किसान आंदोलन को चलते हुए आज 3-4 महीने होने वाले है। लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं निकला है। इसलिए केंद्र सरकार ने निर्णय लेते हुए ये कहा है, की वे किसानी नेताओं के साथ 2 फरवरी को बातचीत करेंगी, और इस आंदोलन के प्रदर्शन को कम करेगी, वही दिल्ली सरकार ने सिंघु बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर, पर कड़ा पहरा लगा रखा है। पंजाब से आ रहे किसानो को बॉर्डर से 1 किलोमीटर की दूरी पर ही पुलिसकर्मियों द्वारा रोका जा रहा है। ताकि कोई भी किसान बॉर्डर में एंटर न कर सके। भारी तादात में किसान बॉर्डर की और बढ़ रहे है। जिसेक चलते बॉर्डर पर भारी पुलिस की तैनाती कर दी गई है।
LIVE Farmers Protest News – 26 जनवरी के मोके पर हुई हिंसा में दिल्ली में हुआ इतने करोड़ का नुकसान ?
दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए, ये कहा है की बॉर्डर के सभी एरिया के इंटरनेट कनेक्शन को बंद करवाने के आदेश दे दिए है। जिससे उग्र भीड़ के अफ़वाह न फैला सके, और शांति पूर्वक अपनी बात को सरकार के आगे रख सके। जो घटना 26 जनवरी के दिन हुई इस बात का ख्याल रखते हुए, सार्वर्जनिक स्थानों पर सुरक्षा बल के अधिकारी तैनात है। कोई भी केंद्र सरकार के नियमों का उल्घन करता हुआ दिखाई देखा। उस पर सख्त से सख्त एक्शन होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने राजनीतिक बैठक (30 जनवरी) में ये कहा है। की वह किसानों के संग दोबारा बातचीत के जरिये उनकी समस्या का हल निकालेंगे। इस बैठक में कई राजनेताओं ने भाग लिया, और अपनी बात सरकार के समक्ष रखी। लेकिन केंद्र सरकार ने अपनी बात रखते हुए, ये भी कहा की जो किसान के हित में 3 कानून निकाले गए थे। उनमे सरकार कोई बदलाव नहीं करेगी। बाकि सरकार बातचीत के ज़रिये इस प्रकिया को जल्द से जल्द सुधार करने में लगी है।
प्रधानमंत्री कहते है की कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, सिर्फ किसानो से एक फ़ोन कॉल की दूरी पर है। इस महीने की शुरआत में तोमर ने किसान नेताओं से बातचीत करने का आस्वाशन देते हुए, कहा की इस मीटिंग में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय, शिरोमणि अकाली दल के नेता बलविंदर सिंह भूंदड़, शिवसेना के विनायक राउत और कई अन्य नेता भी इस बैठक में शामिल हुए, और अपने – अपने पक्ष रखे।
किसान आन्दोलन शायरी | Farmer (kisan) Protest Shayari Status Quotes in Hindi
26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) के दिन किसानो के द्वारा उग्र भीड़ ने ट्रैक्टर रैली का उल्घन किया। साथ ही साथ सार्वजनिक सम्पति को भी नुक्सान पहुंचाया था। हिंसक भीड़ ने देश के पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया। कई अधिकारियो को गंभीर चोटे भी आई थी। जिसके कारण प्रदर्शनकारियो पर एफआईआर दर्ज़ कर उन पर एक्शन भी लिए जाएगा। इस बर्ताव के चलते केंद्र सरकार काफी हताश है किसानो से। जिनकी वजह से राजधानी में ऐसा उग्र माहौल हुआ।