भौमवती अमावस्या 2019 जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व :- भौमवती अमावस्या हर बार आषाण मास की कृष्ण पक्ष में आती है। इस बार भौमवती अमावस्या मंगलवार 2 जुलाई को पड़ रही है। संयोग से इस बार भौमवती अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण पड़ रहा है। हिन्दू धर्म में इस अमावस्या का काफी महत्व है। आषाढ़ मास में मंगलवार को पड़ने वाली अमावस्या को भौमवती अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। भौमवती अमावस्या का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, कथा, महत्व मंत्र के बारे में नीचे जानकारी दी गई है। सूर्य ग्रहण 2019
भौमवती अमावस्या के दिन पितरों की शांति के लिए विशेष पूजा अर्चना की जाती है। भौमवती अमावस्या पवित्र नदी के तट पर विशेष पूजा-पाठ किये जाते है। इस अमावस्या को पितकृम अमावस्या के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन पितरों की शांति के लिए हिन्दू धर्म के लोग व्रत भी रखते है।
भौमवती अमावस्या 2019
भौमवती अमावस्या पूजा विधि-
- पितरों के शांति के लिए विधि विधान से नदी तट पर निमित्त तर्पण, पिंडदान आदि क्रिया को संपूर्ण करें.
- जो लोग पितरों की शांति के लिए पूर्ण विधि से पूजा नहीं करवा पाते हैं. उन्हें भौमवती अमावस्या पर पितरों के लिए पूजा कराने से दोष की मुक्ति मिल जाती है.
- भौमवती अमावस्या के दिन गरीबों और भूखे लोगों को भोजन कराने से पुण्य की प्राप्ती होती है, साथ ही त्रुटि दोष भी दूर हो जाते हैं.
- भौमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करना शुभ माना जाता है. ऐसे में भगवान शिव की पूजा का बड़ा महत्व है.
- भौमवती अमावस्या पर पितरों के मोक्ष की प्राप्ती के लिए गंगा नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है.
भौमवती अमावस्या 2019 शुभ मुहूर्त और महत्व
हर साल भौमवती अमावस्या आषाण मास की कृष्ण पक्ष में आती है। इस बार भौमवती अमावस्या की शुरुआत अमावस्या तिथि के आधार पर 1 जुलाई मध्यरात्रि के बाद 3 बजकर 5 मिनट से होगी। तो वहीं भौमवती अमावस्या सामाप्ति तिथि 2 जुलाई मध्यरात्रि 12 बजकर 46 मिनट तक होगी।