और ताकत की मदद से हमे आज के लेख को बनाने का हौसला मिल पाया है। अगर अन्य जानकारी देखना चाहते हैं तो सबसे पहले हिंदी वेबसाइट को बुकमार्क करे। जय श्री कृष्ण।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here