Chaitra Amawasya 2019: आज है चैत्र अमावस्या जानिए! पूजा का शुभ मुहूर्त, महत्व, सूर्य को अधर्य देने का समय चैत्र महीने में की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को ‘चैत्र अमावस्या’ कहा जाता है| चैत्र अमावस्या के दिन व्रत रखने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है| ऐसी मान्यता है की इस दिन व्रत रकने से मोक्ष की प्राप्ति होती है| चैत्र अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने को शुभ माना जाता है|
चैत्र अमावस्या का शुभ मुहूर्त
यह 4 अप्रैल की दोपहर 12:51 से 5 अप्रैल की दोपहर 02:21 तक रहेगी और स्नान-दान का अधिक महत्व सुबह के समय होता है। जहां 4 अप्रैल को श्राद्ध कार्य के लिए अच्छा है तो वहीं 5 अप्रैल का दिन स्नान दान क लिए बेहतर माना जाता है।
चैत्र अमावस्या का महत्व
हिन्दू पंचांग के मुताबिक, चैत्र महीने की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को चैत्र अमावस्या का त्यौहार मनाया जाता है| हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत रखे से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है| इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने को शुभ माना जाता है| पितृ तर्पण करने के लिए नदी में स्नान करके सूर्य को अर्घ्य देकर पितरों का तर्पण करना चाहिए। इसके बाद किसी गरीब या ब्राह्मण को भोजन करना चाहिए और जरूरतमंदों को दान करना चाहिए।
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गरुड़ पुराण में कहा गया है कि अमावस्या के दिन पितर अपने वंशजों से मिलने जाते हैं। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर पवित्र नदी में स्नान, दान व पितरों को भोजन अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद देते हैं।