Home त्यौहार करवा चौथ पर कविता 2023 | Karwa Chauth Poem in Hindi

करवा चौथ पर कविता 2023 | Karwa Chauth Poem in Hindi

करवा चौथ पर कविता 2023 | Karwa Chauth Poem in Hindi: हर साल हिन्दू सुहागिन महिलाएं करवा चौथ पर अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती है। ऐसी मान्यता है की इस दिन करवा चौथ का व्रत रखने से माँ पार्वती से अखंड सौभाग्यशाली रहने का वरदान मिलता है। हर साल करवा चौथ का त्यौहार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। यह पर्व हिन्दू सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद ही खास दिन होता है। आज के नए जमाने में देखा गया है की गर्लफ्रेंड और मंगेतर भी अपने बॉयफ्रेंड के लिए करवा चौथ का व्रत रखती है। आज हम करवा चौथ पर कविता लेकर आए है।

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करवा चौथ पर कविता 2023

करवा चौथ के दिन महिलाएं अपने पति के लिए पूरे दिन का उपवास रखती है और फिर रात के समय चाँद का दीदार करके व्रत खोलती है। करवा चौथ का दिन बड़ा हो रोमांटिक दिन भी होता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार के साथ सजती-सवरती है। करवा चौथ से जुड़ी इन कविताओं को शेयर कर इस दिन को अच्छे से सेलिब्रेट करें।

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सुबह सवेरे मुंह अँधेरे,
उठ पूजा कर, कुछ कौर,
सखिसंग मुंह में धकेले।
दिनभर बिन खानपान,
कछुए सी घडी की चाल,
पेट आंते मचाये भूचाल।

साँझ बनसंवर पूजा कर,
रीतिरिवाज निपटा कर,
मौजमस्ती भी करी जीभर।

अब पिया का राह ताकें,
सभी को खिला पिलाकर,
टकटकी लगी आसमान पर।

ऐ चाँद कहाँ छुपे हो,
आजाओ झलक दिखाओ,
पूजा करवा व्रत तोडवाओ।

एक चाँद पलकों में,
एक इतराए अर्श पर,
लुका छिप्पी करे बादलों में।

अपने चाँद की उम्र के लिए पूजन,
दूजे की झलक को उत्सुक यह मन,
ऐ चाँद चांदनी को चंद लम्हे करो अर्पण।

कहाँ छिपे हो निर्मोही,
हलक जिव्हा सूखे मोरी,
तपस्या सार्थक कीजो जल्दी।

आज है करवा चौथ,
पूरा दिन किया उपवास,
ऐ चाँद दौडे आओ हमारे पास।

Karwa Chauth Poem in Hindi

करवा चौथ का त्योहार
लाए ख़ुशियाँ हजार
हर सुहागिं के दिल का
ये अरमान है
प्यारे पिया में बसी
उसकी जान है
पिया के लिए ही
व्रत करती है वह
उसके नाम से ही
अपनी माँग भारती है वह
पिया की दीर्घायु के लिए
करती है दुआ
भूखी – प्यासी रहती है
बस चाहती है पिया
पिया ही तो उसकी ख़ुशियों
का संसार है
आज प्यारा पिया
का ही दीदार है
चाँद फीका लगे
पिया चाँद के आगे
और चाँद से ही पिया की
लंबी आयु मांगे
बस भावुकता से यह
ओत – प्रोत है
प्यारा प्यार का त्योहार
यह करवा चौथ है

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Karva Chauth Kavita

चांद
कितना मीठा और सलोना लगता है
महकता और मोहता है

जब स्लेटी बादलों के रेशमी परदों
को सरका कर
मुस्कुराता है
अखंड सुहागिनों के लिए….

करवा चौथ का सुरीला चांद
बस इतना रखें याद
आज उसे देर तक थिरकना है
सच्ची सुहागिनों के लिए
थोड़ा जल्दी दमकना है..

Karva Chauth Poems for Husband

ईश्वर हमें नवाजता है, अनेकानेक उपहार
माँ, बाबा, भाई, बहन और उनका निश्छल प्यार
जीवनपथ पर वो हमे, हमसे बेहतर जानता है
और हमारी चाहतों को, प्यारे से रिश्तों में ढालता है

पर दुनिया में दो धागे, खुद भी बांधने होते हैं
दोस्त और पत्नी, हमें खुद ही छांटने होते हैं
दोस्त बचाते हैं आपको, मुश्किलों से हर पहर
तो पत्नी खुद पर ही ले जाती है, आपके कहर

इस पत्नी को बनाने में, वो बड़ा दिमाग लगाता है
अच्छे समय में पति से, तो बुरे समय में उसकी मुश्किलों से लड़ना सिखाता है
दे देता है वो इसे, खुद खुदा से भी लड़ने की ताकत
और उसका ये वरदान, करवा चौथ कहलाता है

बङा प्यारा सा होता है, ये करवाचौथ त्यौहार
मोङ देता है ये, पति पर होने वाला हर वार
रहती है वो पति के लिये, तादिन भूखी प्यासी
जिससे सदा सलामत बना रहे उसका प्यार

