फुलैरा दूज 2021 शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व, कथा: फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीया को फुलैरा दूज का त्यौहार मनाया जाता है| इस पर्व को फुलरिया दूज के नाम से भी मनाया जाता है| यह फाल्गुन माह का सबसे पावन दिन होता है| उत्तर भारत में इस दिन को बड़ी ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है, विशेषकर उत्तर प्रदेश के मथुरा और वृंदावन में इस पर को बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है| इस त्यौहार को फूलों के त्यौहार के रूप में भी जानते है|
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फुलैरा दूज 2019
फुलैरा दूज के साथ ही होली के रंगो की शुरुआत हो जाती है| इस दिन राधा-कृष्ण को अबीर-गुलाल चढ़ाया जाता है| फुलेरा दूज के पर्व को काफी शुभ माना जाता है इस दिन किसी भी शुभ कार्य को किया जा सकता है|
होली के त्यौहार से कुछ दिन पहले मनाए जाने वाले फुलेरा दूज के दिन भगवान कृष्ण और माता राधा जी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है| ऐसी मान्यता है की इस दिन राधा-कृष्ण की पूरे विधि-विधान से पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है| हिन्दू धर्म में इस दिन को विवाह के लिए सबसे अच्छा दिन माना जाता है| ऐसी मान्यता है की इस दिन राधा-कृष्ण की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में मधुरता बनी रहती है|
फुलेरा दूज का शुभ मुहूर्त
15 मार्च 2021, सोमवार
द्वितीया तिथि प्रारंभ- 14 मार्च, रविवार शाम 5 बजकर 10 मिनट से
द्वितीया तिथि समाप्त- 15 मार्च, सोमवार शाम 6 बजकर 50 मिनट तक
संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, कथा, मंत्र, महत्व
ऐसे मनाएं फुलैरा दूज का पर्व
इस दिन घर में भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है और अपने इष्ट देव को गुलाल चढ़ाया जाता है. इस दिन मिष्ठान बनाया जाता है और उन्हें भगवान को भोग लगाया जाता है.
यह दिन नए काम की शुरुआत के लिए बहुत शुभ है. नए काम की शुरुआत इस दिन से कर सकते है.