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विजया एकदाशी 2018: विजय प्राप्ति के लिए रखा जाता है भगवान विष्णु का व्रत, जाने महत्व

Vijya Ekadashi 2018 Date/Time, Vrat Katha in Hindi: हिन्दू धर्म में एकदशी का व्रत काफी महत्त्व रखता है| हर साल 24 एकादशी के व्रत किए जाते है| फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है| इस दिन व्रत रखने से विजय की प्राप्ति होती है| हिन्दू धर्म शास्त्रों के मुताबिक इस दिन व्रत रखने से किसी भी परिस्तिथि में विजय की प्राप्ति की जा सकती है| एक बार देवर्षि नारद ने ब्रह्मा जी पूछा की प्रभु मुझे फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की विजया एकदशी का व्रत तथा उसकी विधि के बारे में बताए| ब्रह्मा उत्तर में कहा की विजया एकादशी का व्रत पूर्व के पाप और वर्तमान के पापों को नष्ट करने में मदद करने वाला है|

विजया एकदाशी 2018: विजय प्राप्ति के लिए रखा जाता है भगवान विष्णु का व्रत, जाने महत्व


पौराणिक कथा के मुताबिक जब भगवन राम को चौदह वर्ष का वनवास मिला तब उन्होनें भाई लक्ष्मण और माता सीता के साथ पंचवटी में रहने का निर्णय लिया | उस दौरान रावण ने माता सीता का अपहरण कर लिया। भगवान राम सीता माता को ढ़ूढते हुए जटायु के पास पहुंचे जिसके प्राण जाने वाले थे। जटायु ने उन्हें माता सीता के अपहरण की जानकरी दी और भगवान राम की गोद में जटायु ने आखरी साँस ली। इस यात्रा में श्री राम और लक्ष्मण की सुग्रीवजी के साथ मित्रता हो गई और वहां बालि का वध किया गया। राम भक्त हनुमान जी ने लंका में जाकर माता सीता का पता लगाया और माता से श्री राम और महाराज सुग्रीव की मित्रता के बारे में बताया। वहां से लौटकर हनुमान अपने पुजनीय राम के पास गए और अशोक वाटिका के बारे में पूरी जानकरी दी।

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भगवान राम ने सुग्रीव की सहमति से वानरों की सेना के साथ लंका की ओर जाने का फैसला किया। समुद्र किनारे पहुंचने पर श्रीराम ने विशाल समुद्र को घड़ियाल से भरा देखकर लक्ष्मण से सवाल किया की इस समुद्र को कैसे पार किया जाए। भगवान राम के सवाल के जवाब में लक्ष्मण ने कहा कि आप पुरुषोतम आदिपुरुष हैं। अपने भाई की बात को सुनकर राम ने वकादाल्भ्य ऋषि के आश्रम जाने का निर्णय लिया और वहां पहुंच उन्हें प्रणाम किया। राम ने उन्हें पूरी बात बताई और तो उन्होंने राम जी को व्रत के बार में बताया। भगवान राम ने पूछा कि यह कैसा व्रत है जिसे करने से विजय प्राप्त होती है। ऋषि ने बताया कि फाल्गुन माह की एकादशी के दिन व्रत करने से आप समुद्र को आसानी से पार कर पाएँगे और युद्ध में भी विजय भी कर पाएँगे।

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