मुहर्रम के दिन दी उरी हमले के शहीदों को शहादत, जगदीशपुरा : करबला की जंग इंसानियत को बचाने के लिए जुल्म के खिलाफ लड़ी गयी थी । पैगंबर ए इस्लाम के नवासे हजरत इमाम हुसैन ने अहले खानदान के साथ शहादत देकर दुनिया को बता दिया कि हक के लिए अगर जान भी देनी पड़ी, तो किसी बात का कोई गम नहीं। इंसानियत का दर्ज हमेशा से ही सभी धर्मों से ऊपर रहा है और हमेशा ही रहेगा। ऐसी ही इंसानियत की मिसाल जगदीशपुरा के पुलक विहार कालोनी में देखने को मिली। जब मुस्लिम युवा शहादत के महीने में उड़ी हमले में शहीद सैनिकों को भी खिराज ए अकीदत पेश कर रहे हैं। इन नौजवानों के इस कदम की सराहना हर कोई कर रहा है।
यूं तो सुलहकुल की इस नगरी में शहरभर में दो हजार से ज्यादा स्थानों पर ताजिये रखे गए हैं। गमगीन महीने में हजरत इमाम हुसैन, हजरत हसन की शहादत में सातवीं तारीख को ताजिये रखे जाते हैं। पुलक विहार के मुस्लिम युवाओं ने ताजिया रखने के साथ ही उड़ी
हमले के शहीद सैनिकों के पोस्टर को भी स्थान देकर देशभक्ति की एक अटूट मिसाल कायम की है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।अमीन खान का कहना है कि ये शहादत का महीना है और हमारे देश के सैनिकों ने देश के लिए अपनी जान गंवाई है। इसलिए हम उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
महबूब खान उस्मानी कहते हैं कि पाकिस्तान के आतंकवादियों से लोहा लेने में शहीद हुए जांबाज सैनिकों को याद करना फख्र की बात है। पुलक विहार कालोनी के इस ताजिये को देखने के लिए दूरदराज से हर वर्ग के लोग आ रहे हैं। युवाओं की इस पहल को बड़ों ने भी सराहा है।