Coronavirus (COVID-19) Private Companies are Reducing their Employees Salaries by 20 to 50 Percent: कोरोना वायरस जिसने सभी देश की अर्थव्यवस्था को खिला कर दिया है, सभी देश कोरोनावायरस से लड़ने के लिए पूरी पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। इसी बीच कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा प्रभाव गरीब परिवारों पर देखने को मिल रहा है रहा। प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले मजदूरों के लिए लॉकडाउन की स्थिति बेहद ही कैटरीन साबित हो रही है। लॉकडाउन की वजह से प्राइवेट कंपनियां अपनी मजदूरों को सैलरी देने में असमर्थ दिखाई दे रही है। या प्राइवेट कंपनियां अपने कर्मचारियों को मेल कर कर बता रही है की लॉकडाउन के कारण कंपनी का कैश फ्लो रुक गया है, जिसके चलते सैलरी देने मे वह असमर्थ है।
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लेकिन वहीं दूसरी ओर आईटी सेक्टर की कुछ ऐसी कंपनियां भी है जो अपने सभी कर्मचारियों को इस मुश्किल घड़ी में भी अपने कर्मचारियों को अधिक सैलरी और एडवांस में पैसे दे रही है। लेकिन वहीं दूसरी बार ऑनलाइन फूड डिलीवरी वाले कुछ स्टार्टअप से अपने सभी कर्मचारियों को मेल कर कर यह जानकारी दिए कि वो अप्रैल में अपने कर्मचारियों की सैलरी में 20 से 50 फीसदी तक की कटौती कर रहे हैं। यह फैसला कंपनी ने कैश फ्लो को ध्यान में रखते हुए लिया है। केलावा कंपनी ने अपने कर्मचारियों को अनु वासन दिया है की कंपनी से किसी भी कर्मचारी को निकाला नहीं जाएगा। जिन कर्मचारियों की सैलरी इस समय काटी जा रही है उन्हें बकाया सैलरी स्थिति सही होने पर दी जाएंगी।
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भारत सरकार लगातार कंपनियों से कह रही है कि अपने कर्मचारियों की सैलरी मैं किसी प्रकार की कटौती ना की जाए, लेकिन इसके बावजूद यह खबरें सामने आ रही है, इसका मुख्य कारण यह भी है कि कंपनी का कैश फ्लो पूरी तरह से थम सा गया है। जिसके चलते हैं कंपनी चाह कर भी अपने कर्मचारियों को सैलरी नहीं दे सकती। अब यह देखना होगा कि भारत सरकार प्राइवेट कंपनियों के लिए और इनके कर्मचारियों के लिए क्या कदम उठाती है। देश और दुनिया से जुड़ी ताजा खबर जानने के लिए हमारे साथ बने रहे।
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