हेल्लो दोस्तों हमारी हिंदी वेबसाइट में आपका स्वागत है और आज हमारे पास आपके लिए मजदूर पलायन कोट्स, शायरी और स्टेटस हैं। मजदूर पलायन का मतलब है जब बड़ी समस्याओं के कारण श्रमिक अपने गाँव या अपने घर वापस चले जाते हैं। आज हम टीवी चालू करके देखे तो हमें मजदुर पलायन के ऊपर खबरें सुनाई दे रही है। और मजदुर पलायन करने पर मजबूर होरे है क्योकि देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से कुछ दिनों का लॉक डाउन लागु किया जा रहा है। आज हमारे पास आपके लिए लेटेस्ट मजदूर पलायन कोट्स, शायरी और स्टेटस है।
(Labour Day) Majdoor Diwas मजदूर दिवस निबंध, कविता, पोस्टर, स्लोगन, भाषण
आप इन सभी मजदूर पलायन कोट्स, शायरी और स्टेटस को अपने जरूरत के अनुसार साझा कर सकते है। और यह कलेक्शन एक दम लेटेस्ट है। मजदूर पलायन में हमे कई बार दुखद नजारे देखने को मिल सकते हैं। कुछ मजदूर जिनके पास पैसे होते हैं वो बस टिकट बनवा कर जल्दी से अपने घर चले जाते है। और जिनके पास पैसे नही होते है वह पैदल ही घर के रास्ते निकल पड़ते हैं। मजदूर पलायन के समय बहुत बुरे नजारे देखने को मिलते हैं। इसके पहले भी 2020 में मजदूर पलायन नजारा देखने को मिला था और वो बहुत बुरा था।
Labour Day: मजदूर दिवस मैसेज, कोट्स, स्टेटस, इमेज Quotes & Images
Labour (Majdoor) Palayan Quotes in Hindi
हमें हिजरत समझ में इतनी आई
परिंदा आब-ओ-दाना चाहता है
– ओबैदुर रहमान
तू क़ादिर ओ आदिल है मगर तेरे जहाँ में
हैं तल्ख़ बहुत बंदा-ए-मज़दूर के औक़ात
अल्लामा इक़बाल
मुझे भी लम्हा-ए-हिजरत ने कर दिया तक़्सीम
निगाह घर की तरफ़ है क़दम सफ़र की तरफ़
– शहपर रसूल
Labour (Majdoor) Palayan Shayari in Hindi
हिजरतों में हूजुरियों के जतन
पांव को दूरियों ने घेरा है
– नासिर शहज़ाद
कुछ बे-ठिकाना करती रहीं हिजरतें मुदाम
कुछ मेरी वहशतों ने मुझे दर-ब-दर किया
– साबिर ज़फ़र
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Labour (Majdoor) Palayan Status in Hindi
ये हिजरतों के तमाशे, ये क़र्ज़ रिश्तों के
मैं ख़ुद को जोड़ते रहने में टूट जाता हूँ
– मुईद रशीदी
अभी तो एक वतन छोड़ कर ही निकले हैं
हनूज़ देखनी बाक़ी हैं हिजरतें क्या क्या
– सबा अकबराबादी
मजदूर पलायन कोट्स
दर्द-ए-हिजरत के सताए हुए लोगों को कहीं
साया-ए-दर भी नज़र आए तो घर लगता है
– बख़्श लाइलपूरी
फ़रिश्ते आ कर उन के जिस्म पर ख़ुश्बू लगाते हैं
वो बच्चे रेल के डिब्बों में जो झाड़ू लगाते हैं
मुनव्वर राना
लम्हा-ब-लम्हा पांव से लिपटी हैं हिजरतें
कैसे लगाते नाम की तख़्ती मकान पर
– मुईन शादाब
मजदूर पलायन शायरी
मैं कि ख़ाना-ब-दोश हूं मुझ को
हिजरतों का मलाल क्या होगा
– शहनाज़ परवीन शाज़ी
हिजरत करने वालों देखो
पीछे मलबा रह जाता है
– जानां मलिक
सो जाते हैं फ़ुटपाथ पे अख़बार बिछा कर
मज़दूर कभी नींद की गोली नहीं खाते
मुनव्वर राना
मजदूर पलायन स्टेटस
महामारी लगी थी
घरों को भाग लिए थे सभी मज़दूर, कारीगर.
मशीनें बंद होने लग गई थीं शहर की सारी
उन्हीं से हाथ पाओं चलते रहते थे
वगर्ना ज़िन्दगी तो गाँव ही में बो के आए थे.
वो एकड़ और दो एकड़ ज़मीं, और पांच एकड़
कटाई और बुआई सब वहीं तो थी.
ज्वारी, धान, मक्की, बाजरे सब
वो बँटवारे, चचेरे और ममेरे भाइयों से
फ़साद नाले पे, परनालों पे झगड़े
लठैत अपने, कभी उनके.
वो नानी, दादी और दादू के मुक़दमे
सगाई, शादियाँ, खलियान,
सूखा, बाढ़, हर बार आसमाँ बरसे न बरसे.
मरेंगे तो वहीं जा कर जहां पर ज़िंदगी है
यहाँ तो जिस्म ला कर प्लग लगाए थे !
निकालें प्लग सभी ने,
‘चलो अब घर चलें‘ – और चल दिये सब,
मरेंगे तो वहीं जा कर जहां पर ज़िंदगी है !
– गुलज़ार
मोदी रोजगार दो (Modi Rojgar Do) शायरी स्टेटस कोट्स शायरी | Job Do Shayari Status Quotes in Hindi
यह बुरा समय हमें एक बार फिर से देखने को मिल सकता है। हमारे ख्याल से मजदूर पलायन क्या होता है आपको अच्छे से समझ मे आ गया होगा। जब कोरोना के आंकड़े कम हुए थे तब मजदूर वापस काम पर आ गए थे। लेकिन एक बार फिर से हालात खराब हो चुके हैं। अब देखना यह है कि दूसरी लहर कितने दिन में रुकती है। आखरी में हम यही कहना चाहते हैं कि समय मजदूर को पलायन करने पर मजबूर कर देता है और यह एक बहुत बुरी खराब खबर है। अगर आपको यह पसंद आया है तो लाइक, शेयर और कमेंट कर के इसे अपना बनाये। हमने जाना कि मजदूर पलायन आखिरकार है क्या। और इससे जुड़े कोट्स, शायरी और स्टेटस है क्या। जय हिंद।