सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण दिए जाने पर एक बड़ा फैसला सुनाया: सरकारी नौकरी में एससी/एसटी वर्ग को प्रमोशन में आरक्षण देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज बुधवार को एक बड़ा फैसला सुनाया है| सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण नहीं दिए जाने का आदेश दिया है| यह फैसला सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की सविधान पीठ ने सुनाया है| जिन्होंने इसे आगे साथ जजों की पीठ को भेजे जाने से इंकार कर दिया है| अदालत ने सरकारी नौकरी में पदोन्नति में आरक्षण को तवज्जो देने को गलत करार दिया है| हलाकि अदालत ने नागराज केस में सुनाए गए फैसले को सही बताते हुए, इस मामले में फिर से विचार करने से मना कर दिया है|
सुप्रीम कोर्ट ने कहा की प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए आंकड़े जुटाने की कोई आवश्यकता नहीं है| कोर्ट ने इस मामले में कुछ रहत देते हुए कहा की राज्य सरकार चाहे तो अपने प्रदेश में नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण को लागू कर सकती है| बता दें की सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर अनुरोध किया गया था की वह 2006 के अपने फैसले पर फिर से विचार करें| इस फैसले में पदोन्नति में आरक्षण देने पर कुछ शर्तें भी राखी गई है|
Supreme Court says there is no need to collect data on SC/ST in reservation in promotion in government services https://t.co/4S6zBTrPcy
— ANI (@ANI) September 26, 2018
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ में जस्टिस कुरिएन जोसेफ, आरएफ नरीमन, एसके कौल और इंदु मल्होत्रा शामिल हैं। पीठ ने इस मामले में केंद्र सहित अन्य पक्षकारों की दलीलें सुनने के बाद बीती 30 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
एक तरफ जहां केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में प्रमोशन दिए जाने में आरक्षण के पक्ष में अपनी बात रखी तो वही दूसरी ओर याचिकाकर्ता ने इसका विरोध किया| इस मामले में केंद्र ने अदालत में कहा की एससी/एसटी को पिछड़ा माना गया है| इसलिए वर्ग के पिछड़ेपन और सार्वजनिक रोजगार में उस वर्ग के प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता दिखाने वाला मात्रात्मक डेटा एकत्र करने की जरूरत नहीं है.