Home त्यौहार वाल्मीकि जयंती पर कविता 2019 | Valmiki Jayanti Poem in Hindi

वाल्मीकि जयंती पर कविता 2019 | Valmiki Jayanti Poem in Hindi

वाल्मीकि जयंती पर कविता 2019 | Valmiki Jayanti Poem in Hindi (Kavita): देशभर में इस साल वाल्मीकि जयंती कर पर्व या त्यौहार 13 अक्टूबर को मनाया जाएगा। वाल्मीकि जयंती को सेलिब्रेट करने के लिए देशभर में लोग बड़े उत्साहित है। वाल्मीकि जयंती को पूरे भारत में मनाई जाती है उत्तर भारत में इस दिन को बड़े ही हर्षोल्स के साथ मनाया जाता है। कई लोग इस दिन को बाल्मीकि जयंती के रूप में जानते है। वाल्मीकि जयंती पर देशभर में कई कार्यक्रम होते है। इस दिन महर्षि वाल्मीकि जी की शोभायात्रा निकाली जाती है। इस अवसर पर स्कूल में कविता प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है। यहाँ हम वाल्मीकि जयंती से जुड़ी कुछ कविताएं लेकर आए जो आपकी मदद कर सकती है।

वाल्मीकि जयंती पर कविता 2019 | Valmiki Jayanti Poem in Hindi
वाल्मीकि जयंती पर कविता 2019 | Valmiki Jayanti Poem in Hindi

वाल्मीकि जयंती पर कविता 2019

वाल्मीकि जयंती अश्विन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस बार अश्विन मास की पूर्णिमा 13 अक्टूबर को पड़ रही है। वाल्मीकि समाज के लोग बड़ी धूम-धाम से मनाते है। वाल्मीकि जयंती के अवसर पर इनसे जुड़ी कविताओं को अपने दोस्तों और परिजनों के साथ शेयर इस दिन को उनके साथ अच्छे से मनाए।

कहते हैं कि वाल्मीकि
एक खूंखार लुटेरा था
नारद ने उसे ज्ञान दिया
वह महाॠषि हो गया
पर वाल्मीकि लुटेरा क्यों था?
जंगल में रहता क्यों था?
श्रेष्ठियों को लूटता क्यों था?

कहते हैं कि वाल्मीकि
एक अदना सा ब्राह्मण था
उसने राम कथा गाई
और महाकवि हो गया
पर क्यों लिखी उसने
शंबूक वध कथा

हर बार वाल्मीकि जयंती पर
मैं यही सोचता हूँ
कि क्या है वाल्मीकि का असली चेहरा
उस पर क्यों लगा है
इस जंजाल का पहरा

Valmiki Jayanti Poem in Hindi

कौसल्या ने पुत्र जना , रामचन्द्र ही आज
अस्पताल बारात हुई , शुरू हो गया नाच

भरत शत्रुघ्न लक्ष्मण , पुत्र तीन थे और
पूरी अयोध्या नाच उठी , खुशियों का था दौर

पुत्र सभी बड़े हुए , पहुँचे अब स्कूल
इंटर तक रखा गया , मोबाइल से दूर

ग्रेजुएशन में बनाई , फेसबुक पर आयडी
हनुमान दोस्त हुए , सीता मैय्या भाभी

सम्पत्ति के खेल को , खेल गयी कैकेय
राम जायें वनवास को , राजा भरत ही होय

Valmiki Jayanti Par Kavita

दसरथ को मैसेज कर , निकल पड़े श्रीराम
साथ में सीता माँ और , भाई था लक्ष्मण नाम

शूपर्णखा की फ्रेंड रिक्वेस्ट , आई प्रभु के पास
इसी बात पर हो गयी , सीता जी नाराज

राम चन्द्र गुस्से में , निकल गए एक टूर
रावण ने फायदा उठा , ले गया माँ को दूर

रिप्लाई जब ना मिला , कुटिया पहुँचे राम
लक्ष्मण चैटिंग विद उर्मिला , भूले सारे काम

डांट खाई प्रभु राम की , शुरू हुई तब ख़ोज
सिग्नल के अभाव में , जीपीएस था लूज़

इसी बीच सुग्रीव से , हुई एक मुलाकात
दोनों के दुःख एक से , हो गए दोनों साथ

बाली का स्टिंग किया ,किया पुलिस के हाथ
दूर किया सुग्रीव का , बरसों का सन्ताप

हनुमान को देख कर , प्रभु ने किया प्रनाम
आँख में आँसू पाय के , पवनसुत परेशान

लंका में नेटवर्क का , नही हुआ विकास
बन्द है प्रिय का फोन , होवे कैसे बात

परेशान प्रभु हो नही , मरेगा वो रावण
खत्म होगा ये युद्ध जब , लगेंगें वहाँ टावर

हनुमान उड़के गए , दिया रिलायंस का सिम
माँ ने प्रभु को फोन किया , दोनों बातों में गुम

