Home सुर्खियां Tension in Indian Army News in Hindi: हर साल बिना युद्ध के...

Tension in Indian Army News in Hindi: हर साल बिना युद्ध के 1600 सैनिक जान चले जाती है ?

हेलो दोस्तों नमस्कार, आज हम ऐसे विषय पर बात करने वाले हैं, इस विषय के बारे में शायद ही कोई बात करता है या फिर इस पर चर्चा करता है लेकिन इसके बावजूद यह विषय काफी गंभीर विषय है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले महीने यानि सितंबर में हार्ट अटैक से लेफ्टिनेंट कर्नल और कर्नल रैंक के कम से कम 6 सैन्य अधिकारियों की मृत्यु हो चुकी है। इन सभी अधिकारियों की उम्र 40-45 की थी। इसी प्रकार पिछले साल देश के अलग-अलग राज्यों से इस तरह की जो खबरें सामने आई हैं, जो इस बात की ओर इशारा करता है कि भारतीय सेना में जीवन की गुणवत्ता यानी ‘क्वालिटी ऑफ लाइफ’ अच्छी नहीं है, दिन प्रतिदिन यह क्वालिटी बेहद कम होती नजर आती है। जिसके चलते भारतीय सेना के सैनिक तनाव और निगेटिविटी का शिकार हो रहे है। एक रिपोर्ट सामने आई है जिसने बताया गया है कि भारत में हर वर्ष लगभग 1,600 जवानों की मृत्यु युद्ध में नहीं, बल्कि अन्य वजह से हो रही है।

Happy Indian Army Day Quotes, Shayari, Messages, Images | भारतीय सेना दिवस Whatsapp Status

हर साल बिना युद्ध के 1600 सैनिक जान चले जाती है ? | At least 6 Army Officers of the Rank of lt Colonel and Colonel Have Died in the Month of September Due to Sudden Cardiac Arrest
At least 6 Army Officers of the Rank of lt Colonel and Colonel Have Died in the Month of September Due to Sudden Cardiac Arrest

इस बात को छुपाया नहीं जा सकता की सुरक्षाबलों के जीवन में तनाव हमेशा रहा है, लेकिन आज से पहले यह मुद्दा कभी इतना बड़ा नहीं हुआ न ही इस मुद्दे पर कभी ध्यान दिया गया। सेना पर तनाव का कोई निगेटिव असर नहीं पड़े, इसके लिए हमेशा से पर्याप्त सुरक्षा तंत्र मौजूद रहे हैं, लेकिन मौजूदा हालात में माहौल बदलता हुआ दिखाई दे रहा है। बीते 30 से 40 सालों में आर्मी ऑफिसर के रिएक्शंस को लेकर जो रिपोर्ट सामने आई है, उसमें चौंकाने वाले फैक्ट सामने आए हैं, जिसके बारे में हम आपको बताएंगे, जिसे जाने के लिए आर्टिकल को अंत तक पढ़े।

  • 87% ने बताया कि वे काम के दबाव के चलते छुट्टी नहीं ले पाते हैं।
  • 73% ने कहा कि अगर वे छुट्टी लें भी, तो उन्हें काम की वजह से वापस बुला लिया जाता है।
  • 63% ने माना कि काम के चलते उनकी शादीशुदा जिंदगी पर असर पड़ा है।
  • 85% ने बताया कि खाना खाते वक्त भी ऑफिशियल फोन कॉल का जवाब देना पड़ता है

टेक्नोलॉजी का असर

लगातार टेक्नोलॉजी में वृद्धि हो रही है, भारतीय सेना में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के चलते फिजिकल और मेंटल दोनों ही लेवल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। टेक्नोलॉजी का अधिक इस्तेमाल करने के कारण, सैनिकों पर इसका नकारात्मक असर अधिक हो रहा है। सेना के करीब 40% अफसरों ने माना कि वे ‘कॉनस्टेंट चेकर्स’ हैं, और 60% कहते हैं कि वे अपने फोन या टैबलेट से हर वक्त जुड़े रहते हैं।

सेना दिवस मैसेज, SMS, कोट्स, शायरी, स्टेटस, इमेज

जीरो एरर सिंड्रोम

एक स्टडी में पाया गया कि 79 फीसदी सैनिकों ने कहा कि उनके द्वारा किसी भी प्रकार की गलती होने की कोई गुंजाइश ही नहीं है और उन्हें हर समय ‘सही’ होना और सही फैसला लेना होता है, क्योंकि वह उनकी जिम्मेदारी होती है, इसी को ‘जीरो एरर सिंड्रोम’ कहते है और इससे तनाव बढ़ता है। इस रिसर्च से साफ हो चूका है की वर्क-लाइफ को ठीक से बैलेंस करना उतना आसान नहीं है। क्योंकि हमारे जीवन टेक्नॉलॉजी की भूमिका इतनी अधिक हो चुकी है कि हम उसे चाह कर अपने से दूर नहीं कर सकते।

इस रिसर्च में शामिल हुए लोगों ने अपनी राय देते हुए बताया कि उन्हें अपने काम करने की आजादी मिलनी चाहिए, ताकि वे ठीक से काम कर सकें, जैसा वे करना चाहते हैं। एक रिसर्च में पाया गया कि अगर कर्मचारियों को बंदिशों में रखा जाए तो वह अच्छे से काम नहीं कर पाते और वह अपने आप को कमजोर महसूस करते हैं, जिसके बाद वह अपने काम को लेकर स्ट्रेस महसूस करने लगते है।

भारतीय सेना के सैनिकों के साथ हो रही इन दिक्कतों को दूर करना है तो आर्म्ड फोर्सेज को मजबूत करना होगा।अपनी ‘गलतियों को स्वीकार न करने’ वाली हैबिट को दूर करना जरूरी है। इससे ऑफिसर्स कम उम्र में हार्ट की बीमारियों का शिकार होने से बच सकेंगे। इसके साथ ही जीरो एरर सिंड्रोम को खत्म करना भी उतना ही जरूरी है। भारत सरकार को इस मुद्दे पर ध्यान देना होगा, ताकि भारतीय सैनिकों की स्ट्रेस के मृत्यु ना हुए। देश दुनिया से जुड़ी हर एक लेटेस्ट अब जानने के लिए हमारे साथ बने रहे

सेना दिवस मैसेज, SMS, कोट्स, शायरी, स्टेटस, इमेज

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here