नमस्कार दोस्तों खालिस्तान सदियों से भारत के लिए एक बड़े विवाद का मसला रहा है। खालिस्तान की मांग की वजह से ना जाने कितनी मौतें हुई है। एक बार फिर यह बड़े विवाद का मुद्दा बनकर सामने आया है। आज के इस लेख में हम आपको खालिस्तान के बारे में बताने जा रहे हैं इसके साथ ही हम इसकी मुख्य बातें पर भी गौर करेंगे। आइए जानते हैं खालिस्तान से जुड़े 10 बड़ी बातों को।
Top 10 Facts About Khalistan in Hindi
1. पंजाब के लोगों के लिए अलग एक राज्य की मांग की शुरुआत पंजाबी सूट आंदोलन से हुई थी। इसका पहला मौका कह सकते जब पंजाब की ओर से अलग राज्य की मांग की थी इसके बाद पंजाब में अकाली दल सामने आई। अलग पंजाब के लिए जबरदस्त किए गए प्रदर्शन को अंत में 1966 में मान लिया गया तब पंजाब को हरियाणा से अलग किया गया।
2. इसके बाद फिर 1980 में खालिस्तान के रूप में अलग राज्य की मांग फिर से की गई। धीरे धीरे यह मांग खालिस्तान आंदोलन के रूप में बदल गया। इस समय पंजाब में अकाली दल कमजोर पड़ गया और जनरल सिंह भिंडरावाला की लोकप्रियता बढ़ी जिसकी वजह से अब खालिस्तान आंदोलन हिंसक रूप में बदल गया।
3. भिंडरावाला के बारे में माना जाता है कि वह सिख धर्म का कट्टर समर्थक था। भिंडरवाला ने आते ही पूरे पंजाब में अपनी पकड़ मजबूत की और इसके बाद हिंसक रूप से अपनी मांग की।
4. साल 1980 से 1984 के बीच आतंकी हमले ने अपना भयानक रूप ले लिया। साल 1983 में भिंडरवाला ने पंजाब के स्वर्ण मंदिर में अपना ठिकाना बना लिया। उसने मंदिर में सैकड़ों हथियार रखे थे। मंदिर को उसने एक सुरक्षा किला के रूप में बना दिया था।
5. उस समय के इंदिरा गांधी सरकार ने तुरंत इस पर एक्शन लेते हुए भिंडरवाला को स्वर्ण मंदिर से निकालने के लिए तैयारी की जाने लगी।
6. इसके लिए सबसे पहले ऑपरेशन सन्डाउन बनाया गया जिसमें 200 सैनिकों को इसके लिए ट्रेनिंग दी गई लेकिन बाद में आम नागरिकों की जान ज्यादा नुकसान होने की आशंका के चलते ऑपरेशन को नकार दिया गया।
7. इसके बाद भारतीय सेना की ओर से ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया गया। स्वर्ण मंदिर के ऊपर 6 जून 1984 के दिन भारी गोलीबारी की गई जिसके बाद जनरल सिंह भिंडरावाला का शव बरामद किया गया। और अंत में स्वर्ण मंदिर आर्मी कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया।
8. इस ऑपरेशन के बाद सिख समुदाय में इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ जबरदस्त उत्साह दिखाया। इसके बाद कई कांग्रेस नेताओं ने इस्तीफा दे दिया।
9. घटना के महज 4 महीने बाद में 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई जिसमें उनके ही दो सिख सुरक्षाकर्मी शामिल थे।
10. खालिस्तान आंदोलन यहीं पर खत्म नहीं हुआ के बाद भी अलग-अलग समय पर आंदोलन होते रहे .