नमस्कार दोस्तों, दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) जोकि तिहाड़ जेल में 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत के लिए बंद थे। आज दोपहर के समय उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई। आपको बता दें मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering Case) के मामले में दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत के लिए तिहाड़ जेल में रखा गया है। अचानक उन्हें सांस लेने में दिक्कत और मन में घबराहट होने लगी थी जिसके बाद उन्हें पहले जीबी पंत अस्पताल (GB Pant Hospital) में ले जाया गया फिर भी उनकी हालत में सुधार ना होने के चलते उन्हें एलएनजेपी अस्पताल (LNJP Hospital) में रेफर कर दिया गया। फिलहाल उनकी हालत पहले थे बेहतर हुई है।
Money Laundering Case Latest News | Satyendar Jain Health UPdate
अचानक तबीयत खराब होने की वजह से तुरंत ही उन्हें तिहाड़ जेल से पहले जीबी पंत अस्पताल (GB Pant Hospital) में ले जाया गया उसके बाद उन्हें एलएनजेपी हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया। इसके बाद डॉक्टरों ने जांच करने के बाद बताया कि उनका ऑक्सीजन लेवल कम हो गया था। जिसकी वजह से उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और मन में घबराहट हो रही थी।
मनी लॉन्ड्रिंग के केस में 30 मई को ईडी ने गिरफ्तार किया था
आपको बता दें कि दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) को मनी लोनी के केस में 30 मई को ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। इसकी सुनवाई के बाद सत्येंद्र जैन को ट्रायल कोर्ट ने 13 जून तक ईडी की हिरासत में भेज दिया था। हालांकि उनके वकील की ओर से उनकी जमानत याचिका दायर की गई थी जिसको सीबीआई की विशेष अदालत ने रद्द कर दिया था और साथ में कहा था कि सत्येंद्र जैन प्रभावशाली व्यक्ति है इसलिए उनके जांच से जुड़े तथ्यों और सबूतों के साथ छेड़छाड़ होने की संभावना है।
सत्येंद्र जैन पर दर्ज है यह मामले
पीडब्ल्यूडी के मंत्री पद के दौरान 2016 में भर्ती में रिश्वत लेने और आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई ने 24 अगस्त 2017 को उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसके बाद 3 दिसंबर 2018 को आरोपपत्र पेश किया गया था। जिसके बाद सत्येंद्र जैन ने दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले को चुनौती दी थी। मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप 2017 में सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन साथ ही उनके पारिवारिक सदस्य अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन और वैभव जैन के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। आरोप लगाया गया था कि वर्ष 2015 से 2017 के बीच हवाला के जरिए मिले रुपयों से अपने स्वजनके नाम पर जमीन खरीदी थी।