Home त्यौहार Durga Ashtami Vrat 2020 Dates Time पूजा विधि, महत्व इत्यादि

Durga Ashtami Vrat 2020 Dates Time पूजा विधि, महत्व इत्यादि

Durga Ashtami Vrat 2020 Dates Time | Durga Ashtami Kab hai 2020 दुर्गा अष्टमी व्रत पूजा विधि:  स्वागत है आपका (Dekh News) हिंदी एडिशन साइट साइट पर, हम आपके लिए रोजाना हिंदू कैलेंडर के हिसाब से त्योहारों और महत्वपूर्ण दिनों की जानकारी आपके साथ साझा करते हैं। 3 मार्च मंगलवार दुर्गाष्टमी व्रत पूजा शुभ मुहूर्त, सागर आज हमारे द्वारा बताई गई विधि अपनाते है तो आप सभी काम बन सकते है।

मासिक दुर्गाष्टमी शुभ मुहूर्त 2020 | Masik Durga Ashtami Shubh Muhurat 2020 | दुर्गा अष्टमी पूजा विधि | Durga Ashtami Pooja Vidhi | When is durga ashtami vrat 2020

प्रत्येक महीने के शुकल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन देवी दुर्गा की पूजा की जाती है। इस दिन को दूसरे नाम से भी जाना जाता है जिसे मासिक दुर्गाष्टमी कहा जाता है। यह दिन खानपुर पर माँ भगवती को समर्पित होता है। देवी दुर्गा माँ के भक्तो के लिए दिन बेहद खास रहता है। हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार दुर्गाष्टमी के दिन माँ दुर्गा की पूजा अर्चना सच्चे मन से की जाए तो भक्तों के सभी मुरादे यानि मनोकामना पूरी होती है। आज इस लेख में हम आपको बताने वाले है की फाल्गुन के महीने में आने वाली मासिक दुर्गाष्टमी व्रत की शुभ दिनांक, पूजा का शुभ महूरत, पूजा विधि और साथ जानेगे की आज के दिन ऐसा कौन उपाए करे जो आपके जीवन और आपके घर में सुख स्मृति लाएगा।

मासिक दुर्गाष्टमी शुभ मुहूर्त 2020 | Masik Durga Ashtami Shubh Muhurat 2020

  • साल 2020 मार्च के महीने में आने वाली दुर्गा अष्टमी व्रत 3 मार्च मंगलवार को रखा जाना है।
  • अष्टमी तिथि प्रारंभ होगी – 2 मार्च सायकल 12:52 मिनट पर।
  • अष्टमी स्थिति समाप्त होगी – 3 मार्च सायकल 01:49 मिनट पर।

दुर्गा अष्टमी पूजा विधि | Durga Ashtami Pooja Vidhi

शास्त्रों में कहां गया है कि दुर्गा अष्टमी के दिन यदि पूरे विधि विधान के अनुसार वर्क और मां भगवती की पूजा की जाए तो आपकी सभी मनोकामना पूरी होती है। अपन सुबह जल्दी उठकर नहान करे और वर्क का संकल्प ले, इसके बाद पूजा स्थल को पवित्र गंगा जल से पवित्र कर ले। चौकी को लाल रंग के कपड़े से सजाएं और उस पर मां दुर्गा की मूर्ति की स्थापना करें। देवी मां को भोग के रूप में मिठाई और फल अर्पित करें। इसके बाद धूप याद दिया जला कर पूजा करें, पूजा करते समय दुर्गा चालीसा जरूर पढ़ें।

 

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