इंकलाब जिंदाबाद दोस्तों, केवल 23 वर्ष की उम्र में 23 मार्च 1931 को शहीदे आजम भगत सिंह और उनके मित्र सुखदेव और राजगुरु हंसते हंसते फांसी के फंदे पर छोड़ गए। 89 साल बाद भी भगत सिंह राजगुरु सुखदेव देश के युवाओं के अंदर जिंदा है। भाग सिंह अपनी विचारधारा और अपने बेबाक अंदाज के कारण युवाओं को काफी पसंद आते हैं, भगत सिंह की विचारधारा को आज भी बहुत से युवा फॉलो करते हैं। लेकिन आज हम इस आर्टिकल में आपसे बात करने वाले हैं शहीद भगत सिंह से जुड़े कुछ रोचक तथ्य (Facts) के बारे में, तो चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते हैं पढ़ते है Facts About Bhagat Singh in Hindi.
शहीद-ए-आजम भगत सिंह शायरी | Shaheed Bhagat Singh Shayari in Hindi ( 23 March Shaheed Diwas )
Facts About Bhagat Singh in Hindi
आपको बता दें कि जब भगत सिंह छोटे थे, तो वह खेत में बंदूक की खेती करने के लिए कहां करते थे।
भगत सिंह बचपन से ही ब्रिटिश राज यानी अंग्रेजी शासन के खिलाफ थे।
जलियांवाला बाग हत्याकांड के वक्त भारत सिंह जी की उम्र केवल 12 साल थी।
जलियांवाला बाग कांड की खबर जैसी भगत सिंह को पता चली, वह स्कूल से भागकर जलियांवाला बाग पहुंच गए थे।
जलियांवाला बाग में मारे गए लोगों की खून से संधि मिट्टी को भगत सिंह ने अपनी बोतल में भर लिया था।
भगत सिंह जलियांवाला बाग की मिट्टी की रोजाना पूजा करते थे।
भगत सिंह ने सेंट्रल एसेंबली पर ब्रिटिश सरकार को डराने के मकसर से बम फेंका था।
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भगत सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर कम तीव्रता वाले बम का निर्माण किया था।
भगत सिंह ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ते समय ” इंकलाब जिंदाबाद ” का नारा दिया था।
लेनिन, मार्क्स और ट्रॉटस्काई को पढ़ते-पढ़ते भगत सिंह एक नास्तिक बन गए थे।
भगत सिंह 1 पंजाबी थे, उन्होंने अपने सिख धर्म को भी त्याग दिया था।
भाग सिंह सिर्फ एक क्रांतिकारी नहीं बल्कि एक, अच्छे लेखक भी थे।
भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को समय से पहले फांसी दी गई थी।
तीनों शहीदों का अंतिम संस्कार चोरी छुपे किया गया था।
भगत सिंह के माता पिता उनकी शादी करवाना चाहते थे, शादी से बचने के लिए वह घर छोड़कर कानपुर चले गए थे।
भगत सिंह ने लाला लाजपत राय की मौत का बदला सुखदेव के साथ मिलकर लिया था।
भगत सिंह ने जेल में 116 दिन की भूख हड़ताल की थी।
भगत सिंह राजगुरु सुखदेव को 23 मार्च 1931 को शाम 7:30 बजे फांसी दी गई थी।
भगत सिंह का आखरी नारा “ब्रिटिश साम्राज्यवाद का नाश हो” यह था।
भगत सिंह की आखिरी इच्छा फांसी की वजह गोली से मरना था।
भगत सिंह कोट्स | Bhagat Singh Quotes in Hindi