Home शायरी मच्छर (Machar) पर कविता | Hindi Poem on Mosquito for Everyone

मच्छर (Machar) पर कविता | Hindi Poem on Mosquito for Everyone

हेल्लो दोस्तों आपका हमारे हिंदी वेबसाइट में स्वागत है और आज हम आपके लिए मच्छर पर कविता है। हमें उम्मीद है कि आपको यह कविता पसंद आएगी। अगर आप चाहें तो हमारी वेबसाइट की अन्य कविताएँ जैसे हाथी पर कविता, घर पर कविता, कोरोना पर कविता, गाय पर कविता और तरबूज पर कविता भी पढ़ सकते हैं। हम आपको बताना चाहते हैं कि पाठक हमारी कविता को पसंद कर रहे हैं और यही कारण है कि आज हमारे पास आपके लिए एक और कविता है। अगर आप इस कविता को पढ़ना चाहते हैं तो हमारे लेख को अंत तक पढ़ते रहें।

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मच्छर (Machar) पर कविता | Hindi Poem on Mosquito

इस कविता में हम पढ़ेंगे कि मच्छर मानव जीवन को कैसे परेशान करते हैं। मच्छर का काम होता है हमारे कानो में घु घु करना। मच्छर सुबह शाम हमारा खून पीते रहते हैं। हमारे सर पे बैठकर खून चूसते है। इनको इंसान से कोई डर नही लगता है। यह अपनी टंकी लाल रंग से भरते रहते हैं। इसीलिए बोलते हैं कि मच्छर दानी का इस्तेमाल करें ताकि चैन से सोने को मिले। आज हमने आपको बताया है कि इस कविता के अंदर क्या है जो आपको पढ़ना चाहिए। आप भी इस कविता को जरूर पड़े। आगे और भी हैं।’

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मच्छर जी की आरती (कविता): Hasya Kavita

आ गई गर्मी, पाधारो मच्छर जी।
हो पधारो मच्छर जी, आरती उतारो जी।।

तुम राजमहल में, तुम ही भिखारी के घर में।

धरती पे तेरा राज है, हौसला है अम्बर में।।

संसार तुम्हारा एक है, हो हमारे मच्छर जी।

तुम दुनियाँ में भी दो दिन, हमारे साथ तो गुजारो मच्छर जी।।

क्या तुमको भेंट चढ़ाये, पसीना तन है, घर सुना है।

पी लो खून के दो आँसु, समझ लेना पानी का नमूना है।।

तुम हर नयन में हो, मन ही मन में डर तेरा।

तुम ही रक्तचूसक हो, कंठ-कंठ में जाप तेरा।।

आ गई गर्मी पाधारो मच्छर जी।

हो पधारो मच्छर जी, आरती उतारो जी।।

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जय हिंद।

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