नमस्कार दोस्तों, बर्मिंघम में चल रहे हैं 22 वें राष्ट्रमंडल खेल में भारत के वेटलिफ्टरो का काफी अच्छा प्रदर्शन रहा है। इन 4 दिनों में भारत के वेटलिफ्टरो का बोलबाला रहा है। भारतीय वेटलिफ्टरो ने 9 में से 7 मेडल अपने नाम किए हैं और जिस में तीन गोल्ड मेडल भी शामिल है। लेकिन बीते कल यानी 1 अगस्त राष्ट्रमंडल खेल 2022 में भारत का नाम एक ऐसे खेल के फाइनल में आया जिसके बारे में देश के अधिकांश लोग नहीं जानते होंगे। हम बात कर रहे हैं लॉन-बॉउल की जो 1930 में कॉमनवेल्थ गेम्स का हिस्सा है और भारत पहली बार इस खेल के फाइनल में पहुंचा है। आइए जानते है लॉन-बॉउल खेल क्या है और इसे कैसे खेलते है।
भारत लॉन-बॉउल गेम के फाइनल में पंहुचा
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के चौथे दिन भारत की महिला टीम ने लॉन-बॉउल गेम के फ़ाइनल में जगह बना ली। भारत की महिला टीम में शामिल लवली चौबे, पिंकी, नयनमोनी शौकिया, और रूपा रानी टिर्की ने लॉन-बॉउल गेम के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को 16-13 से हराकर इतिहास रच दिया और पहली बार लॉन-बॉउल के फाइनल में अपनी जगह बनाई। आज वह इस फ़ाइनल मुकाबले के लिए मैदान में उतरेगी। तो आइए जानते है क्या होता है लॉन-बॉउल खेल और इसके नियम के बारे में।
क्या होता लॉन-बॉउल गेम
लॉन-बॉउल एक तरह का आउटडोर गेम है और यह हरे-भरे लॉन में खेला जाता है। यह 1930 से कॉमनवेल्थ गेम्स का हिस्सा बना है लेकिन भारत इन 22 वर्षों में भारत इस खेल में कोई पदक नहीं जीत पाया और वही इंग्लैंड इस खेल में अब तक 51 मेडल जीत चुका है। यह एक दिलचस्प गेम होता है। इस खेल में बॉल होता है जिसे जैक यानि लक्ष्य भी बोला जाता है। इस जैक की तरफ ही गोलाकार गेंद को जमीन पर रोल करते हुए भेजना होता है, इसमें खेलने वाले दोनों टीमों को इसका पालन करना होता और अपनी गेंद को जैक के ज्यादा नजदीक भेजना होता है। जिसकी गेंदे जैक से अधिक करीब होती है वह अंको के आधार पर विजेता घोषित किया जाता है।
कैसी होती है गेंद
इस गेम में उपयोग होने वाली गेंद रबड़, लकड़ी या प्लास्टिक रोल से बानी हो सकती है और इसका वजन 1.59 किलोग्राम तक होता है। इसकी गेंद पूरी तरह गोलाकार नहीं होती है बल्कि उसके दो साइड होते है जिसे बायस और नॉन बायस कहा जाता है। इन दोनों साइड महत्व होता है और इसके साथ ही गेंद की एक तरफ का वजन भी थोड़ा अधिक होता है, जिसकी वजह इ रोल होने के बाद वह अंदर की तरफ जाती है। यह गेम चार तरह से खेला जाता है।