रावण के गुर्गों ने , पकड़ा श्री हनुमान
आग लगाई पूँछ पर , बिफर गए श्रीमान

स्वाहा किया तुरन्त ही , सोने का वह होम
रावण डिप्रेशन गया , कैसे भरेगा लोन

वापस आकर राम को , बता दिया सब हाल
राम ने बोला मित्रगण , साफ करो हथियार

धनुष बाण काफी है , क्या होगा परमाणु
लंका जब से जल गयी , रावण है कंगाल

पूरी सेना चल पड़ी , लंका फतह को आज
सुग्रीव लकी हनुमान , करते ऊँची आवाज़

जीतती सेना देख कर , लक्ष्मण इन उत्साह
देख रहे मेसेज तभी , बाण से आई मुरछा

हनुमान उड़ कर गए , बाबा जी के पास
जड़ी बूटी के लेप से , लक्ष्मण खड़े थे आज

राम ने मारा बाण तब , रावण गिरा जमीन
बोला प्रभु माफ़ी दियो , कृत्य गलत था कीन

राम के स्टेटस में , आई एम विद माय लव
मेरे एक प्रहार से , मर गए दुश्मन सब

वापस पाकर सीता , पहुँचे अपने धाम
पूरी प्रजा दीप जलाकर , करती है सम्मान

आसमान से देख के , वर माँगे ” शशांक ”
अर्पित चमक प्रभु चरण , न हो कभी थकान !!!

Maharishi Valmiki Jayanti Poems in Marathi

त्यानंतर, श्री हरि हरशाया बैठक स्वच्छ आणि स्वच्छ आहे.
कौशिक प्रीती महोत्सव गाणे होय सुरूवातीस म्हणतात
तेखखान विष्णु पाबी निर्देश तेल पार्सर गुणाकार प्रवेश.
स्ट्रोकसह मी एक सुंदर रंग आहे.
त्याला परिपूर्ण मनोहर म्हणू नये. सुर सुंदरी सर्व मजेदार पहा
सुंदर दृश्याकडे पहा. एकूण भक्त
विष्णु प्रसन्ना होथी टीन काज लगल गाबी मल्टीप्लिसीटी सोसायटी
लॉस्मिथ सॉन्ग सोंग्स न्यू विविध वाडी पार्वती
नेहमी सुंदर समुदाय करा कोकिल स्वर गबे मॅन लाई
लक्ष्मीसह विष्णु बसिला कौशिक प्रभुपती सुनय लागला
लक्ष्मी मासी कोटी हजार वेत्र पान सब् रोकेट गेटवे
गाणे सनी सुगान निज धाम ऋषी गण मिलई आई तेहीथम
सर्व प्रवेशद्वार गान उत्सव, जिहो जमीन
सुरगॅनची नौकरानी समुदाय अनिश्चित
तुरुंगात काहीही फरक पडत नाही कडक शिक्षा दंडनीय
दासी-पूंछ कथा लॉर्ड आगा टोहोरा यांचे गुना
सुगान सूर्य राहला अबक तकाथी थाड फारक फरक
तुंबुरु तखान वाजोल गेल भेल जमा करण्याबाबत
जटाय दहेती लक्ष्मी देव भेल चांगले गाणे सुरु केले
विविध लय संगीत गठ्ठी सुंदर बाघथी वीन
नाना राग रागिनी लय सर्व प्रत्यक्ष भेल तहहालाल
तुंबरु गाणे म्हटले जाऊ शकत नाही. मोहित भेल सभा
कुर्कुह शुध्द अस्तित्वात नाही. तट्टय मधील दबल रागगोदी
चिंतक चंचलाता गेल भल भव्य वस्तुमान चित्र पहा
मन देवीच्या देवताकडे लक्ष केंद्रित करते त्यास एक चांगला मणी घर म्हणतात.
तुंबुरु काइलन मीटिंग हॉल गाऊल सैफ गायक प्रतिभा गुंज
सुन्न कल्चरिव्ह मिलि बॅन्युफुल गॅन फ्रोजन इमर्सन बीएचएल निदान
देवाने आनंदित केले दिव्य वासन भूषण डॅन डॅन.
ग्रीन हनी तुंबुरू संविधानाचे फळ

वाल्मीकि जयंती पर निबंध 2019 | Valmiki Jayanti Essay in Hindi

वाल्मीकि जयंती क्यों मनाई जाती है? | महर्षि वाल्मीकि जीवन परिचय | Valmiki Jayanti kab hai

हर साल लोगों को वाल्मीकि जयंती का बड़ी उत्साह के साथ इंतजार रहता है। उम्मीद करते है की आपको वाल्मीकि जयंती पर लिखी यह कविता आप सभी को जरूर पसंद आएगी। वाल्मीकि जयंती की कविताएं अपने दोस्तों के शेयर करना ना भूलें।

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