Home विश्व महान वैज्ञानिक स्‍टीफन हॉकिंग का 76 साल की उम्र में निधन, परिवार...

महान वैज्ञानिक स्‍टीफन हॉकिंग का 76 साल की उम्र में निधन, परिवार ने की पुष्टि|

Stephen Hawking Death News (स्टीफेन हाकिंग डेथ न्यूज़): महान भौतिक वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग अब इस दुनिया में नहीं रहे। आज बुधवार (14 मार्च) को उनका निधन हो गया। वह 76 साल के थे। उनके निधन की पुष्टि परिवार ने की। उनके बच्चों लूसी, रॉबर्ट और टिम ने इस बारे में ऑफिसियल बयान जारी कर। कहा की, “हम पिता के जाने से काफी दुखी हैं। वह महान वैज्ञानिक थे और एक असाधारण इंसान थे, जिनका काम और विरासत उन्हें हमेशा याद करता रहेगा।” हॉकिंग ने बिग बैंग सिद्धांत और ब्लैक होल को समझने में खास योगदान दिया था। यही वजह है कि उन्हें अमेरिका के सबसे उच्च नागरिक सम्मान भी दिया गया था। उनकी ब्रह्मांड के रहस्यों पर लिखी गई किताब ‘ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम’ भी दुनिया भर में मशहूर हुई थी। हॉकिंग मूल रूप से ब्रिटेन के निवासी थे। मीडिया की खबरों के मुताबिक, वह मोटर न्यूरॉन बीमारी से पीड़ित थे। हॉकिंग का जन्म इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड में आठ जनवरी 1942 में हुआ था। सेंट एल्बन में वह और उनके छोटे भाई-बहन पले-बढ़े। उनके दिमाग को छोड़कर शरीर के बाकी अंग काम नहीं करते थे। वह व्हीलचेयर पर बैठे रहते थे। लेकिन फिर भी विज्ञान की दुनिया में वह अपनी अलग पहचान बनाने में सफल रहे। एलबर्ट आइंस्टीन के बाद हॉकिंग दुनिया के सबसे महान सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी बने।

महान वैज्ञानिक स्‍टीफन हॉकिंग का 76 साल की उम्र में निधन, परिवार ने की पुष्टि|

स्कूल में उनका पढ़ाई में कुछ ज्यादा मन नहीं लगता था। सेंट एल्बन स्कूल में हॉकिंग का अधिकतर समय बोर्ड गेम्स और कंप्यूटर्स के साथ ही गुजरा। लेकिन फिर भी उन्होंने आगे चलकर प्रख्यात ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में दाखिला पाया, जहां से उनके पिता ने भी पढ़ाई की थी। हॉकिंग ने 17 साल की उम्र में यहां एडमिशन लिया। भौतिक विज्ञान की राह चुनने से पहले उनका मन गणित या औषधि क्षेत्र में पढ़ाई करने का था। हालांकि, कॉलेज में वह कम ही लेक्चर अटेंड करते थे। उन्होंने कहा था, “मैंने ऑफ्सफोर्ड में बिताए तीन सालों में महज एक हजार घंटे ही पढ़ाई पर बिताए होंगे।”

सबसे से रोचक बात तो यह है कि कम क्लास लेने और किताबी कीड़ा बन कर न पढ़ने के बावजूद भी उनका दिमाग तेज था। कॉलेज में हॉकिंग ने जब अपनी थीसिस जमा की, जो प्रथम श्रेणी और द्वीतिय श्रेणी के बीच की ग्रेड में रखा गया। ऐसे में उन्हें एक मौखिक परीक्षा से गुजरना पड़ा। तब उन्होंने शिक्षकों से कहा था, “अगर आप मुझे प्रथम श्रेणी देंगे तो मैं कैब्रिज जाऊंगा। अगर द्वीतिय श्रेणी में रखेंगे तो मैं यहीं रह जाऊंगा। ऐसे में मैं आपसे पहली श्रेणी की उम्मीद करता हूं।”

ये भी पढ़े- अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में बम विस्फोट 40 की मौत, 140 घायल, तालिबान ने ली हमले की जिम्मेदारी

1962 में उन्होंने कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज में एडमिशन लिया, जहां वह भौतिक विज्ञानी डेनिस स्कीमा और नामी खगोल विज्ञानी फ्रेड हॉयल सरीखे नामों के अंतर्गत थे। यहीं, उनकी रुचि ब्लैक होल्स और विलक्षणता के तत्कालीन प्रारंभिक अध्ययन में उनकी रूचि बढ़ी। कॉस्मोलॉजी में डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त करने के बाद वह कैम्ब्रिज में ही रुके रहे। यहां उन्होंने ब्रह्मांड के ढांचे से जुड़े जरूरी प्रश्नों को समझने की कोशिश की। कैम्ब्रिज में हॉकिंग वाइल्ड से मिले थे, जो लंदन के वेस्टफील्ड कॉलेज में आधुनिक भाषाओं की पढ़ाई कर रही थी। लेकिन दोनों की डेटिंग से पहले ही हॉकिंग को आइस स्केटिंग बीमारी हो गए। वह डॉक्टर के पास गए, जहां उन्होंने आशंका जताई कि हॉकिंग के पास कम समय ही बचा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here