Barish Par Kavita in Hindi for Facebook and Whatsapp: बारिश का मौसम बहुत अच्छा लगता है क्योंकि तेज गर्मी के बाद यह हमारे जीवन को ठंडा बना देता है। लोग अलग-अलग तरीकों से बारिश के मौसम का आनंद लेते हैं। नीचे दिए गए बरसात के मौसम से संबंधित इस कविता को पढ़ें। हम आपको बताना चाहते हैं कि अनुपमा श्रीवास्तव ने यह कविता लिखी थी। आप इस लेख में इस कविता का वीडियो भी देख सकते हैं। इसके अलावा आप नीचे दिए गए लिंक से बारिश लव शायरी (Barish Love Shayari), बारिश स्टेटस (Barish Status ), Rain Shayari, Barsat Shayari, Raining Shayari और बारिश कोट्स (Barish Quotes) भी पड़ सकते हैं।
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ख़ुद को इतना भी न बचाया कर,
बारिशें हुआ करे तो भीग जाया कर।जब भी होगी पहली बारिश, तुमको सामने पायेंगे,
वो बूंदों से भरा चेहरा तुम्हारा हम देख तो पायेंगे।हैरत से ताकता है सहरा बारिश के नज़राने को,
कितनी दूर से आई है ये रेत से हाथ मिलाने को।मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल,
वरना शौक तो आज भी है बारिशो में भीगने का।तुम्हें बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम,
तुम्हें हँसना पसंद है मुझे हस्ती हुए तुम,
तुम्हें बोलना पसंद है मुझे बोलते हुए तुम,
तुम्हें सब कुछ पसंद है और मुझे बस तुम।
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बरसात का मौसम बहुत ही खूबसूरत मौसम होता है। हम इस मौसम में अलग-अलग प्रेम रंग देख सकते हैं।
जब हम बच्चे थे तो हम बारिश के मौसम में बहुत खुश महसूस करते थे। हमने सोचा कि हमें जीवन की सभी खुशियाँ मिली हैं। लेकिन अब हमें बारिश के मौसम में बुरा लगता है। क्योंकि बीमारी हमारे शरीर में घर कर सकती है। आज इसमें हम आपके लिए एक बारिश की कविता लेकर आए हैं। आप इस कविता को फेसबुक और व्हाट्सएप की मदद से आसानी से ऑनलाइन साझा कर सकते हैं। आप इस जानकारी को साझा करने के लिए इंस्टाग्राम का भी उपयोग कर सकते हैं।
Poem on Rain in Hindi | बारिश के मौसम पर एक बेहतरीन कविता
पत्तो पर ठहरी,
फ़िसलती हुई बूँदें,
बड़ी सुहानी सी है,
इस खुशनुमा मौसम में
दिल में छुपी कोई
कहानी सी हैं.शीशे के बाहर के तूफ़ान से
भीतर के तूफ़ान की
कुछ रवानी सी हैं,
बूँदों की रूनझुन के साथ
धड़कनों की धुन
कुछ पहचानी सी हैं.बारिश के साथ गम हो जाना
अपनी आदत
पुरानी सी हैं,
एक लम्हें में
कई लम्हें जी लेना
मौसम की मेहरबानी सी हैं.पिघलती बारिशों में
दिल की जमी
धुली धुली सी है,
धुआं धुआं से मौसम में
दिल की कली
खिली खिली सी हैं.धरती पर बिखरती शबनम से
कई आरजुएं
मचली सी हैं,
सर्द हवाओं की दस्तक
और फिजाओं में
कई खुशबुयें मिली सी हैं.गुनगुनाती वादियों ने
छेड़ी एक गजल
नई सी हैं
प्रकृति को
अपनी पनाओं में लेने,
बारिश की लड़ियाँ घिरी सी हैं.
लेखिका – अनुपमा श्रीवास्तव ‘अनुश्री’
हम आपको बताना चाहते हैं कि इस कविता के पहले पैराग्राफ में आप प्रकृति का सुंदर चेहरा देख सकते हैं।
यह कविता बहुत छोटी है लेकिन बड़ी कविता की तुलना में छोटी कविता हमेशा अच्छी होती है। इस कविता में आप अनुपमा श्रीवास्तव द्वारा लिखे गए कुछ सुंदर शब्दों में बरसात के मौसम के बारे में पूरा विवरण देख सकते हैं। अगर आपको हमारी कविताएँ पसंद आई हैं तो कृपया अपने मित्र और रिश्तेदार के बीच ज्यादा से ज्यादा लाइक और शेयर करें। इसके अलावा आप हमारी वेबसाइट में हाथी और कोरोना वायरस की एक कविता भी पढ़ सकते हैं। जय हिंद।
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