दिल्ली मेट्रो है दुनिया की दूसरी सबसे महंगी मेट्रो, इस साल 4.2 लाख लोगों ने बंद किया मेट्रो से सफर करना: राजधानी दिल्ली में मेट्रो दुनिया की दूसरी सबसे महंगी मेट्रो है| दिल्ली मेट्रो का पिछले साल किराया बढ़ने के बाद 4.2 लाख यात्रियों ने दिल्ली मेट्रो से सफर करना छोड़ दिया है| यह हम नहीं बल्कि सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) की रिपोर्ट में कहा गया है|
बता दें की सीएसई ने कल मंगलवार यानि की 4 सितंबर को अपनी रिपोर्ट जारी की| इस रिपोर्ट में कहा गया है की दिल्ली में मेट्रो का किराया बढ़ने के बाद दिल्ली का एक औसत यात्री मेट्रो में अपनी कमाई का 14 प्रतिशत हिस्सा खर्च कर देता है| दिल्ली मेट्रो दुनिया में सबसे महंगी होने की बात भी इसी रिपोर्ट में कही गई है| दुनिया की सबसे महंगी मेट्रो वियतनाम के हनोई शहर की है| हनोई सिटी में औसतन एक आदमी अपनी कमाई का 25 प्रतिशत हिस्सा मेट्रो में सफर करने में लगा देता है| इसके बाद में आते है दिल्ली मेट्रो में यात्रा करने वाले|
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सीएसई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है की मेट्रो का किराया बढ़ने के बाद मेट्रो में सफर करने वालों में 46 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है| 2 साल पहले 2018 के लिए प्रस्तावित राइडरशिप थी 39.5 लाख लेकिन वर्तमान समय की राइडरशिप केवल 27 लाख रही है|
सीएसई ने मेट्रो का किराया बढ़ने के बाद मेट्रो से सफर करने वाले यात्रियों की संख्या में पहले के मुकाबले काफी कमी होने की बात कही है| मेट्रो में यात्रियों की संख्या में कमी से दिल्ली सड़कों पर अतिरिक्त बोझ भी पड़ा है| इस रिपोर्ट में सही नीति नहीं होने की वजह को को भी इसका एक कारण माना गया है| साल 2030-31 तक देश में निजी वाहनों की संख्या 50 प्रतिशत होने की अंदेशा जताया है| ऐसा सीधा असर वायु प्रदूर्षण पर भी पड़ेगा|
देश में बीते कुछ सालों में निजी वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है| वही इसके उलट सार्वजनिक परिवहन की संख्या में कमी देखी गई है| वाहनों की संख्या में इजाफे के साथ -साथ कार्बन उत्सर्जन भी बढ़ रहा है| इस रिपोर्ट में कहा गया है की पब्लिक ट्रांसपोर्ट से लोगों की दूरी बनना केवल महंगा किराया ही नहीं है, समय के साथ वाहनों का अपग्रेड नहीं होगा और परिवहन नीति में यात्रियों की सुविधा के अनुसार बदलाव नहीं होने की बताया गया है|