विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2018: हर रोज तंबाकू के सेवन से 2739 लोग मरते है: आज 31 मई है| आज के दिन दुनियाभर के देशों में विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है| इस दिन को सेलिब्रेट करने के पीछे तंबाकू से दूर रहने और इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के मकसद से यह दिवस मनाया जाता है| तंबाकू के सेवन से मुँह की कई ऐसी बीमारियां होती है जो लाइलाज बन जाती है| विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने तंबाकू व धूम्रपान जैसे अन्य उत्पादों से होने वाली बीमारियों और मौतों की रोकथाम के ध्यान में रखते हुए इस साल की थीम ‘टोबेको और कार्डियो वेस्कुलर डिसीज (तंबाकू और हृदय रोग )’ रखी है|
विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2018
आईएएनएस के आंकड़े बताते हैं कि पूरे देशभर में लगभग 2739 लोग तंबाकू व अन्य धूम्रपान प्रोडक्ट की वजह से कैंसर व अन्य बीमारियों से हर रोज दम तोड़ देते हैं| वहीं मध्यप्रदेश में मौत का यह आंकड़ा करीब 348 है| वायस ऑफ टोबेको विक्टिम्स (वीओटीवी) के पैट्रन व कैंसर सर्जन डॉ़ टी़पी़ साहू ने आईएएनएस को जानकारी दी कि ‘दुनिया में कार्डियो-वेस्कुलर से होने वाली मौत और अक्षमता की रोकथाम के लिए तंबाकू पर रोक सबसे सही कदम है| धूम्रपान से हृदय रोग का खतरा काफी बढ़ जाता है साथ ही तंबाकू का धुआं रहित रूप भी समान रूप से काफी हानिकारक होता है|
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उन्होंने बताया कि ‘ग्लोबल एडल्ट तंबाकू सर्वेक्षण’ (जीएटीएस-दो) 2016-17 के मुताबिक, भारत में धुआं रहित तंबाकू का सेवन धूम्रपान से कहीं ज्यादा है| वर्तमान में 42.4 फीसदी जिनमें से पुरुष, 14.2 फीसदी, महिलाएं और सभी वयस्कों में 28.8 प्रतिशत धूम्रपान करते हैं या फिर धुआं रहित तम्बाकू का सेवन करते हैं| आंकड़ों के मुताबिक इस समय 19 प्रतिशत पुरुष, 2 फीसदी महिलाएं और 10.7 फीसदी वयस्क धूम्रपान करते हैं, जबकि 29.6 फीसदी जिनमें से पुरुष 12.8 फीसदी, 21.4 प्रतिशत महिलाएं और वयस्क धुआं रहित तंबाकू का उपभोग करते हैं| 19.9 करोड़ लोग धुआं रहित तंबाकू का इस्तेमाल करते हैं जिनकी संख्या सिगरेट या बीड़ी का उपयोग करने वाले 10 करोड़ लोगों से कहीं ज्यादा हैं|
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विश्व तम्बाकू दिवस पर लोगों को जागरूक करने के लिए कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है| दुनियाभर के देशों में सरकार और गैर-सरकारी संगठन मिलकर इसके खिलाफ अभियान भी छेड़े हुए है| हर भारत में भारत सरकार विज्ञापन आदि के माध्यम से लोगों को तम्बाकू जानलेवा है इसके लिए जागरूक करती रहती है| लेकिन इसका कुछ ज्यादा खास असर दिखाई नहीं दे रहा है|