नमस्कार दोस्तों, इंग्लैंड से इंसानियत को शर्मसार करने वाला एक ऐसा मामले सामने आया है जिसे सभी को हैरान और परेशान करके रख दिया है। जैसा कि आप सभी को मालूम है डॉक्टर को दूसरा भगवान माना जाता है, क्योंकि वह मरते हुए व्यक्तियों को मौत के मुंह से निकल लाते है। लेकिन अगर यही रक्षक लोगों के जीवन के भक्षक बन जाए तो इससे बुरा क्या ही हो सकता है। इंग्लैंड से कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां एक नर्स महिला ने एक दो नई बल्कि सात नवजात शिशुओं की जान ले ली। अब सात बच्चों को मौत के घाट उतारने और 6 की हत्या की कोशिश के मामले में नर्स महिला को (UK Nurse Killed Infant) दोषी करार कर दिया है।
इंग्लैंड में एक नर्स ने 7 नवजात बच्चों की जान ली
आपकी जानकारी के लिए बता दे की यह हत्यारन नर्स यूनाइटेड किंगडम के चेस्टर हॉस्पिटल में काम करती है। नर्स का नाम लुसी लेटबी बताया जा रहा है। वर्तमान में मैनचेस्टर क्राउन कोर्ट द्वारा एक मामले में आरोपी के रूप में ठहराया गया है कि उन्होंने 7 बच्चों की हत्या की और 6 बच्चों की हत्या की कोशिश की। आरोपी नर्स द्वारा उनके द्वारा लिखे गए कुछ नोट्स को सबूत के रूप में प्रस्तुत किया गया था, जिनमें उन्होंने खुद को दुष्ट बताया था। उन नोट्स में उन्होंने यह लिखा था कि वे एक अच्छी नर्स साबित नहीं हो सकती हैं और न ही बच्चों का सही तरीके से ख्याल रख सकती हैं। इस प्रकार, उन्होंने बच्चों के प्रति अपनी दुष्टता की घोषणा की है। उन्हें एक डेविल के रूप में परिचित किया जा सकता है।
इस मामले में एक भारतीय मूल के डॉक्टर ने उसको पकड़वाया
शुरुआती जांच में सामने आया है कि नर्स बच्चों को मारने के लिए उनकी नसों में हवा और इंसुलिन इंजेक्ट करती थी, और साथ ही बच्चों को जरूरत से ज्यादा दूध पिलाती थी। वह बच्चों को लिक्विड चीजें भी खिलाती थी। इस मामले में भारतीय मूल के सलाहकार बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि जयराम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिससे नर्स को पकड़वाया गया।
Dr. Ravi Jayaram
ब्रिटिश समाचार टेलीविजन चैनल के इंटरव्यू में डॉ. रवि जयराम ने बातचीत के दौरान बताया किसाल 2015 में उन्होंने पहली बार बच्चों की मौत के मामले में आवाज उठाई थी। उस साल में 3 बच्चे मर गए थे। मैंने पुलिस अधिकारियों को बताया लेकिन शुरू में मेरी बात पर ध्यान नहीं दिया गया, और मुझे नजरअंदाज कर दिया गया। मेरी बातों पर प्रशासन को भरोसा करने में थोड़ी अगर समय रहते हुए मेरी बातों पर ध्यान दिया जाता तो बच्चों की जान बचाई जा सकती थी। देश और दुनिया से जुड़ी ताज़ा खबरे पढ़ने के लिए हमारे साथ बने रहे।