मोक्षदा एकादशी (Mokshada or Vaikunta Ekadashi) पूजा का शुभ मुहूर्त, व्रत विधि, मंत्र, कथा: वैकुंठ एकादशी या मोक्षदा एकादशी आज 18 दिसंबर को देशभर में बड़ी ही धूम-धाम के साथ मनाई जा रही है| यह त्यौहार हर साल मार्गशीर्ष मास की शुक्लपक्ष की एकादशी को हिन्दू धर्म के लोगों के द्वारा मनाया जाता है| मान्यता के अनुसार आज के दिन व्रत, पूजा पाठ करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है| ऐसे जातकों को मरणोपरांत वैकुंठ में स्थान मिलता है| इस एकादशी को गीता जयंती के नाम से भी देशभर के अलग-अलग हिस्सों में मनाया जाता है| यहाँ जानिए मोक्षदा एकादशी पूजा का शुभ मुहूर्त, वृथा कथा, पूजा विधि, मोक्ष प्राप्ति मंत्र आदि के बारे में|
पूजा का शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि का आरंभ : 18 दिसंबर 2018 को शाम 07:57 बजे से
एकादशी तिथि का अंत : 19 दिसंबर 2018 को शाम 07:35 बजे
मोक्षदा एकादशी मंत्र
- ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने ।। प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः।
- ॐ नमः भगवते वासुदेवाय कृष्णाय क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः।
- हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम, राम-राम हरे हरे।
मोक्षदा एकादशी व्रत विधि:
मोक्षदा एकादशी या वैकुंठ एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इस व्रत का नियम एक दिन पूर्व ही शुरू हो जाते हैं. एक दिन पहले सात्विक भोजन किया जाता है. सोने से पहले भगवान विष्णु का स्मरण जरूर करें. जानिये इस एकादशी की पूजा और व्रत की विधि क्या है:
1. सर्वप्रथम स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें.
2. इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करें. पूजा में तुलसी पत्ता का इस्तेमाल जरूर करें.
3. रात्रि में भी भगवान विष्णु की पूजा करें और कथा पाठ करें.
4. रात्रि में भजन-कीर्तन करें.
5. इस दिन से गीता पाठ का आरंभ करना अति शुभ माना जाता है.