APJ Abdul Kalam Poem in Hindi (Kavita) भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का आज 15 अक्टूबर 1931 को भारत के रामेश्वरम में जन्म था। एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम है| वह मिसाइल मैन के नाम से भी जाने जाते है। अब्दुल कलाम जी ने अपने जीवन के 40 साल क्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन एवं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में एक वैज्ञानिक रूप में बिताए। साल 2002 से 2007 तक भारत के 11वें राष्ट्रपति भी रहे। उन्होंने भारत में बैलिस्टिक मिसाइल और लॉन्च वाहन प्रौद्योगिकी के विकास के लिए अपना सर्वप्रथन योगदान दिया| हर एक भारतीय को उनपर गर्व है। आज एपीजे अब्दुल जयंती के मौके पर अब्दुल कलाम की कविता लेकर आए है जिन्हे पढ़ आप सभी को उनकी याद आ जाएगी।
अब्दुल कलाम की कविता 2021
एक समपर्ण, एक था अर्पण
था जिनका जीवन एक दर्शन।
जन्में घर निर्धन के फिर भी पाया विशेष स्थान,
देख भेदभाव बालपन से, हुआ मन बेताब।
मानवता की सेवा करने उठाई आपने किताब।
की चेष्टा कोई जीव चोट ना पावें,
हर जन अपने हृदय, प्रेम अलख जगावें।
टिकाए पैर ज़मी पर, मन पंछी ऊँचा आसमाँ पावें।
किया निरतंर अभ्यास, न छोड़ी कभी आस,
विफलताओं से हुए, न कभी आप निराश।
किए निरंतर प्रयास पर प्रयास।
देशभक्त्ति की आप हो एक मिसाल,
जिसने जलाई देश में 2021 की मशाल।
APJ Abdul Kalam Kavita
सपनों को विचार, विचार को गति,
दी युवकों को ये संमति।
देश को दी आपने पहचान नई।
किया ‘ के-15 ‘ से मुकम्मल सुरक्षा इंतज़ाम।
आप तो कमाल हो, श्रीमान कलाम।
कर्मक्षेत्र था आपका विज्ञान,
पर गीत संगीत में थे बसे आपके प्राण।
आप बने बच्चों के हितैषी,
दिया मंत्र, वे बने स्वदेशी।
विश्व पटल पर रखी भारतीयों की मिसाल,
आपके गुणों की है, खान अति विशाल।
कलाम आप तो हैं कमाल!
हर देशवासी हो नत मस्तक, करें आपको सलाम।
एपीजे अब्दुल कलाम पर निबंध 2021 | A.P.J Abdul Kalam Essay in Hindi
APJ Abdul Kalam Poem in Hindi
बोलते-बोलते अचानक धड़ाम से
जमीन पर गिरा एक फिर वटवृक्ष
फिर कभी नही उठने की लिए
वृक्ष जो रत्न था,
वृक्ष जो शक्ति पुंज था,
वृक्ष जो न बोले तो भी
खिलखिलाहट बिखेरता था
चीर देता था हर सन्नाटे का सीना
सियासत से कोसों दूर
अन्वेषण के अनंत नशे में चूर
वृक्ष अब नही उठेगा कभी
अंकुरित होंगे उसके सपने
फिर इसी जमीन से
उगलेंगे मिसाइलें
शन्ति के दुश्मनों को
सबक सीखने के लिए
वृक्ष कभी मरते नही
अंकुरित होते हैं
नये-नये पल्लवों के साथ
वे किसी के अब्दुल होते है
किसी के कलाम.
APJ Abdul Kalam Par Kavita
हमारा सलाम, कलाम के नाम
आइये, एक महान आत्मा को सलाम करे,
एक ऐसी आत्मा, जिन्होंने अपना जीवन,
बलिदान कर दिया – हमारे लिए.
आइये, श्रद्धांजलि दे एक ऐसी आत्मा को,
जिन्होंने असम्भव को संभव किया हमारे लिए.
आइये , एक महान आत्मा श्रद्धांजलि दे ,
जिसने अपने देश के लिए एक सपना देखा.
आइये, हम अपने भूतपूर्व राष्ट्रपति को नमन करें,
जिन्होंने हर विद्यार्थी को प्रोत्साहित किया,
जिनके किताबों और भाषण ने हमें प्रेरणा दी.
