Basoda Festival 2023 Date & Time, Vrat Story And Puja Rituals: नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं होली के त्यौहार के बाद आने वाली सप्तमी या अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी मनाई जाती है इस दिन शीतला माता की पूजा की जाती है और उन्हें बासी पकवानो का भोग लगाया जाता है। इस त्यौहार को बासोड़ा पूजन के नाम से भी जाना जाता है। शीतला अष्टमी के एक दिन पहले कई तरह के पकवान तैयार किये जाते हैं। इसके बाद अष्टमी के दिन माता को बसी पकवानो का भोग लगाया जाता है। इस त्यौहार हो उत्तर भारत में मनाया जाता है। राजस्थान में इस त्यौहार को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह अष्टमी कई जगाओ पर अलग अलग नाम से मनाया जाता है जैसे की बसोडा, लसोड़ा और बसियौरा। इस त्यौहार को चैत्र मास की कृष्ण पक्ष सप्तमी अष्टमी को है। इस बार यह पर्व रविवार 14,15 मार्च 2025 को है।
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- चैत्र कृष्णपक्ष अष्टमी तिथि प्रारंभ: 14 मार्च 2023, रात 08:22
- चैत्र कृष्णपक्ष अष्टमी तिथि समाप्त: 15 मार्च 2023, शाम 06:45
शीतला अष्टमी की पूजा काफी अलग होती है। शीतलाष्टमी से एक दिन पहले यानि सप्तमी तिथि पर काफी तरह से अलग अलग पकवान बनाये जाते हैं। फिर अष्टमी तिथि को उन्ही बासी पकवानो से शीतला माता की पूजा की जाती है। मन जाता है की इस दिन भोजन नहीं बनता बल्कि जो भोग के रूप में माता को चढ़ाया जाता है उसे ही प्रसाद के रूप में ग्रेहेण किया जाता हैं। ऐसा करने के पीछे भी एक बड़ा कारण है की इस समय से ही बसंत का मौसम ख़त्म हो जाता है और गर्मियां शुरू हो जाती हैं। इसीलिए इस दिन के बाद से हमें बासी भोजन ग्रेहण नहीं करना होता है।
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इस मंत्र के जप से करें मां शीतला की आराधना
”ॐ ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः”
वन्देऽहंशीतलांदेवीं रासभस्थांदिगम्बराम्।
मार्जनीकलशोपेतां सूर्पालंकृतमस्तकाम्।।
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