Home ज्योतिष Sherawali Mata Facts in Hindi: पढ़िए! शेरावाली माता की सवारी शेर ही...

Sherawali Mata Facts in Hindi: पढ़िए! शेरावाली माता की सवारी शेर ही क्यों है?

पढ़िए! शेरावाली माता की सवारी शेर ही क्यों है? नवरात्रि पर माँ दुर्गा की पूजा की जाती है और माँ दुर्गा की सवारी शेर है| आपने देखा होगा की शेरावाली माता की हर तस्वीर में माता शेर पर सवार रहती है| क्या आप जानते है की माँ शेर पर क्यों सवार रहती है? माता की सवारी शेर ही क्यों है? क्या आपके मन में कभी यह सवाल आया है| अगर हाँ तो आज हम आपको बताते है इसके पीछे की वजह| आज हम आपको माँ दुर्गा और शेर के बीच की एक बेहद ही दिलचस्प कहानी के बारे में|

माता रानी शायरी 2023 | Mata Rani Ki Shayari in Hindi

पढ़िए! शेरावाली माता की सवारी शेर ही क्यों है?

शेरावाली माता की सवारी शेर ही क्यों है? | Sherawali Mata Facts in Hindi

धार्मिक कथा के मुताबिक माता पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने की इच्छा से काफी समय तक तपस्या की थी| आप इस बात से अंदाजा लगा सकते की तपस्या कितनी अधिक रही होगी की माता पार्वती का गोरा रंग सांवला हो गया था| आखिरकार माता पार्वती की तपस्या सफल रही और भगवान शिव उन्हें अपने पति के रूप में मिल गए|

हैप्पी नवरात्रि विशेस, मैसेज, SMS, शुभकामना संदेश, इमेज

फिर इस दिन ऐसे ही बातों-बातों में भगवान शिव ने माँ पार्वती को कैलाश पर्वत पर बैठे हुए उन्हें ‘काली’ नाम से पुकारा जो माँ पार्वती को नाकारा गुजरा और वह फिर अपने [पुराने रंग को पाने के लिए जंगल ही ओर चली गयी| माता पार्वती ने जंगल में इसके बाद तपस्या शुरू कर दी|

वन में तपस्या के दौरान एक शेर माँ पार्वती को खाने के लिए पहुँचता है, लेकिन माँ को तपस्या में देख निहारता ही रह जाता है| शेर माँ पार्वती को की तपस्या में ऐसा लीन हुआ की वह बरसों तक माँ पार्वती के पास ही बैठ जाता है| माँ पार्वती की तपस्या को देख भगवान शिव माता पार्वती को गौरा होने का आशीर्वाद देते है|

इस दौरान गंगा माँ स्नान के लिए चली जाती है| उसी समय माँ पार्वती में एक और काले रंग की देवी प्रकट होती है| काली देवी के निकलते ही माँ पार्वती फिर से गोरी हो जाती है| गोरी होने के बाद माँ पार्वती को माँ गोरी का नाम मिल जाता है|

जानिए! हिन्दू देवी-देवता की सवारी और उनके पीछे के रहस्य के बारे में

तपस्या पूर्ण होने के बाद उन्होंने शेर को अपने निकट पाया| जो माता की तपस्या के समय से ही माँ के साथ था| जब माँ को इस बात का [पता चला तो माँ उस शेर से प्रसन्न हुई और गौरी माँ ने शेर को अपने वाहन के रूप में अपना लिया| तभी से माँ के साथ यह शेर हमेशा से साथ रहता है| शेर की सवारी के बाद माता शेरावाली माता के नाम से भी जानी जाने लगी|

Gau Mata Shayari in Hindi: गौ माता शायरी, गाय पर शायरी Slogan on Mother Cow

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here