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Plastic Pollution Essay in Hindi | प्लास्टिक मुक्त भारत पर निबंध | Advantages and Disadvantages of Plastic

Plastic Pollution (प्लास्टिक प्रदूषण) Essay in Hindi: हमारी धरती पर पोलूशन यानी प्रदूषण बहुत तेजी से बढ़ रहा है, जिसके काफी कारण है, उन्हीं में से एक सबसे बड़ा कारण प्लास्टिक का उपयोग करना है। प्लास्टिक के कारण पृथ्वी पर बहुत तेजी के साथ प्रदूषण बढ़ रहा है, इसका सीधा प्रभाव पृथ्वी पर रह रहे मनुष्य जाति पर पढ़ रहा है। एक समय ऐसा आएगा कि इंसानियत को अपने प्लास्टिक के इस्तेमाल पर शर्मिंदगी आएगी, लेकिन हमने सही समय पर प्लास्टिक से हो रहे प्रदूषण पर नियंत्रण नहीं पाया, तो आने वाले कुछ सालों में अमित प्लास्टिक से होने वाली पोलूशन का काफी बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। आजम इस आर्टिकल में इसी विषय पर बात करने वाली है, तो चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते है, भारत को प्लास्टिक मुक्त देश कैसे बनाया जाए।

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भारत सरकार प्लास्टिक से होने वाले पोलूशन के नुकसान को बखूबी जानती हैं, यही कारण है कि कई सालों से सरकार इस बात पर काफी चर्चा कर चुकी है कि प्लास्टिक को बंद कर देना चाहिए, इसी चरण में सरकार ने पॉलिथीन का बहिष्कार करने के लिए काफी स्लोगन, कोट्स, शायरी, इत्यादि बनाए है। जिसमें से कुछ इस प्रकार “पॉलिथीन हटाओ पर्यावरण बचाओ” say no to plastic इन लायंस का इस्तेमाल करके हम अपने आसपास के लोगों को पॉलिथीन से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक कर सकते हैं। वही हमने एक “प्लास्टिक मुक्ता भरत निबन्ध हिंदी में” आपके लिए लिखा है, जिसे आप आपने स्कूल के नोटिस बोर्ड या फिर अपनी स्कूल मैगज़ीन में छपवा सकते है। इसके अलावा निचे “प्लास्टिक मुक्त भारत” पर शॉर्ट लाइन्स दी है, जिनका इस्तेमाल आप अपने व्हाट्सप्प, फेसबुक इत्यादि पर शेयर कर सकते है।

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प्रस्तावना | Introduction

पुरे देश में प्लास्टिक प्रदुषण की समस्या बहुत बढ़ गई है और यह हमारे देश के लिए बहुत सहिंता का विषय है। इसको रोकने के लिए साकार कई तरह क अभियान आयोजन करनी रहती है। जिससे की देश में बढ़ते प्रदुषण को रोका जा सके। प्लास्टिक एक ऐसा पदार्थ है जो लम्बे समय ताका रहता है और पर्यावरण को दोषित करता रहता है। प्लास्टिक पॉलीथिन का उपयोग हम अपनी रोज़ाना की ज़िन्दगी में करते हैं। इसीलिए ज़िम्मेदार नागरिक होने के नाते हमें अपने देश को इस समस्या से निकलने मे योगदान देना चाहिए। साथ ही हमें अपने आस पास के लोगो में भी इसी चीज़ की जागरूकता फैलानी चाहिए।

प्लास्टिक प्रदूषण के कारण | Causes for Plastic Pollution

1.) किफायती और उपयोग में आसान :- प्लास्टिक को कोई भी आकर देना काफी आसान होता है। इसी वजह से कोई भी प्लास्टिक की चीज़ को बनाने में ज़्यादा समय भी नाही लगता। प्लास्टिक का सामान बाजार में काफी सस्ते दामों में मिलता है और इसीलिए लोग इससे भरी मात्रा में खरीदते हैं। जिससे प्रदुषण की मात्रा और भी बढ़ जाती है।

2.) नान-बायोग्रेडबल :- प्रॉस्टिक एक नान बायोग्रेडबल पदार्थ है जो ज़मीन पर विघटित रहता है और कई हज़ारो वर्षो तक रहता है। जिसकी वजह से जल, वायु और भूमि प्रदूषित होती है।

3.) प्लास्टिक क्षय होता है परंतु विघटित नही होता है :- प्लास्टिक का सामान लम्बे समय के बाद पड़े पड़े बहुत छोटे छोटे टुकड़ो में विभाजित हो जाता है। साथ ही मिटटी और पानी में भी मिल जाता है जिसके कारण प्रदुषण और भी बढ़ जाता है।

प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के उपाय | Ways to prevent Plastic

1.) प्लास्टिक उत्पादन पर नियंत्रण करके
2.) प्लास्टिक के वस्तुओ पर प्रतिबंध लगाकर
3.) जागरुकता फैलाकर
4.) प्लास्टिक बैगों का उपयोग ना करके
5.) बोतलबंद पानी का उपयोग बंद करके
6.) बाहर का खाना मंगाना बंद करके
7. ) पुनरुपयोग
8.) किराने का सामान थोक में खरीदकर

प्लास्टिक से लाभ और हानि | Advantages and Disadvantages of Plastic

1.) प्लास्टिक वज़न में बहुत हल्का होता।
2.) यह काफी मज़बूत होता है इसीलिए इसका प्रोडक्शन बहुत ज़्यादा होता है।
3.) यह किसी भी जगह बड़ी ही आसानी से और बहुत सस्ते दाम में मिल जाता है।
4.) इसे हम कई तरह की चीज़े बनाने में इस्तेमान कर सकते हैं। जैसे की पानी की बोतल, पेन, कप और प्लास्टिक की       थैली।
5.) इसको बड़ी ही आसानी से किसी भी आकार में ढला जा सकता है।

1.) प्लास्टिक को जलने से वायु प्रदूषित होती है। क्यूंकि इससे निकलने वाला धुआँ ज़हरीला होता है।
2.) यह गैर नवीकरण संसाधन है।
3.) इसका ज़हरीला धुआँ कैंसर जैसी बिमारियों को बढ़ावा देता है।

प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को रोकने के उपाय

1.) इससे बनने वाले चीज़ो का इस्तेमाल न करें।
2.) प्लास्टिक से बनने वाले सामान का लम्बे समय तक प्रयोग करें जब तक वह ख़राब न हो जाये।
3.) दुकानों से सामान लेते वक़्त उसे कपडे के थैले में डाले।
4.) खाने की वस्तुओ में स्टील या मिटटी के बर्तनो का उपयोग करें।
5.) इससे बनने वाले वस्तुओं का बहिष्कार करें।

प्लास्टिक का वर्गीकरण। Classification of Plastic

  • 25 mm से अधिक – मैक्रोप्लास्टिक(Maicroplastic)
  • 5-25 mm – मेसोप्लास्टिक(Mesoplastic)
  • 0.1 – 5 mm – माइक्रोप्लास्टिक(Microplastic)

हम ऐसे ही छोटी छोटी चीज़ो का ध्यान रखके प्लास्टिक के उपयोग को काम कर सकते हैं। ऐसा करने से हमारा पर्यावरण दूषित होने से भी बचेगा और लोग अनेक तरह की बिमारिओं से अपना बचाव कर सकते हैं। हमारी आगे आने वाली पीढ़ी को प्रदूषण से बचने के लिए हमें ये कदम उठाना ही पड़ेगा। 800 

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