एनपीआर का मतलब क्या है? | What is NPR Full Form | कब से होगी शुरू: मोदी कैबिनेट ने नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर यानि एनपीआर को अपडेट करने को मंजूरी दे दी है। एनपीआर को 2021 की जनगणना के साथ अपडेट होगा। बता दें की जनगणना का काम 1 अप्रैल 2020 से शुरू होगा। पहली बार एनपीआर साल 2011 की जनगणना के समय तैयार किया था। अब यह 2021 की जनगणना के लिए अपडेट होगा। पिछली बार की तुलना में इस बार एनपीआर में कुछ व्यापक जानकारी मांगी जा सकती है।
एनपीआर का मतलब क्या है?
एनपीआर जनगणना का एक हिस्सा है। जिसे जनगणना से पहले अपडेट किया जाता है। एनपीआर को तैयार करने के लिए भरे जाने वाले फॉर्म में व्यक्ति से उनकी निजी जानकारी के अलावा माता-पिता के जन्म स्थान के बारे में भी पूछा जाएगा। एनपीआर में नागरिकता की जो जानकारी दी स्वघोषित होती है। इसका मतलब यह हुआ की यह आप पर निर्भर करता है की आप क्या जानकारी देते है और यह जानकारी किसी की नागरिकता का सबूत नहीं होती।
What is NPR Full Form
एनपीआर का उदेश्य है की सरकारी योजनाओं के अंतर्गत दिया जाने वाला लाभ सही व्यक्ति को मिले और जिसे यह लाभ मिल रहा है उसकी पहचान की जा सके। देश की सुरक्षा में सुधार करना और आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने में मदद मिल सके। देश में पहली बार एनपीआर रजिस्टर साल 2010 में तैयार किया गया था। अब दस साल बाद इसे अपडेट किया जा रहा है।
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में पूछी जाएंगी ये 15 जानकारियां ?
- व्यक्ति का नाम क्या है ?
- परिवार के मुखिया से उसका संबंध क्या है?
- माता-पिता का नाम, वैवाहिक स्थिति, शादीशुदा होने पर पति/पत्नी का नाम, लिंग, जन्म स्थान, नागरिकता, वर्तमान पता, पते पर रहने की अवधि, स्थायी पता, पेशा और शैक्षणिक स्थिति की भी जानकारी देनी होगी?
- इसमें आपके पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और आधार से जुड़ी जानकारियां भी मांगी जा सकती हैं
- ये भी पूछा जाएगा कि आप जहां रह रहे हैं वहां क्या छह महीने से रह रहे हैं और क्या आगे 6 महीने तक रहने की संभावना है ?
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रजिस्टर की मौजूदा स्थिति क्या है
- 2011 जनगणना के लिए 2010 में डेटा जमा किया गया था
- 2015 में घर-घर जाकर सर्वे अपडेट किया गया
- अपडेट जानकारी का डिजिटलाइजेशन हो चुका है
- 2021 जनगणना के साथ इसे अपडेट किया जाएगा
- 2020 में असम को छोड़कर इसे अपडेट किया जाएगा