निर्जला एकादशी 2019: पूजा विधि, स्नान शुभ मुहूर्त, Nirjala Ekadashi Puja Vidhi व्रत कथा :- ज्येष्ठ महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी को ही निर्जला एकादशी का व्रत किया जाता है| इसे भीम एकादशी के नाम से भी जाना जाता है| इस एकादशी का व्रत बिना अन्न और जल पिए रखा जाता है| यही वजह है की ऐसे निर्जला एकादशी कहा जाता है| निर्जला व्रत काफी कठिन होता है क्योंकि इस व्रत को रखने वाले व्यक्ति पूरे दिन बिना अन्न, जल पिए रखना होता है| ऐसी चिलचिलाती गर्मी में इंसान खाए बिना तो रह सकता है लेकिन पानी पिए बीए पूरा दिन गुजारना काफी मुश्किल है| निर्जला एकादशी यानि की 13 जून को रखा जाएगा| गंगा दशहरा 2019
निर्जला एकादशी 2019
हिन्दू पंचाग के मुताबिक इस साल 24 एकादशी आएँगी| एकादशी में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है| निर्जला एकादशी का काफी महत्व है| ऐसी मान्यता है की निर्जला एकादशी का व्रत काफी लाभ प्रदान करता है| ऐसा कहा जाता है की एकादशी के व्रत नहीं कर पाने वाले व्यक्ति अगर निर्जला एकादशी का व्रत करते है तो बाकि एकादशी के लाभ भी मिल जाते है|
ऐसा कहा जाता है की निर्जला एकादशी का व्रत साल भर में आणि वाली अन्य एकादशी के व्रत के बराबर होता है| इस साल 24 की जगह 26 एकादशी पड़ेंगी ऐसा मलमास या अधिमास के कारण होगा|
निर्जला एकादशी की तिथि
एकादशी तिथि प्रारंभ: 13 जून 2018
एकादशी तिथि समाप्त: 14 जून 2018
पारण करने का समय: 13 जून को दोपहर 01 बजकर 46 मिनट से शाम 04 बजकर 32 मिनट तक.
निर्जला एकादशी की पूजा विधि
निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है| निर्जला एकादशी के दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते है| जो लोग नदियों में स्नान नहीं कर सकते वे सुबह उठ कर घर पर नाहा कर ‘ऊँ नमो वासुदेवाय’ मंत्र का जाप कर सकते है| 24 घंटे तक अन्न और जल के बिना रहकर अगले दिन स्नान करने के बाद विष्णु जी की पूजा करें| फिर ब्राहम्ण को दान-दक्षिणा देकर व्रत का पारण करें|
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निर्जला एकादशी व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार पांडवों के दूसरे भाई भीमसेन खाने-पीने के बड़े शौकीन थे. वह अपनी भूख पर नियंत्रण नहीं रख पाते थे. उन्हें छोड़कर सभी पांडव और द्रौपदी एकादशी का व्रत किया करते थे. इस बात से भीम बहुत दुखी थे कि वे ही भूख की वजह से व्रत नहीं रख पाते हैं. उन्हें लगता था कि ऐसा करके वह भगवान विष्णु का निरादर कर रहे हैं|