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भारत ने पोखरण में किया सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण

भारत ने पोखरण में किया सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण: भारत ने रक्षा के क्षेत्र में आज गुरुवार को एक और छलांग लगाई है| भारत ने राजस्थान के पोखरण में सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण कर अपनी रक्षा शक्ति को बढ़ाया| बता दें की यह मिसाइल एक दम सटीक निशाना लगाने में सफल रही है| ये किसी भी चिन्हित निशाने को मर गिरा सकती है| भारत की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस सफलता पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) को बधाई दी है| बता दें की यह एक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जो 290 किलोमीटर तक के एरिया में लक्ष्य को मार गिरा सकती है| यह मिसाइल काफी कम ऊंचाई पर से आने वाली किसी भी प्रकार की बैलिस्टिक मिसाइल को बीच रास्ते में ही नष्ट करने के सक्षम है|

भारत ने पोखरण में किया सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण

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बता दें की आज से पहले भी इस मिसाइल का सफल परिक्षण किया जा चूका है| पिछले साल नवंबर महीने में ब्रह्मोस को फाइटर जेट सुखोई दागा गया था, जो कामयाब रहा था| सुखोई और ब्रह्मोस की जोड़ी को डेडली कॉम्बिनेशन के नाम से भी जाना जाता है| सूखाई-30 फुल टैंक ईंधन के साथ 2500 किलोमीटर तक की दूरी तक निशाना साध सकता है| ब्रह्मोस की गति 2.8 मैक (ध्वनि की रफ़्तार के बराबर) है। इस मिसाइल की रेंज 290 किलोमीटर है और ये अपने साथ 300 किलोग्राम भारी युद्धक सामग्री भी ले जा सकती है। कुछ समय पहले आई खबरों के अनुसार ब्रह्मोस जैसी क्षमता वाली मिसाइल अभी तक चीन और पाकिस्‍तान ने विकसित नहीं की है।

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ब्रह्मोस को गेम चेंजर मिसाइल भी माना जाता है जो पलभर में ही दुश्मनों का पासा पलट सकने में सक्षम है। भारतीय वायु सेना अब पाकिस्तान के इलाके में जाए बिना ही पेशावतर तक आसानी से निशाना साध सकती सकती है।

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बता दें की भारत ने क्रजू मिसाइल ब्रह्मोस का निर्माण रूस की मदद से किया है| इस मिसाइल है नाम ब्रह्मोस, भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस के मस्कोवा नदी के नाम पर रखा गया है| ब्रह्मोस की सबसे खास बात यह है की ये मिसाइल पलक झपकते ही दुश्मन के ठिकानों को मिटटी में मिला सकती है| इसकी मारक क्षमता और सटीकता के आगे सब फ़ैल है| भारत का मिसाइल कार्यक्रम विश्वस्तरीय है और ऐसे में ब्रह्मोस का सफल परिक्षण इसका एक बड़ा कदम है|

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