जानिए! हिन्दू देवी-देवता की सवारी और उनके पीछे के रहस्य के बारे में: हिन्दू धर्म में कई देवी-देवता है। यह बात तो हर कोई जानता है। लेकिन क्या आप यह जानते है कि देवी या देवता की सवारी कौन-सी है? और उसके पीछे क्या वजह है? अगर नहीं तो आज आपको इस आर्टिल्स को पढ़ने के बाद इस बारे में पता चल जाएगा। हम इस आर्टिकल में हिन्दू देवी-देवताओं की सवारी और उनके पीछे की वजह के बारे में विस्तार से बताने जा रहे है।
जानिए! हिन्दू देवी-देवता की सवारी और उनके पीछे के रहस्य के बारे में
भगवान विष्णु की सवारी या वाहन
भगवान विष्णु जी की सवारी गरुड़ है। गरुड़ एक ऐसा पक्षी है जो पृथ्वी से काफी ऊंचाई पर होकर भी पृथ्वी के हर एक छोटे से छोटे जीव पर नजर रखने में सक्षम है। गरुड़ को सांपो का सबसे बड़ा दुश्मन माना जाता है। पृथ्वी से दुरी होने पर भी पृथ्वी पर मौजूद हर एक जीव-जंतु पर नजर रखने की खासियत भगवान विष्णु जी के पास भी है। भगवान विष्णु जी के वाहन से हर समय अपनी निगाह लोगो पर बनाए रखने और जागरूक रहने की प्रेरणा मिलती है।
मां सरस्वती का वाहन हंस है
माँ सरस्वती का वाहन हंस हमे हमेशा सर्वश्रेष्ठ को अपनाने का संदेश देता है। हंस एक पवित्र पक्षी है जो बड़ा ही जिज्ञासु और समझदार है। वह हमेशा ही एक ही हंसनी के साथ रहता है। जो हमे प्रेम और एकता का उदाहरण पेश करता है।
पिशाच पर है हनुमान जी का आसन
हनुमान जी का आसन हमें बुराई तथा कष्ट को अपने ऊपर हावी नहीं होने का सन्देश देते है। इसलिए ही हनुमान जी ने प्रेत या पिशाच को अपना आसन धारण किया है।
रथ पर सवार भगवान सूर्य
भगवान सूर्य रथ पर सात घोड़े पर सवार होकर नजर आते है। उनका वाहन हमे यह सन्देश देता है की हमेशा अपने लक्ष्य को पाने के लिए पूरी शक्ति और स्फूर्ति के साथ आगे बढ़ते रहना चाहिए।
माँ गंगा की सवारी
हिन्दू शास्त्रों में माँ गंगा की सवारी मगरमच्छ को बताया गया है। जो हमे यह संदेश देता है की हमे पानी में रहने वाले जीव-जंतुओं को मारना नहीं चाहिए। ऐसा करने से पानी में संतुलन खराब होता है और प्रकृति को नुकसान पहुँचता है।
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