नमस्कार दोस्तों देशभर में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन (Single Use Plastic Ban) लगा दिया गया है। इन प्लास्टिक में प्लास्टिक की कटलरी समेत कुल 19 चीजों पर बैन लगाया गया है। लेकिन अभी तक देखा जाए तो इसका असर बाजारों में नहीं दिख रहा है। लोग पहले की तरह ही प्लास्टिक की थैलियों चम्मच आदि का इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि इसको लेकर सख्त कानून भी बनाया गया है यदि कोई व्यक्ति सिंगल प्लास्टिक यूज करते हुए पकड़ा जाता है तो उसे एक् लाख रूपये तक का कोई जुर्म 5 साल जेल की सजा हो सकती है।
Single Use Plastic Ban in India News in Hindi
पूरे देश भर में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध (Single Use Plastic Ban) लगा दिया गया है। इस प्रतिबंध के तहत प्लास्टिक के बने कई चीजें मिलना बंद हो जाएगी। भारत के केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने उन सामानों की लिस्ट जारी की है जिन पर रोक लगाई गई है। सिंगल यूज प्लास्टिक का मतलब होता है प्लास्टिक से बनी ऐसी चीज है जिनका हम सिर्फ एक बार करते हैं और तेरे उसे फेंक देते हैं जिससे पर्यावरण को काफी नुकसान होता है। इन सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगाया गया बैनप्ला
स्टिक कैरी बैग, पॉलीथीन (75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले)प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स गुब्बारों के लिए प्लास्टिक स्टिक प्लास्टिक के झंडे कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक थर्माकोल (पॉलिस्ट्रीन) प्लास्टिक की प्लेट प्लास्टिक के कप प्लास्टिक के गिलास कांटे चम्मच चाकू स्ट्रॉ ट्रे मिठाई के डिब्बों को रैप या पैक करने वाली फिल्म इन्विटेशन कार्ड सिगरेट के पैकेट 100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर स्टिरर (चीनी आदि मिलाने वाली चीज) मंत्रालय की तरफ से शक्ति से कहा गया यदि कोई सिंगल यूज प्लास्टिक इस्तेमाल करते हुए पाया जाता है तो उसे दंड दिया जाएगा। जिसमें जेल और जुर्माना दोनों शामिल होगा।
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दिल्ली के बाजारों में नहीं दिखा प्लास्टिक बैन का असर
प्लास्टिक बैन के बाद भी लोगों पर इसका असर अभी तक नहीं देखा गया है। सरकार की तरफ से इतनी सख्त धमकी के बाद भी दिल्ली के बाजारों में अभी भी छोटे-मोटे दुकानदार प्लास्टिक की थैलियां गिलास चम्मच आदि हमेशा की तरह बेच रहे हैं। इसका कारण क्या है क्या लोगों को अभी तक इस कानून के बारे में पता नहीं चला है? क्या इस कानून का सही ढंग से लोगों के बीच प्रचार-प्रसार नहीं किया जा रहा है? के कुछ ऐसे सवाल है जो बहुत आवश्यक है।
कानून बनाने से कुछ नहीं होता उसे लागू करना आवश्यक है
कानून बनाना जितना आवश्यक है और उस कानून की उपयोगिता को सिद्ध करना और लोगों को उसकी जानकारी देना भी उतना ही आवश्यक होता है। कानून की उपयोगिता तभी होती है जिनके लिए वह बनाया जाता है उनको उसका भली-भांति ज्ञान होता है। कानून का प्रचार प्रसार करना केवल सरकार का कर्तव्य नहीं है बल्कि यह हमारे राजनीतिक दलों और समाजसेवी संगठनों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। क्योंकि आम जिंदगी में यह लोग लोगों के काफी करीब से जुड़े रहते हैं। इसी तरह इस प्लास्टिक बन के कानून की उपयोगिता सिद्ध करने के लिए लोगों को इसकी जानकारी देना आवश्यक है.
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