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मुंबई: बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन के पिता वीरू देवगन का निधन, पड़ा दिल का दौरा

मुंबई: बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन के पिता वीरू देवगन का निधन, पड़ा दिल का दौरा :- बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन के पिता वीरू देवगन का आज कुछ समय पहले ही निधन होने की खबर है| मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अजय देवगन का निधन कार्डिक अरेस्ट की कारण बताया जा रहा है| अजय के पिता काफी बीते काफी समय से बीमार चल रहे थे| उनका इलाज मुंबई के सांताक्रुज हॉस्पिटल में चल रहा था| गिरीश कर्नाड का निधन

कुछ समय पहले अजय देवगन के पिता वीरू देवगन की काफी ज्यादा तबीयत बिगड़ने की वजह से अजय ने अपनी फिल्म ‘दे दे प्यार दे’ का प्रमोशन इवेंट बीच में ही रद्द कर दिया था| वीरू देवगन एक्शन फिल्मों के लिए काफी मशहूर थे, उनकी फेमस फिल्मों में 1994 दिलवाले, हिम्मतवाला 1983, 1988 शहंशाह।

अजय देवगन के पिता वीरू देवगन का निधन

बॉलीवुड में वीरू देवगन ने बतौर एक्टर, डायरेक्टर, राइटर, प्रोड्यूसर और एक्शन कोरियोग्राफर अपना योगदान दिया था| अपने फिल्मी करियर में उन्होंने तकरीबन 3 दर्जन से अधिक फिल्मों में स्टंट और एक्शन कोरियोग्राफर के तौर पर काम किया|

पंजाब के अमृतसर शहर में जन्मे वीरू देवगन की शादी वीना से हुई| वीरू के चार बच्चे है| जिनमें से एक को आप काफी अच्छे से जानते है अजय देवगन।

अजय देवगन जो कि बॉलीवुड के जानेमाने स्टार हैं वहीं वीरू देवगन की बहू काजोल भी अपने जमाने की हिट एक्ट्रेस रह चुकी हैं। वहीं वीरू देवगन के दूसरे बेटे अनिल देवगन भी फिल्म डायरेक्शन के क्षेत्र में है। अनिल ने राजू चाचा और ब्लैकमेल जैसे फिल्मों का डॉयरेक्शन किया है।

एक एक्टर के तौर पर भी काम कर चुके है वीरू देवगन। उन्होंने ‘क्रांति’, ‘सौरभ’, ‘सिंहासन’ जैसी फिल्मों में अपने अभिनय से सभी का दिल जीता। एक प्रोड्यूसर के तौर पर उन्होंने ‘हिंदुस्तान की कसम’ के अलावा, ‘दिल क्या करे’ और ‘सिंहासन’ में अपना योगदान दिया। अजय देवगन की फिल्म ‘जिगर’ की कहानी उनके पिता वीरू ने ही लिखी थी। बॉलीवुड इंडस्ट्री में वीरू देवगन काफी बड़ा नाम है।

साल 1957 में महज 14 की खेलने कूदने की उम्र में हीरो बनने का सपना लिए वीरू देवगन अपने घर से मुंबई शहर में सपना पूरा करने के लिए निकल पड़े थे। बिना टिकट बंबई जाने के लिए फ्रंटियर मेल पकड़ी और बिना टिकट यात्रा करने की वजह से वीरू और उनके साथियों को हफ्ते भर जेल में रहना पड़ा| जब जेल से बाहर आए तो भूख ने शरीर तोड़ दिया। उनके कुछ साथी वापिस घर को लौट गए लेकिन वीरू ने हार नहीं मानी और बंबई शहर में टैक्स की साफ-सफाई का काम करने लगे| उन्होंने हौसला नहीं तोड़ा और हिम्मत जुटाकर फिल्म स्टूडियोज़ के चक्कर लगाने लगे| लेकिन जल्द ही उन्हें यह समझ आ गया था की हीरो बनना इतना आसान नहीं है| अब यहाँ उनकी दाल नहीं गलने वाली।

वीरू ने अपने बेटे अजय देवगन क हीरो बनाने की ठान ली और उन्हें छोटी-सी उम्र में ही कड़ी मेहनत करवाने लगे| अजय को उन्होंने हर वो चीज सिखाई जिससे वह बॉलीवुड में एक अच्छा एक्टर बनाकर उभर सके|

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