नमस्कार दोस्तो आज की जानकारी में नारी शक्ति (Nari Shakti) पर बेहतरीन कविता का प्रदर्शन किया गया है। मानव जीवन जो आज हम जी रहे हैं वे सिर्फ नारी की वजह से ही संभव है। एक नारी ही बच्चे को 9 महीने पेट मे रखकर जन्म देती है। आज जिस दुनिया मे हम रहते हैं वे सब एक नारी की वजह स्व ही संभव है।
महिला दिवस पर कविता (Kavita) | Women’s Day Poem in Hindi
नारी शक्ति पर कविता हिंदी में | Poem On Nari Shakti In Hindi
आज भी नारी हमारे घर मे है जैसे कि माँ बहन दादी नानी मौसी चाची ये सब नारी का ही तो है। बस, ट्रैन या फिर किसी भी गांव में नारी दिखाई दे तो उनका सम्मान करना चाहिए। आज की सभी कविताएं नारी शक्ति पर आधारित है। साथ ही साथ एक जरुरी बात बताना चाहते हैं कि हर साल महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाता है।
International Women’s Day (अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस) Image Pic Picture Wallpaper DP for WhatsApp FB
शीर्षक – वो इक नारी हैवो घर से निकलती हैनया इक माकाम बनाती हैवो घर आ कर अपनी भूमिका भीखूब निभाती हैवो इक नारी है , वो इक नारी है ।माँ बनकर ममता की बौछार लगाती हैपत्नी बनकर सुख – दुःख में साथ निभाती हैबहन बनकर कितना स्नेह लुटाती हैहर रूप में लगती प्यारी हैवो इक नारी है , वो इक नारी है ।कहने को तो वो है बहुत महाननारी है नर की खानफिर भी मिलता नहीं उसकोउसका उचित स्थानआओ हम सब मिलकरनारी का सम्मान करें“उस पर गर्व करें आभिमान करेंउस पर गर्व करें आभिमान करें “– रश्मि शुक्ल रीवा (म.प्र)
नरी पर कविता Nari Shakti Kavita
नारी भगवान की वे देन होती है जोकि घर के अंदर और बाहर दोनो जगह का ध्यान रखती है। एक नारी अपने जीवन में कई किरदार निभाती है जैसे कि माँ बहन बेटी और एक सहेली का किरदार निभाती है। नारी कहने को काफी ज्यादा महान है लेकिन फिर भी समाज मे उसे सही स्थान नही मिल पाता है।
शीर्षक – नारी : अबला नहीं सबलाकोमल है कमजोर नहींअब साबित कर दिखाना हैआजादी की नींव खोदकरप्रगति का पत्थर लगाना हैदया और माया की मूरतजब बनती महतारी हैरौद्र रूप कर लेती धारणगर सामने अत्याचारी हैअपने साहस के दम परअब नवल इतिहास बनाना हैबेङियों को तोङकरबस आगे कदम बढ़ाना है।– दीपाली गुप्ता
चलो मिलकर नारी का सम्मान करें।
आज वे दिन आ गया है कि एक साथ मिलकर नारी का सम्मान करना चाहिए। नारी मात्र दिखने में कोमल होती है लेकिन वे कमजोर नही है। यही कोमल नारी जब चंडी का अवतार धारण करती है तो राक्षसों का अंत कर देती है। नकरात्मक शक्ति इनके पास आने से डरती है। महिला या नारी वे है जोकि लिबास पहने एक शेरनी की तरह मैदान में उतर जाती है।
महिला दिवस पर कविता (Kavita) | Women’s Day Poem in Hindi
Nari shakti Poem नारी शक्ति पर पोएम
क्षीण नहीं,अबला नहीं,ना ही वह बेचारी है,जोश भरा लिबास पहने,गर्व से चलती,आज की नारी है।त्याग की सूरत,ममता की मूरत,तो कभी देवी का प्रतिरूप कही,जैसी जिसने मांग करी,वह ढलती उसके स्वरूप रही।आजादी के सफर में,अबतंग गलियों का रुख मोड़ रही है,प्रतिबंध की दीवारों को,हौसलों के हथौड़े से वह तोड़ रही है।लड़की हो,तुमसे नहीं होगा,यह बातें अब सारी धुआं है,ऐसा कोई क्षेत्र बता दो, जिसमें,नारी ने बुलंदियों को नहीं छुआ है।योद्धा बनी वह हर परिस्थिति में,उसके होने से जीवन में जान है,झंकार है उसकी पायल से,नहीं तो आंगन सूना और वीरान है।।– कीर्ति
Best Poem On Nari Shakti In Hindi
हमे पता है कि आप हर दिन इंटरनेट पर nari shakti pe kavita in hindi सर्च करते रहते हैं। लेकिन इस व्यस्त वाली जिंदगी में इतना समय नही मिल पाता है। आपके समय को धयान रखते हुए सबसे पहले nari shakti pe kavita in hindi में दिए गए है। आप चाहे तो गूगल पर short poem on nari shakti in hindi, best poem on nari shakti in hindi भी सर्च कर सकते हैं।
करवा चौथ पर कविता | Karwa Chauth Poem in Hindi
साथ तुम्हारे ही रह कर,तुमको कमजोर बनाऊंगी,अपनी आजादी की राह की,कि हर कांटे को सह जाऊंगी!!नारी हुं कमजोर नहींं,अब अपमान ना सह पाऊंगी,मेरे अंदर है आग भरी,बन भानु ज्योत फैलाऊंगी!!!अन्याय सहन नहीं अब करना,अपनी हर कर्तव्य निभाऊंगी,किंतु शोषित नहीं रह पाऊंगी,अपने लक्ष्य को करने हासिल,हर चुनौती पार कर जाऊंगी !!तेरी मुट्ठी में कैद ना समझ मुझे,तुझको खोखला कर जाऊंगी,अपनी बुद्धि की छेनी से,सौ टुकड़े तुझको कर जाऊंगी !!!मिले प्यार सम्मान अधिकार मुझे,खुद को सुपुर्द कर जाऊंगी,अन्याय सहन नहीं अब करना,बन काली अन्याय मिटाऊंगी !!– मनीषा झा ( गुजरात)
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