हेलो सर नमस्कार, हाथरस गैंगरेप मामले के बाद बक्सर जिले के मुरार थाना क्षेत्र का एक गांव ओझाबरांव इन दिनों चर्चाओं में चल रहा है, आखिरकार क्यों यह गांव क्यों चर्चा में है ? दरअसल महादलित महिला के साथ कुछ लोगों ने मिलकर गैंगरेप किया और महिला के 5 साल के बच्चे जो की एक लड़का था, जिसकी हत्या कर दी है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीते 5 दिनों पहले माँ और बच्चा दोनों को बांधकर गांव की ही एक नहर में फेंक दिया गया था।खबर सामने आई थी की 5 साल के बच्चे की मृत्यु हो चुकी है, लेकिन पीड़िता इस बात को सिरे से नकार रही है, आगे हम आपको बातएंगे की आखिरकार यह पूरा मामला क्या है ? जिसे जानने के लिए आर्टिकल को अंत तक पढ़े।
मंगलवार को जानकारी मिली थी कि वह बक्सर सदर अस्पताल में भर्ती है। लेकिन जब बुधवार को वीडियो कर्मी अस्पताल पहुंचे तो उन्हें अस्पताल में पीड़ित और ना ही पीड़ित के कोई परिजन मिले। अस्पताल के कर्मचारियों से इस मामले पर पूछताछ की गई तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया कि यहां पर ऐसी कोई महिला नहीं आई। लेकिन वही के कुछ लोगों ने बताया कि महिला अस्पताल पहुंची थी लेकिन वह वापस चली गई थी। लेकिन मीडिया कर्मियों को वहां से कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई। इसके बाद बक्सर के एसपी नीरज कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में कोई भी जानकारी नहीं देंगे। जानकारी नहीं मिली तो पीड़ित के गांव में पूछताछ की गई, पीड़ित के घर के बाहर उसका भाई था, जिस से पूछताछ की गई तो भाई ने बताया कि उसकी बहन अस्पताल में एडमिट है।
पीड़ित मां का रो रो कर बुरा हाल है पीड़ित की मां इंसाफ की गुहार लगाते हैं कहती है कि हमें कोई धन दौलत नहीं चाहिए, जिसने मेरी बेटी साथ दरिंदगी की है और उसके बच्चे को मारा है, उसी तरह उसको भी सजा मिलनी चाहिए। हमारी एक ही मांग है कि उन दरिंदों फांसी दी जानी चाहिए। साथ ही साथ पीड़ित की मां ने पुलिस पर भी सवाल उठाए हैं की जब उनकी बेटी पूरी तरह से समझते हैं तो क्यों नहीं फिर अस्पताल में क्यों एडमिट क्यों किया गया है, और उनकी बेटी को अस्पताल से छुट्टी क्यों नहीं दी जा रही ?
कुछ महत्वपूर्ण सवाल?
- पीड़ित को आखिरकार नजर बंद क्यों रखा गया है ?
- पीड़ित के पिता पुलिस की कस्टडी में क्यों है?
- पुलिसिया या उच्च अधिकारी इस मामले पर क्यों आधिकारिक बयान नहीं दे रहे ?
- पीड़ित के लिए अस्पताल में खाने की व्यवस्था क्यों नहीं है ?
- अपराधी कौन है, और उन्हें अभी तक पकड़ा क्यों नहीं गया ?
- पुलिस की कार्रवाई कहां तक पहुंची है ?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ित और आरोपी दोनों एक ही गांव के हैं। इसमें से एक आरोपी जो गिरफ्तारकर लिया गया है। आरोपी और पीड़ित दोनों एक ही जाति के हैं, इसलिए गांव के लोग इस मामले पर बोलने से कतरा रहे हैं। इसके अलावा बिहार में कुछ समय बाद चुनाव होने वाले हैं, और इस गांव में पहले चरण की वोटिंग से वोटिंग शुरू होने वाली है।इसलिए राजनीतिक पार्टियां फूंक-फूंककर कदम रख रही हैं। इस मामले को मीडिया में आने से रोका जा रहा है पूरी कोशिश की जा रही है कि यह मामला लोगों के सामने ना आए।
इन सभी सवालों पर से पर्दा उठाने के लिए हम सभी को एकजुट होना होगा और पीड़ित और पीड़ित के बच्चे को इंसाफ दिलाने के लिए आवाज उठानी होगी, जिससे उन दोनों को इंसाफ मिल सके और दोषियों को फांसी की सजा दिलवाई जा सके।आए दिन हमें इस प्रकार के मामले सुनने को मिलते रहते हैं, पिछले कुछ दिनों से मनीषा वाल्मीकि और एक 6 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया था, ऐसी कितने ही मामले देश में सामने आते रहते हैं। इन अपराधों को रोकने के लिए भारत सरकार को एक सख्त कानून लागू करना चाहिए, ताकि यौन शोषण और गैंगरेप जैसे अपराध करने से पहले लोगो के मन सजा का डर हो। आप हमारी इस बात से सहमत हैं तो आप इस आर्टिकल को आपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते हैं। देश दुनिया से जुड़ी हर लेटेस्ट अपडेट जाने के लिए हमारे साथ बने रहे।