नमस्कार दोस्तों, एनसीपीसीआर के मुताबिक बच्चों के खिलाफ हरियाणा में रोजाना 13 अपराध की वारदातें सामने आती है और पंजाब राज्य में रोज़ाना 6 वारदात सामने आते हैं। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने संसद में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में इस बात की जानकारी दी। इंटरपोल के आंकड़ों के अनुसार भारत में साल 2017 से 2020 तक ऑनलाइन बाल शोषण के 24 लाख से अधिक मामले दर्ज हुए हैं।
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Child Abuse Cases in Haryana and Punjab | हरियाणा में रोजाना 13 तो पंजाब में 6 बाल शोषण के मामले
एनसीपीसीआर यानी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग एक रिकॉर्ड के अनुसार साल 2018 से 2020 के दौरान पंजाब में प्रतिदिन बच्चों के खिलाफ अपराध के 6 मामले सामने आए और वही हरियाणा में इस अवधि के दौरान प्रतिदिन औसतन 13 मामले के साथ पंजाब से दोगुनी संख्या अधिक दर्ज की गई है। अनाथालय में अपराध के दर के संबंध में सांसद चंद्रानी मुर्मू हो गीता विश्वनाथ वांगा के एक सवाल के जवाब में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी में प्रश्नकाल के दौरान एक जवाब में इस बात की जानकारी दी।
बाल देखभाल संस्थानों से बाल शोषण के मामले
एनसीपीसीआर के आंकड़ों के अनुसार पिछले 3 वर्षों में बाल देखभाल संस्थानों (सीसीआई) से बाल शोषण के 34 मामले सामने आए हैं। एनसीपीसीआर द्वारा सीसीआई का सोशल ऑडिट मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश और मार्च 2022 की एक रिपोर्ट के बाद किया गया था जिसे सभी राज्यों के जिलाधिकारियों और महिला बाल विकास विभाग को आवश्यक कार्यवाही करने के लिए भेजा गया था।
राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो रिकॉर्ड के अनुसार
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो एनसीआरबी के एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020 में देश में यौन शोषण के 47,221 मामले दर्ज किए गए थे जिसमें अधिकतर मामलों में पीड़ित लड़कियां ही थी। एनसीआरबी के मुताबिक यौन हिंसा और यौन शोषण की वारदातें सबसे अधिक 16 से 18 वर्ष की लड़कियों के साथ हुई।
24 लाख से ज्यादा यौन शोषण के मामले
इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों का कहना है कि कई बार तो ऐसे मामले पुलिस तक पहुंचते ही नहीं है और उन्हें परिवार की बदनामी के डर से दवा दिया जाता है। वही इंटरपोल के आंकड़ों की बात करें तो साल 2017 से 2020 तक ऑनलाइन बाल शोषण के 24 लाख से अधिक मामले दर्ज किए हैं और इसमें लगभग 80% मामले 14 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के है।