नेस्ले कंपनी एक बार फिर सुर्खियों में है| कंपनी इस बार फिर अपने मैगी नूडल्स के सैम्पल में मिली गड़बड़ी को लेकर सवालो के घेरे में है| उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के एडीएम ने 62 लाख रुपए का जुर्माना ठोका है| जिसमे कंपनी पर 45 लाख रुपए और 17 लाख रुपए 8 डिस्ट्रीब्यूटर्स देने का आदेश दिया है| बता दें की दो साल पहले भी मैगी में नुकसानदेह लेड पाए जाने की वजह से, इसे पूरे भारत में बैन कर दिया गया था|
नेस्ले इंडिया ने अपने बचाव में कहा है की ये पुराना मामला है, कंपनी ने इसे साल 2015 का फूड स्टैंडर्ड से जुड़ा मामला बताया है|
कंपनी ने बयान जारी कर दावा किया है की मैगी नूडल्स सौ प्रतिशत सेफ है| कम्पनी ने ये भी बताया की हमे अभी तक इस जुर्माने से जुड़ा कोई नोटिस नहीं मिला है, जानकारी के अनुसार ये टेस्ट के सैम्पल 2015 के बताए गए, जिसमे कुछ नुकसानदेह सब्सटान्स (एश कॉन्टेंट) मिले थे|
कंपनी ने अपने सतेमेंट में लिखा है की हम इस केस में ऑर्डर का इंतजार कर रहे हैं। आदेश आने के बाद हम अपनी तरफ से अपील करेंगे| नेस्ले इंडिया और कुछ कंपनियों ने इस मामले में अधिकारियों से 2015 में मानक तय करने को भी कहा था| जिसके कुछ समय बाद अधिकारियों ने इन्स्टेंट नूडल्स के लिए मानक तय भी किए थे| हमारी कंपनी इन्ही मानकों को ही फॉलो कर रही है|
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2015 में फ़ूड अथॉरिटी ने क्या पाया था मैगी में और क्या था मामला?
तब मैगी में लेड तय तय मात्रा से ज्यादा था|
कंपनी ‘नो एडेड एमएसजी’ का लेबल लगाकर ग्राहक को गुमराह कर रही थी।
मैगी ओट्स मसाला नूडल्स विद टेस्टमेकर को बिना प्रोडक्ट अप्रूवल के बाजार में बेचा जा रहा था।
लेड-MSG के इन खतरों ने बढ़ाईं थीं नेस्ले की मुश्किलें
इनग्रीडिएंट | नुकसान |
लेड | सीएसई के मुताबिक लेड हेवी मेटल होता है। यह शरीर में घुलता नहीं, जमा होता जाता है। बच्चे, प्रेग्नेंट महिलाओं को इससे सबसे ज्यादा नुकसान। किडनी, लिवर खराब हो सकते हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, लेड के एक्सपोजर से हर साल दुनियाभर में 1.43 लाख मौतें हो रही हैं। |
मोनो सोडियम ग्लूटामेट (MSG) | मेंटल और फिजिकल हेल्थ के लिए खतरनाक। शुरुआती तौर पर हाइपर टेंशन और सिर दर्द की शिकायत हो सकती है। |