नमस्कार दोस्तों बरसात के मौसम में लोग खाने पीने को लेकर काफी ज्यादा अलर्ट रहते हैं। कई बार आपने बड़े बुजुर्गों को कहते हुए सुना होगा कि यह मत खाया करिए वो मत खाया करिए। इस प्रकार की बातें सामने आती रहती है। भारतीय परंपरा के हिसाब से अलग-अलग मौसम के लिए अलग अलग डाइट होती हैं। मानसून के मौसम के दौरान जिस खाद पदार्थ सर पाबंदी लगाई जाती हैं वह है दही। आमतौर पर इस प्रकार की धारणा होती है कि मानसून के मौसम में दही का सेवन नहीं करना चाहिए।
Curd Eating in Rainy Season
क्योंकि ऐसा करने से हमारी सेहत बिगड़ सकती हैं। रांची के एक अस्पताल के चीफ डाइटीशियन डॉ. विजयश्री प्रसाद का कहना है कि दही काफी ज्यादा ठंडी होती है। बरसात के मौसम में काफी ज्यादा मॉइश्चर होता है और इसी लिए दही खाने से हमारे गले में कफ़ हो सकता है। लेकिन साइंटिफिक रूप के हिसाब से दही का सेवन किसी भी मौसम में कर सकते हैं। बस फर्क इतना होता है कि किसी मौसम में कम दही खानी पड़ती है और किसी मौसम में ज्यादा सेवन कर सकते हैं। जिन लोगों को ठंड से एलर्जी होती है वह दही से परहेज कर सकते हैं। दही काफी सारे पोषक तत्वों से लैस होता है और इसमें विटामिन, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम और प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
दही खाने के होते है अनेक फायदे।
1. पाचन तंत्र मजबूत रखने में सहायता करता है।
2. पेट में गैस कम करने में सहायता करते हैं।
3. डायरिया से बचने में सहायता करता है।
4. ब्लोटिंग कम करने में सहायता करता है।
ठंड के मौसम में आप चाहे तो लंच करने से पहले एक कप दही आराम से खा सकते हैं। कुछ लोग यह भी कहते हैं कि रात के समय दही नहीं खानी चाहिए। ऐसा इसलिए बोला जाता है क्योंकि दही में पानी काफी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है इसीलिए ज्यादातर दिन के समय ही दही का सेवन करना चाहिए। आप चाहे तो दही को रायते के रूप में खा सकते हैं। आयुर्वेद का कहना है कि बरसात के मौसम में भी दही खाई जा सकती हैं। सावन के मौसम में दही का सेवन थोड़ा कम किया जाता है लेकिन भादो मास के मौसम में दही का सेवन वर्जित है। केवल दही नहीं बल्कि छाछ का सेवन भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि बरसात के मौसम में दही खाने से हमारा वात और पित्त बढ़ता है। इसीलिए हमारी सेहत को सूट नहीं करता है।