Karwa Chauth 2023 Date, Kab Hai, Shubh Muhurat, Puja vidhi, Pujan Samagri: सुहागिन महिलाओं का त्यौहार करवा चौथ इस साल 01 november को देशभर में बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाएगा| हर बार करवा चौथ का त्यौहार अलग-अलग तारीख को मनाया जाता है| यही वजह की हर साल आप सभी को करवा चौथ कब है? के बारे में जानने के लिए इंटरनेट आदि की मदद लेनी पड़ती है| करवा चौथ के पर्व पर सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है| इस माँ पार्वती और भगवान गणेश जी की पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है| यहाँ जाने करवा चौथ का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, पूजन सामग्री, व्रत कथा के बारे में|
Karwa Chauth 2023 – 5 फूड्स जो आपके सरगी डाइट में जरूर होने चाहिए, जानिए संपूर्ण ज्ञान !
करवा चौथ कब है?
हिन्दू धर्म की महिलाएं करवा चौथ के दिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए इस निर्जला व्रत रखती है| करवा चौथ का पर्व हर साल दीपावली के 9 दिन पहले मनाया जाता है| हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक हर साल करवा चौथ का त्यौहार कार्तिक मास की चतुर्थी के दिन मनाया जाता है| इंग्लिश कैलेंडर के अनुसार करवा चौथ का पर्व हर साल अक्टूबर में महीने में सेलिब्रेट किया जाता है| करवा चौथ साल 2023 में 1 Nov को मनाया जाएगा|
Karwa Chauth Kab Hai
करवा चौथ की तिथि: बुधवार, नवम्बर 1, 2023
करवा चौथ विशेस, मैसेज, SMS, कोट्स, शायरी, स्टेटस, इमेज
करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय (Karwa Chauth Chand Nikalne Ka Time)
Karwa Chauth 2023 Moonrise Time 1 November
यूपी के प्रमुख शहरों का चंद्रोदय समय
लखनऊ- रात 8: 05 बजे
वाराणसी – रात 8:00 बजे
कानपुर – रात 8: 08 बजे
प्रयागराज- रात 8: 05 बजे
गोरखपुर- रात 8:00 बजे
मेरठ- रात 8:12 बजे
गाजियाबाद- रात 8:15 बजे
नोएडा- रात 8:15बजे
आगरा- रात 8:16 बजे
मथुरा- रात 8:16 बजेकरवा चौथ पर देश के बड़े शहरों में चंद्रोदय का समय
दिल्ली- रात 8:15 बजे
मुंबई- रात 8: 59 बजे
पुणे- रात 8: 56 बजे
पटना- रात 7: 51 बजे
रांची- रात 7:56 बजे
जोधपुर- रात 8: 26 बजे
उदयपुर- रात 8: 41 बजे
जयपुर – रात 8: 19 बजे
भोपाल- रात 8 :29 बजे
जबलपुर- रात 8:19 बजे
इंदौर- रात 8: 37 बजे
रायपुर- रात 8:17 बजे
देहरादून- रात 8:06 बजे
वडोदरा- राज 8 : 49 बजे
अहमदाबाद-रात 8 : 50 बजे
शिमला-रात 8: 07 बजे
चंडीगढ़- रात 8: 10 बजे
अमृतसर- रात 8: 15 बजे
कोलकाता– रात 7: 46 बजे
चेन्नई- रात 8: 43 बजे
Karwa Chauth Puja ki Vidhi
इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। सोलह श्रृंगार में माथे पर लंबी सिंदूर अवश्य हो क्योंकि यह पति की लंबी उम्र का प्रतीक है। मंगलसूत्र, मांग टीका, बिंदिया ,काजल, नथनी, कर्णफूल, मेहंदी, कंगन, लाल रंग की चुनरी, बिछिया, पायल, कमरबंद, अंगूठी, बाजूबंद और गजरा ये 16 श्रृंगार में आते हैं।
– करवा चौथ वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लें.
– अब इस मंत्र का उच्चारण करते हुए व्रत का संकल्प लें- ”मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये”.
– सूर्योदय से पहले सरगी ग्रहण करें और फिर दिन भर निर्जला व्रत रखें.
– दीवार पर गेरू से फलक बनाएं और भीगे हुए चावलों को पीसकर घोल तैयार कर लें. इस घोल से फलक पर करवा का चित्र बनाएं. वैसे बाजार में आजकर रेडीमेड फोटो भी मिल जाती हैं. इन्हें वर कहा जाता है. चित्रित करने की कला को करवा धरना का जाता है.
– आठ पूरियों की अठावरी बनाएं. मीठे में हल्वा या खीर बनाएं और पकवान भी तैयार करें.
– अब पीली मिट्टी और गोबर की मदद से माता पार्वती की प्रतिमा बनाएं. अब इस प्रतिमा को लकड़ी के आसान पर बिठाकर मेहंदी, महावर, सिंदूर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी और बिछुआ अर्पित करें.
– जल से भर हुआ लोट रखें.
– करवा में गेहूं और ढक्कन में शक्कर का बूरा भर दें.
– रोली से करवा पर स्वास्तिक बनाएं.
– अब गौरी-गणेश और चित्रित करवा की पूजा करें.
– पति की लंबी उम्र की प्रार्थना करते हुए इस मंत्र का उच्चारण करें- ”ऊॅ नम: शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभाम। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे॥”
– करवा पर 13 बिंदी रखें और गेहूं या चावल के 13 दाने हाथ में लेकर करवा चौथ की कथा कहें या सुनें.
– कथा सुनने के बाद करवा पर हाथ घुमाकर अपने सभी बड़ों का आशीर्वाद लें और करवा उन्हें दे दें.
– पानी का लोटा और 13 दाने गेहूं के अलग रख लें.
– चंद्रमा के निकलने के बाद छलनी की ओट से पति को देखें और चन्द्रमा को अर्घ्य दें.
– चंद्रमा को अर्घ्य देते वक्त पति की लंबी उम्र और जिंदगी भर आपका साथ बना रहे इसकी कामना करें.
– अब पति को प्रणाम कर उनसे आशीर्वाद लें और उनके हाथ से जल पीएं. अब पति के साथ बैठकर भोजन करें.
Karva Chauth Pujan Samagri
करवा चौथ के व्रत से एक-दो दिन पहले ही सारी पूजन सामग्री को इकट्ठा करके घर के मंदिर में रख दें. पूजन सामग्री इस प्रकार है- मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, पानी का लोटा, गंगाजल, दीपक, रूई, अगरबत्ती, चंदन, कुमकुम, रोली, अक्षत, फूल, कच्चा दूध, दही, देसी घी, शहद, चीनी, हल्दी, चावल, मिठाई, चीनी का बूरा, मेहंदी, महावर, सिंदूर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, छलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ और दक्षिणा के पैसे|