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सुबह सुबह सूनी जाती हैं, कुछ कथा-कहानियाँ
बहुओं को ताउम्र का तजुर्बा सौंपती हैं, दादी-नानियाँ
पति के नाम से कि जाती है, ईश्वर की आराधना
कितनी पवित्र होती है, इनकी पति के प्रति चाहना

फिर दिन में पति को 10-15 फोन किये जाते हैं
शाम को घर पर जल्दी आने के वादे लिये जाते हैं
शाम को कर सोलह श्रृंगार, पीला ओढा जाता है
और चांद को देरी पर ,सौ सौ बार कोसा जाता है

तभी बदलियों के पीछे, चंद्रमा नजर आता है
हर ब्याहता के दिल में उल्लास छा जाता है
सजाई जाती है प्रेम की थाली, सिंदूर के लिये
तो चांद से पति की लम्बी उम्र का वादा लिया जाता है

उस वक्त कि क्या कहें, कि कितना प्यार फैल जाता है
जब चांद के बाद, हमसफर छलनी के सामने आता है
पत्नी के शर्म की लाली लाख छूपाने से नहीं छूपती
पर मां बाप वहीं होने से, पति तुरंत साइड हो जाता है

इस दिन इतनी प्रेम पूर्ण होती हैं ,पत्नियों की धुनें
आखिर वो भी किस मूंह से इनकी अर्ज ना सूने
करवे पर इतना बल, इनके प्रेम में उपज आता है
बदल देती हैं ये वो लकीरें, जिनको लिखता विधाता है

पश्चिम जगत, हमारे इस प्रेम पर रोज संदेह उठाता है
ज्यादा पढा लिखा वर्ग, इसे अंधविश्वास बताता है
गुड फ्राइडे पर जीसस का जिंदा होना वैज्ञानिक है
पर करवे का प्यार, इनकी आंखों में चूभ जाता है

इस करवा चौथ की ताकत को कोई कम ना आंके
ये प्रेम ना जाने क्या क्या चमत्कार कर जाता है
भारत भूमि के सतीत्व ने उच्च सोपान सदैव छूये हैं
“उत्तम” भी सावित्री-सत्यवान के प्रेम को बारम्बार शीश झुकाता है

Poem on karwa Chauth for Wife

एक सुबह जब आँख खुली तो मेरे उड़ गये होश ,

मेरे बीवी खड़ी सामने आँखों में भर के जोश !

बोली मिस्टर कैसे हो और कैसी कटी है आपकी रात ,

ना जाने क्यों कर रही थे मिश्री से मीठी बात !

मैंने पूछा ओ डियर आज मैं तुमको क्यो भाया ,

पलकें झुकए बड़ी शर्म से बोली करवाचौथ है आया !

ये सुन कर मेरे शरीर मैं दौड़ उठा करेंट ,

समझ गया था मेरे नाम का निकल चुका वारेंट!

इस दिन का इंतजार हर शौहर को है रहता ,

बड़ी अदब से बात मनती मैं जैसा-जैसा कहता !

पूरा साल बीत गया था सुन -सुन के ताने ,

आज कहे हर बात पे हाँ , ये मेरी ही माने !

मुझे कभी परमेश्वर कहती कभी कहे देव ,

खुद तो व्रत रखती पर मुझको देती सेब !

शाम होते होते फिर वो घड़ी है आती ,

गिफ्ट गिफ्ट का राग आलापे बाज़ार ले जाती !

अहसानों के बोझ तले दब मुझ को आए रोना ,

नहीं चाहते हुए भी लेना पड़े है महँगा सोना !

देर रत जब चाँद ना निकले ये चाँद -चाँद चिल्लाए ,

कभी भेजे नुक्कड़ पे मुझको कभी छत पे दौड़ाए !

मैं भी जब दौड़- दौड़ के हो जाता परेशान ,

हाथ जोड़ कर चाँद से बोलूं अब बात इसकी मान !

आज तुम्हारा दिन है इसलिए खा रहे भाव ,

कल से कौन पूछेगा तुम को जब आओ जब जाव !

इतनी से बात क्यों मैडम के समझ ना आती ,

जो साल भर प्यार जताती तो बात बन जाती !

Karwa Chauth kavitayen

चाँद का रूप
आज सजना के रूप में ,
मुझे याद आया !

सुबह से लेकर
अब तक शाम हो गयी ,
पर साजन कहीं भी मुझे नज़र न आया !

बड़े दिनों बाद
आज के दिन ,
छत पर साजन चाँद के रूप में नज़र आया !

सज के मैं
सुबह से तुम्हारे लिए सजना मैं ,
तुम्हारे ही लिए
मैं खुशी से उपवास रख रही !

तुम रहना संग मेरे साथ ,
ओ मेरे साथिया
ऐसी मैं आज भी कामना कर रही

करवा चौथ के अवसर हम आपके लिए प्यारी सी कविता की कलेक्शन लेकर है। हमें उम्मीद है की करवा चौथ की कविताएं आपको जरूर पसंद आएगी। त्यौहार से जुड़ी खबरों के लिए बने रहे हमारे साथ।

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