देश कभी भी 26 नवंबर 1949 का दिन कभी नहीं भूल सकता। यह दिन भारत के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है। अंग्रेजी हुकूमत से आजादी और अपने स्वदेसी संविधान के खातिर ना जाने कितने देश के वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहूत दी। भारत को आजादी और उसका अपना खुद का संविधान का सपना हर भारतीय के दिल दिमाग में था। आजादी तो भारत को 15 अगस्त 1947 में मिल गई। इसके बाद बारी थी देश का अपना संविधान बनाने की जिसमें सबसे बड़ी भूमिका अदा की स्वतंत्रता सेनानी और महान विचारक भीमराव अंबेडकर जी ने, जिन्हे संविधान का मसौदा तैयार करने का कार्य मिला और 2 साल 11 महीने और 18 दिन कड़ी मेहनत के बाद भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ और वह दिन था 26 नवंबर 1949 का इस ऐतिहासिक दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। संविधान दिवस पर कविता प्रस्तुत कर है। कंस्टीटूशन डे ऑफ इंडिया पोएम हिंदी भाषा में इस आर्टिकल में दी जा रही है।
संविधान दिवस पर कविता 2023
संविधान दिवस हर साल 26 नवंबर को भीमराव अंबेडकर जी की याद में मनाया जाता है। आज के दिन संविधान दिवस मनाकर उन्हें याद किया जाता है और देशभर में इस दिन उनके इतने बड़े योगदान के बारे में लोगों को बताया जाता है। भीमराव अंबेडकर ने देश के लिए काफी कुछ किया जिसका पता हर एक भारतीय को होना चाहिए। देश के संविधान निर्माण में मुख्य भूमिका अदा करने वाले भीमराव अंबेडकर जी को संविधान दिवस पर सच्चे मन से याद कर उनका सम्मान करें।
ताकतवर बहुत है यह गणतंत्र I
बदल देता है यह राज्य तंत्र I
कमजोर नहीं शक्तिशाली है यह ,
है सत्ता परिवर्तन का सहज यह मंत्र Iसंविधान देता है सबको हक़ जीने का I
अवसर शाशन हेतु साठ महीने का I
जनता बिठाती है सर आँखों पर लेकिन ,
बदले में चाहती है शाशन करीने का Iगणतंत्र दिवस पर सभी को गर्व है I
देश का यह सर्वोत्तम पर्व है I
समान अधिकार देता है नागरिकों को ,
खुली हवा खुली आँखों का ये स्वर्ग है I
संविधान दिवस पर भाषण 2023 | Constitution Day of India Speech in Hindi
Constitution Day of India Poem in Hindi
मैं भारत का संविधान हूं, लालकिले से बोल रहा हूं
मेरा अंतर्मन घायल है, दुःख की गांठें खोल रहा हूं।।
मैं शक्ति का अमर गर्व हूं
आजादी का विजय पर्व हूं
पहले राष्ट्रपति का गुण हूं
बाबा भीमराव का मन हूं
मैं बलिदानों का चन्दन हूं
कर्त्तव्यों का अभिनन्दन हूं
लोकतंत्र का उदबोधन हूं
अधिकारों का संबोधन हूं
मैं आचरणों का लेखा हूं
कानूनी लक्ष्मन रेखा हूं
कभी-कभी मैं रामायण हूं
कभी-कभी गीता होता हूं
रावण वध पर हंस लेता हूं
दुर्योधन हठ पर रोता हूं
मेरे वादे समता के हैं
दीन दुखी से ममता के हैं
कोई भूखा नहीं रहेगा
कोई आंसू नहीं बहेगा
मेरा मन क्रन्दन करता है
जब कोई भूखा मरता है
मैं जब से आजाद हुआ हूं
और अधिक बर्बाद हुआ हूं
मैं ऊपर से हरा-भरा हूं
संसद में सौ बार मरा हूं
संविधान दिवस पर कोट्स 2023 | Constitution Day of India Quotes in Hindi
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मौलिक भी अधिकार दिए हैं
धर्म कर्म संसार दिया है
जीने का अधिकार दिया है
सबको भाषण की आजादी
कोई भी बन जाये गांधी
लेकिन तुमने अधिकारों का
मुझमे लिक्खे उपचारों का
क्यों ऐसा उपयोग किया है
सब नाजायज भोग किया है
मेरा यूं अनुकरण किया है
जैसे सीता हरण किया है।
Samvidhan Divas Poem
मैंने न्याय व्यवस्था दी थी
तुमने नर्क व्यवस्था कर दी
हर मंजिल थैली कर डाली
गंगा भी मैली कर डाली
शांति व्यवस्था हास्य हो गयी
विस्फोटों का भाष्य हो गयी
आज अहिंसा बनवासी है
कायरता के घर दासी है
न्याय व्यवस्था भी रोती है
गुंडों के घर में सोती है
पूरे कांप रहे आधों से
राजा डरता है प्यादों से
गांधी को गाली मिलती है
डाकू को ताली मिलती है
क्या अपराधिक चलन हुआ है
मेरा भी अपहरण हुआ है
मैं चोटिल हूं क्षत विक्षत हूं
मैंने यूं आघात सहा है
जैसे घायल पड़ा जटायु
हारा थका कराह रहा है
जिन्दा हूं या मरा पड़ा हूं, अपनी नब्ज टटोल रहा हूं
मैं भारत का संविधान हूं, लालकिले से बोल रहा हूं।।
Constitution Day Poem
Takatver bahut hai yah ganatantra.Badal deta hai yah rajya tantra.Kamjor nahin shaktishali hai yah,Hai satta parivertan ka sahaj yah manatra.
Samvidhan deta hai sabako haq jeene ka.
Avaser shashan hetu sath mahine ka.
Janata bithati hai sir ankhon per lekin ,
Badale men chahati hai shahan karine ka.Gantantra divas per sabhi ko garv hai.
Desh ka yah sarvottam parv hai.
Saman adhikar deta hai nagarikon ko,
Khuli hava khuli ankhon ka ye swarg hai