आइये, एक ऐसे व्यक्ति को सलाम करे,
जो किसी भी धर्म के बीच अंतर नही करते.
एक ऐसे व्यक्ति को सलाम करे,
जो सबके दिल पर राज करते हैं .
APJ Abdul Kalam poem in marathi
Abdul Kalam Poetry
देश का सच्चा सपूत था वो
जात-पात से परे नेक बन्दा था वो
फ़कीराना जिन्दगी जीकर जिसने
देश को ताकतवर बनाया
सबसे चाहिता राष्ट्रपति कहलाकर
दिलों में अपनी जगह बनाया
नम आँखों को छोड़ वो
अनगिनत यादों में बस गया
मिसाइल मेन कहलाने वाल
अलविदा दोस्तों कह गया.
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर कविता 2021 | Poem on International Day of the Girl Child in Hindi
Poems on APJ Abdul Kalam in Marathi
ओह! सीमा च्या डिफेंडर्स
तू माझ्या देशात महान पुत्र आहेस
जेव्हा आपण सर्व झोपलो असतो
आपण अद्याप आपल्या कार्यवाहीवर अवलंबून आहे
वारामय हवामान किंवा हिमवर्षाव दिवस
किंवा सूर्यप्रकाशाच्या वेगाने धावणारे किरण
आपण सर्व जागृत जागृत आहेत
योगी म्हणून एकमेव विस्तार करत
उंचीवर चढत किंवा खोऱ्याकडे वळणे
वाळवंटांचे रक्षण करणे किंवा दलदलांचे रक्षण करणे
समुद्रात संरक्षण आणि हवेचे संरक्षण करुन
आपल्या युवकांचा पंतप्रधान राष्ट्रांना दिला !!
माझ्या जमिनीचा वाऱ्याचा झोत तुमच्या पराक्रमाला कंपित करतो
आम्ही आपल्यासाठी बहादुर पुरुष प्रार्थना करतो !!
देव तुम्हाला सर्व आशीर्वाद देवो !!
एपीजे अब्दुल कलाम पर भाषण 2021 | APJ Abdul Kalam Speech in Hindi
Abdul Kalam Poem in Hindi
बोलते-बोलते अचानक धड़ाम से
जमीन पर गिरा एक फिर वटवृक्ष
फिर कभी नही उठने की लिए
वृक्ष जो रत्न था,
वृक्ष जो शक्ति पुंज था,
वृक्ष जो न बोले तो भी
खिलखिलाहट बिखेरता था
चीर देता था हर सन्नाटे का सीना
सियासत से कोसों दूर
अन्वेषण के अनंत नशे में चूर
वृक्ष अब नही उठेगा कभी
अंकुरित होंगे उसके सपने
फिर इसी जमीन से
उगलेंगे मिसाइलें
शन्ति के दुश्मनों को
सबक सीखने के लिए
वृक्ष कभी मरते नही
अंकुरित होते हैं
नये-नये पल्लवों के साथ
वे किसी के अब्दुल होते है
किसी के कलाम.
जब चारो तरफ काला साया घिरके आया , मैंने जब खुद को तनहा पाया
माँ उस समय मुझे तेरा ही चेहरा नज़र आया , माँ उस समय मुझे तेरा ही चेहरा नज़र आया
खुद कष्ट सहकर तूने हमेशा मुझे उठाया , मेरे दुःख को अपना दुःख बनाया
तेरी अंचल की छाव में आज भी मैंने खुद को सबसे सुरक्षित पाया
तेरी अंचल की छाव में आज भी मैंने खुद को सबसे सुरक्षित पाया |
तू देती हज़ार खुशियां है जिनकी कीमत नहीं चूका सकता मैं कभी
पर इतना ही कह सकता हु तेरे जैसा कोई नहीं , तेरे जैसा कोई नहीं |
एपीजे अब्दुल कलाम के अनमोल विचार | APJ Abdul Kalam Quotes in Hindi
एपीजे अब्दुल कलाम ने भारत के महान लोगों में से एक है। आज उनकी जयंती यानि जन्मदिन पर हम आपके लिए अब्दुल कलाम से जुड़ी कुछ बेहद ही प्यारी कविता शेयर कर रहे है। जिन्हे आज एपीजे अब्दुल कलाम डे पर अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर। अब्दुल कलाम कविताएं हिंदी में ऊपर उपलब्ध है उम्मीद करते है यह सभी आपको जरूर पसंद आएगी।