ब्रिटेन ने भारतीय छात्रों के लिए वीजा नियम में किए कई बदलाव: ब्रिटेन सरकार ने भारतीय छात्रों के लिए वीजा नियम में कड़े नियम को लागू कर दिया है ये खबर तो काफी समय से चल रही है| लेकिन अब ब्रिटेन सरकार ने इसके पीछे का कारण बताते हुए कहा की भारत सरकार की ओर से प्रस्तावित पारस्परिक करार पर हस्ताक्षर नहीं करने के बाद ही यह फैसला लिया गया है| ब्रिटेन की सरकार ने भारत को उन देशों की सूची से बाहर रखा है जिन देशों के स्टूडेंट्स को एडमिशन और वीजा नियम में छूट दी गई है|
ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री लियाम फाक्स ने बताया की भारत को उन देशों की केटेगरी से बाहर रखा गया है जिन देशों के छात्रों को ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए कुछ छूट दी गई है| ऐसा उन्होंने एक तय सीमा के बाद भी भारतीयों के देश वापसी नहीं होने के मसले पर भारत सरकार से सहमति नहीं बन पाना है| इस सूची में बदलाव करते हुए चीन, मालदीव, मैक्सिको तथा बेहरीन देशों को शामिल किया गया है|
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सोमवार से शुरू हुई यूके – इंडिया सप्ताह बैठक के मौके पर फाक्स ने अलग से बातचीत में कहा की-, ” हमें इस बारे में भारत से लगातार बातचीत करने की जरूरत है। वीजा नियम को आसान बनाने की मांग हमेशा से होती रही है हम इसके पक्ष में है लेकिन तय अवधि से ज्यादा रहने वाले भारतीयों के मुद्दे को सुलझाना होगा|
जब मंत्री जी से यह पूछा गया की क्या अवैध आव्रजकों के मामले में एमओयू पर भारत सरकार के हस्ताक्षर नहीं करने की वजह से वीजा नियम की छूट वाली सूची से भारत को बाहर रखा गया है तो मंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चचित करना महत्वपूर्ण है कि सभी मुद्दों पर संतुलित रूप से गौर किया जाए।
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उन्होंने ब्रिटेन के इस फैसले से दोनों देशों के बीच व्यापर पर कोई असर पड़ने से इंकार किया है| उन्होंने यह भी कहा की भारत से हमारा सम्बन्ध मजबूत है और यह केवल व्यापार से जुड़ा हुआ नहीं है|
भारत सरकार के द्वारा अंतिम समय में एमओयू पर हस्ताक्षर करने मना किये जाने पर भारतीय विदेश मंत्री ने इसके पीछे आपत्ति जताई थी| उन्होंने कहा की- भारतीय एजेंसियों को बिना वैध दस्तावेज के रह रहे भारतीयों की पृष्ठभूमि के सत्यापन के लिये केवल 15 दिन का समय देने का प्रस्ताव है।