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Kali Yuga (Kalyug) Quotes Shayari Status in Hindi | कलियुग क्या है ?, कलयुग की शुरुआत कब हुई थी, अंत कब होगा ?

नमस्कार दोस्तों कलयुग (Kali Yuga) कोट्स शायरी स्टेटस और सुविचार हमारी जानकारी में दिए गए हैं। परंतु सवाल यह उठता है कि कलयुग होता क्या है। अगर हम आपसे पूछे तो आप थोड़ा बहुत बता सकते हैं लेकिन हमेशा विस्तार में जानने का फायदा होता है। चलिए सबसे पहले जान लेते हैं कि कलयुग क्या होता है।

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Kali Yuga Quotes Shayari Status in Hindi

जब आप किसी चीज को पूरी शिद्दत से
पाने की ख्वाहिश या कोशिश करते हैं तो वह चीज
उसी शिद्दत से कुछ ज्यादा ही एटीट्यूड दिखाने लगती है।।

चला.. सजधज कलयुग रथ पऱ बैठे
है नतमस्तक सतयुग अपने पथ पऱ बैठे,
एक पंछी पिंजरे का दाना खाये
दूजा देखे.. भूखा छत पऱ बैठे,
चाँद के साथ तारे भी चाहिए
मूर्ख.. मन हठ कर बैठे,

सत्यनिष्ठ की खवाईशें.. रहीं अधूरी
चालबाज़.. सपनें सारे सच कर बैठे,
ख़ुदा भी यहाँ महफ़ूज नहीं है
सोचे.. किस मन्दिर-मस्ज़िद बच कर बैठे,
चल.. ज़िन्दगी मौत भी किंकर्तव्यविमूढ़ है
बहुत देर हुई.. मरघट पऱ बैठे..!!

काम, क्रोध, लोभ से परे…
प्रेम पवित्र ईश्वरीय भाव है!

तामसिक मन से
प्रेम का लोप होना निश्चित है।

ये कलयुग है दोस्तों !!!
वरना किसने सोचा होगा कि –
मच्छर को भी धुप करनी पड़ेगी !!

कलयुगी रावण मना रहे है ख़ूब जश्न दशहरे के नाम पर
कि अवगत हैं वो यहाँ फ़क़त पुतले जलाये जाते है रावण के नाम पर

राम है आराध्य राम है सत्य राम ही मेरा धर्म!
राम है आत्मा राम है चिंतन राम ही मेरा कर्म!!

“मधुकर सा हुआ स्वभाव तेरा,
पुष्पों का रस तू गटक रहा।
मन में अति भोग विलास लिए,
कलियों पर दर दर भटक रहा।”

इतिहास ने ,
दर्ज करवाया है ….
कोरे पन्नों पर ,
कलयुग आएगा ..
कोई ना रहेगा !
किसी का …
छलावा भी ,
स्वांग रचाएगा ….

कलयुग का अर्थ क्या होता है?

कलयुग का अर्थ होता है काला युग और दूसरे शब्दों में क्लेश का युग कह सकते हैं। ऐसा युग जिसमें हर किसी का मन असंतुष्ट हो। हर एक प्राणी मानसिक स्थिति से गुजर रहा हो। इसी युग को हम कलयुग कहते हैं। इस युग मे धर्म का सिर्फ एक चौथाई हिस्सा रह जाता है।

कलयुग का प्रारंभ कब हुआ था।

एक पुरानी कथाओं के अनुसार कलयुग का प्रारंभ 3102 ईसा पूर्व में हुआ था। श्रीमद्भागवत पुराण और भविष्यपुराण में कलयुग के अंत का वर्णन किया गया है। सरल भाषा में बात करे तो कलयुग का मतलब होता है जब हमारा दिमाग काम करना बंद कर देता है और हमें अंदर से बेचैनी होती है और हम हर एक चीज में असंतुष्ट महसूस करते हैं।

लेकिन इसमें हमारी गलती नहीं है क्योंकि हमारा युग ऐसा ही है जिसमें कुछ ऐसी चीजों के आविष्कार हुआ है जिन्होंने हमारी आदतों को बदल कर रख दिया है हमारे स्वभाव को बदल कर रख दिया है। क्योंकि हम जीवन में जी रहे हैं इसीलिए मजबूरी में आकर हमें भी इन सब चीजों का प्रयोग करना पड़ता है।

कलयुग का अंत कैसे होगा।

यह भी एक बहुत बड़ा सवाल है कि आखिरकार कलयुग का अंत कैसे होगा। पौराणिक कथाओं के अनुसार कलियुग में भगवान कल्कि का अवतार होगा जोकि बुराई और बुरे लोगों का विनाश करेगी। जैसे की हम देख सकते हैं कि आज के जमाने में औरत के साथ साथ आदमी भी गलत रास्ते पर चल रहे हैं।

ऐसे प्राणी अपने जीवन की चिंता ना करते हुए भगवान की दी हुई जरूरी चीजों का और अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल करते हैं। लेकिन मनुष्य को इस बात का अनुमान भी नहीं है कि वह जो कुछ भी कर रहा है उसका परिणाम बहुत ही घातक साबित होने वाला है। इस परिणाम के बारे में आप और हम सोच भी नहीं सकते हैं।

अपने जीवन में हम जो कुछ भी गलतियां करते हैं कानून के पन्नों में हर एक गलती की एक अलग सजा होती है। जैसे कि किसी का खून करने पर अलग सजा होती हैं और किसी को तड़पाने की अलग सजा होती है। किसी पीड़ित आदमी को और दर्द पहुंचाने की अलग सजा होती है। इसीलिए बोला जाता है की इंसान के दिमाग को हमेशा किसी ना किसी चीज में व्यस्त रखना चाहिए क्योंकि खाली दिमाग शैतान का दिमाग होता है। कलयुग में यदि आप गलती से भी गलत रास्ते पर चले जाते हैं तो आगे जाकर आपको पछतावा होता है।

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