मोदी कैबिनेट ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को दी मंजूरी, जल्द हो सकता है देश के पहले CDS के नाम का ऐलान: देश की तीनों सेनाओं थलसेना नौसेना और वायुसेना के बीच ठीक से तालमेल बनाने के लिए देश के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानि सीडीएस के नाम की घोषणा जल्द ही हो सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मोदी कैबिनेट ऑफ डिफेन्स स्टाफ का पद बनाने के लिए सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति के द्वारा पेश की गई रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) ने गृह मंत्रालय में हुई हाई लेवल मीटिंग में CCS की रिपोर्ट पेश की थी. इस मीटिंग में पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह के अलावा, तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद रहे।
सूत्रों से पता चला है की देश के पहले चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ की रेस में थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत का नाम सबसे आगे चल रहा है। ऐसा बताया जा रहा है सीडीएस सीधे पीएमओ को रिपोर्ट करेंगे और सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट की कमिटी में वह सैन्य बलों की ओर से सिंगल विंडो से सलाह देंगे.
साल 1999 में कारगिल युद्ध के बाद तत्कालीन डिप्टी पीएम लाल कृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता में गठित ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GOM) ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद की सिफारिश की गई थी, जिसका मकसद था की तीनों सेनाओं के बीच सही तालमेल बैठाया जा सके। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने सीडीएस पद बनाने की घोषणा की थी। जिसको अब अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
Delhi: Jammu and Kashmir Lt Governor GC Murmu, Army Chief General Bipin Rawat and CRPF DG Rajeev Rai Bhatnagar have reached Home Ministry for a high level meeting. pic.twitter.com/usWPpoYG0I
— ANI (@ANI) December 24, 2019
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अमेरिका, चीन, यूके, जापान सहित दुनिया के कई देशों के पास चीफ ऑफ डिफेंस जैसी व्यवस्था है. नॉटो देशों की सेनाओं में ये पद हैं. बताया जा रहा है कि विस्तृत भूमि, लंबी सीमाओं, तटरेखाओं और राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियों को सीमित संसाधनों से निपटने के लिए भारत के पास एकीकृत रक्षा प्रणाली के लिए चीफ ऑफ डिफेंस पद की काफी जरूरत थी.