Janmashtami Vrat Puja ka Shubh Muhurat 2023: जन्माष्टमी का व्रत 2023 06 या 07 अगस्त पूजा का शुभ मुहूर्त आज ज़रूर करेंगे एक दान। जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव का पर्व है। यह त्योहार हर साल भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। प्राचीन कथाओं के अनुसार श्री कृष्ण जी का जन्म मथुरा नगरी में भाद्रपद कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि के दिन हुआ था।इस दिन भगवान श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त करने के लिए भक्त उपवास रखकर उनकी पूजा अर्चना करते है। आज हम आपको साल 2023 जन्माष्टमी पर्व शुभ तिथि पूजा का शुभ मुहूर्त पूजा तिथि पारण मुहूर्त और इस दिन सुख समृद्धि प्राप्त करने के लिए पारण के बाद किस चीज़ का दान करना चाहिए। इस बारे में बताएँगे।
Krishna Janmashtami 2023 Kab Hai Date Time Shubh Muhurat जन्माष्टमी पर करे ये दान
जन्माष्टमी तिथि व् शुभ मुहूर्त 2023
अन्य शहरों में कृष्ण जन्माष्टमी मुहूर्त
- 12:10 ए एम से 12:56 ए एम, सितम्बर 07 – पुणे
- 11:57 पी एम से 12:42 ए एम, सितम्बर 07 – नई दिल्ली
- 11:44 पी एम से 12:31 ए एम, सितम्बर 07 – चेन्नई
- 12:02 ए एम से 12:48 ए एम, सितम्बर 07 – जयपुर
- 11:51 पी एम से 12:38 ए एम, सितम्बर 07 – हैदराबाद
- 11:58 पी एम से 12:43 ए एम, सितम्बर 07 – गुरुग्राम
- 11:59 पी एम से 12:44 ए एम, सितम्बर 07 – चण्डीगढ़
- 11:12 पी एम से 11:58 पी एम – कोलकाता
- 12:14 ए एम से 01:00 ए एम, सितम्बर 07 – मुम्बई
- 11:55 पी एम से 12:41 ए एम, सितम्बर 07 – बेंगलूरु
- 12:15 ए एम से 01:01 ए एम, सितम्बर 07 – अहमदाबाद
- 11:56 पी एम से 12:42 ए एम, सितम्बर 07 – नोएडा
Janmashtami ki Kahani in Hindi जन्माष्टमी की कहानी, जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है ?
जन्माष्टमी व्रत पूजन विधि
जन्माष्टमी के व्रत में अष्टमी तिथि के दिन उपवास पूजन शुरू होकर नवमी के दिन पारण होने के बाद व्रत पूर्ण माना जाता है।व्रती को एक दिन पूर्व सप्तमी को सात्त्विक भोजन ग्रहण कर अगले दिन अष्टमी तिथि को प्रातः स्नानादि से निव्रत होकर सभी देवी देवताओं को प्रणाम कर व्रत का संकल्प लेकर व्रत प्रारम्भ करना चाहिए। अब देवी जी के लिए प्रसुति ग्रह बनाए और शुभ कलश स्थापित करे साथ ही वहा भगवान श्री कृष्ण जी के बाल स्वरूप की प्रतिमा स्थापित कर ले और उन्हें झूला झुलाये और विधिवत पूजन करे।श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2023 कोट्स, शायरी, Happy Krishna Janmashtami Sms Wishes Quotes Shayari
कृष्ण जन्माष्टमी व्रत के नियम
जन्माष्टमी उपवास के दौरान फहलार करना चाहिए।जन्माष्टमी का व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण के बाद खोलना चाहिए। जन्माष्टमी का पारण सूर्योदय के पश्चात अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के समाप्त होने के बाद ही करना शुभ होता है।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2023 शुभ मुहूर्त, व्रत कथा, पूजा विधि, महत्व
जन्माष्टमी पारण दान
मान्यता है की जन्माष्टमी का व्रत रखने, इस दिन श्री कृष्ण जी की पूजा करने और व्रत का पारण कर कुछ चीज़ों का दान करने से व्यक्ति को दीर्घायु सुख- समृद्धि और साथ ही मनोकामना पूर्ति होती है। तो चलिए जानते है इस दिन किन चीज़ों का दान करना शुभ होता है।
व्रत के अगले दिन पारण कर किसी ब्राह्मण को अन्न, वस्त्र व मुद्रा का दान करने से समृद्धि प्राप्त होती है। इस दिन फल और अनाज जरूरतमंदो को दान करने से सफलता की प्राप्ति होती है।
भगवान श्री कृष्णा पीताम्बर धारी है। इसलिए जो व्यक्ति जन्माष्टमी के दिन व्रत के बाद जरूरतमंदो को पीला रंग के वस्त्र व अनाज का दान करते है। तो उसे धन धान्य का वरदान मिलता है।और पूरे वर्ष उसपर महालक्ष्मी की कृपा बरसती रहती है। इसी प्रकार की जानकारी जानने के लिए हमारे साथ बने रहे।
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