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Live: पूर्व दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मांगे राम गर्ग का निधन, PM मोदी समेत दिग्गजों ने व्यक्त किया शोक

Live: पूर्व दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मांगे राम गर्ग का निधन, PM मोदी समेत दिग्गजों ने व्यक्त किया शोक :- दिल्ली कांग्रेस के बाद अब दिल्ली बीजेपी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके बीजेपी नेता मांगे राम गर्ग का आज 21 जुलाई रविंदर को निधन हो गया है। दिल्ली के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा था। मीडिया न्यूज़ के अनुसार दिल्ली बीजेपी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष मांगे राम गर्ग का आज सुबह 7 बजकर 30 मिनट पर देहांत हो गया। उन्होंने 83 वर्ष ककी उम्र में अपनी अंतिम साँस ली। दिल्ली की जनता को दो दिनों के अंदर दो बड़े झटके लग चुके है। पहले शनिवर को दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित का निधन और रविवार सुबह बीजेपी नेता मांगे राम का निधन होना। शीला दीक्षित की अंतिम यात्रा

पीएम मोदी समेत बीजेपी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं मांगे राम गर्ग के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उनके जाने से दिल्ली में बीजेपी पार्टी को एक बड़ा नुकसान हुआ है। जिसकी आने वाले समय भरपाई करना बड़ा मुश्किल हो सकता है। शीला दीक्षित का निधन

मांगे राम गर्ग का निधन

बीजेपी नेता मांगे राम गर्ग के पार्थिव शरीर को दिल्ली के अशोक में स्थित उनके निवास स्थान बी-1/64, अशोक विहार, फेज-2 में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। 11 बजकर 30 मिनट पर उनके पार्थिव शरीर क दिल्ली में मौजूद बीजेपी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में ले जाया जाएगा। जहाँ उन्हें बीजेपी पार्टी के बड़े नेता श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे। दिल्ली बीजेपी पार्टी के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने बी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के निधन पर शोक व्यक्त किया है। Sheila Dikshit Funeral

अध्यक्ष मांगे राम गर्ग का निधन

बता दें कि सोमवार (15 जुलाई ) को शाम करीब 6 बजे मांगे राम गर्ग ब्रेन की शिकायत पर एक्शन बालाजी हॉस्पिटल लाया गया था. डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की काफी कोशिश की लेकिन असफल रहे. गर्ग ने अपना देहदान कर रखा था इसलिए दधीचि देहदान समिति के माध्यम से उनके पार्थिव शरीर को एम्स या किसी बड़े अस्पताल में भेजा जाएगा। रामचंद्र पासवान का निधन

बता दें की मांगे राम गर्ग का जन्म हरियाणा में 23 नवंबर 1936 को नरवाना तहसील के कुराड़ गांव में हुआ था। वह नागरमल परिवार से आते थे, जिन्हे चौधरी का खिताब भी मिला लेकिन सट्टे में बुरे वक्त ने सबकुछ उजाड़ दिया। 14 साल की छोटी सी उम्र में जीवन गुजर बसर करने के लिए उन्हें घर से बाहर निकलना पड़ा। इस दौरान ही वह राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ से जुड़े और फिर अपनी लगन और मेहनत से कई जिम्मेदारियों का सफलता पूर्वक निर्वाहन किया।

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