Home शायरी Dr. Kumar Vishwas Shayari in Hindi – डॉ. कुमार विश्वास की शायरी

Dr. Kumar Vishwas Shayari in Hindi – डॉ. कुमार विश्वास की शायरी

हेलो दोस्तों नमस्कार, आपको हमारी साइट पर कई मशहूर शायरों की शायरी पढ़ने को मिली है, लेकिन आज हम बात करने वाले है डॉक्टर कुमार विश्वास की शायरी के बारे में। आपको बता दे की कुमार विश्वास का जन्म 10 फरवरी 1 9 70 को पिलखुवा, ग़ाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था। कुमार विश्वास पेशे से एक हिन्दी भाषा के कवि, भारतीय राजनीतिज्ञ और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी हैं। कुमार विश्वास को एक उनकी शेरों-शायरी के अलावा उनके बेखौफ अंदाज़ के लिए भी जाना जाता है, और वह शिक्षा को बहुत अधिक महत्व देते है। लेकिन आज हम इस आर्टिकल में केवल कुमार विश्वास देश भक्ति और लव शायरी के बारे में बात करने वाले है, जिसे पढ़ने के लिए आर्टिकल को अंत तक पढ़े।

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Kumar Vishwas Shayari 2020

Kumar Vishwas ki Shayari | कुमार विश्वास शायरी

कुमार विश्वास जब जब अपनी शायरी लोगो के सामने प्रस्तुत करते है, तो लोग उनके दीवाने हो जाते है। हर कोई फिर से उनकी वह शायरी सुन्ना चाहता है, लेकिन ऐसा नहीं हो पाता, लेकिन अब आपको परेशान होने कि कोई आवयश्कता नहीं है क्योकि आपको हमारी साइट पर बेहतर शायरी मिलने वाली जिन्हे आप पढ़ भी सकते है और अपने सोशल मीडिया पर शेयर भी कर सकते है।

पनाहों में जो आया हो, उस पर वार क्या करना जो दिल हारा हुआ हो, उस पे फिर से अधिकार क्या करना मोहब्बत का मज़ा तो, डूबने की कशमकश में है जो हो मालूम गहरायी, तो दरिया पार क्या करना||

स्वंय से दूर हो तुम भी स्वंय से दूर है हम भी बहुत मशहूर हो तुम भी बहुत मशहूर है हम भी बड़े मगरूर हो तुम भी बड़े मगरूर है हम भी अतः मजबूर हो तुम भी अतः मजबूर है हम भी||

सदा तो धूप के हाथों में ही परचम नहीं होता खुशी के घर में भी बोलों कभी क्या गम नहीं होता फ़क़त इक आदमी के वास्तें जग छोड़ने वालो फ़क़त उस आदमी से ये ज़माना कम नहीं होता।

Kumar Vishwas Shayari in Hindi

वैसे कुमार विश्वास ज्यादातर शायरियां हिंदी में लिखते है, अगर आपको भी उनकी शायरी पढ़ना पसंद है तो आप आज बिल्कुल सही वेबसाइट पर आये है। क्योकि आपको हमारी साइट पर कुमार विश्वास की शायरी हिंदी भाषा में मिलने वाली है, जिन्हे आप फ्री में डाउनलोड कर सकते है और अपनी पसत में भी इस्तेमाल कर सकते है।

सदा तो धूप के हाथों में ही परचम नहीं होता खुशी के घर में भी बोलों कभी क्या गम नहीं होता फ़क़त इक आदमी के वास्तें जग छोड़ने वालो फ़क़त उस आदमी से ये ज़माना कम नहीं होता।

पनाहों में जो आया हो तो उस पर वार क्या करना जो दिल हारा हुआ हो उस पे फिर अधिकार क्या करना मुहब्बत का मजा तो डूबने की कशमकश में है हो ग़र मालूम गहराई तो दरिया पार क्या करना।|

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Dr. Kumar Vishwas Shayari in Hindi

नज़र में शोखिया लब पर मुहब्बत का तराना है मेरी उम्मीद की जद़ में अभी सारा जमाना है कई जीते है दिल के देश पर मालूम है मुझकों सिकन्दर हूं मुझे इक रोज खाली हाथ जाना है।

चंद चेहरे लगेंगे अपने से , खुद को पर बेक़रार मत करना , आख़िरश दिल्लगी लगी दिल पर? हम न कहते थे प्यार मत करना…

Shayari of Kumar Vishwas

क़लम को खून में खुद के डुबोता हूँ तो हंगामा, गिरेबां अपना आँसू में भिगोता हूँ तो हंगामा, नहीं मुझ पर भी जो खुद की ख़बर वो है ज़माने पर, मैं हँसता हूँ तो हंगामा, मैं रोता हूँ तो हंगामा…

हिम्मत ए रौशनी बढ़ जाती है, हम चिरागों की इन हवाओं से, कोई तो जा के बता दे उस को, चैन बढता है बद्दुआओं से…

kumar Vishwas Love Shayari in Hindi

कुमार विश्वास वैसे तो कई तरह तरह की शायरी लिखते है, और साथ ही साथ गाने भी गाते है। लेकिन कुमार विश्वास लव शायरी बहुत ज्यादा मशहूर है जिसमे एक “koi deewana kehta hai koi pagal samjhta hai” जिसे आप निचे वीडियो में देख सकते है, अगर अपने अभी तक इसे नहीं सुना है तो आपको जरूर सुन्ना चाहिए। इसे सुनने के बाद आप कुमार विश्वाश की शायरी के दीवाने हो जायेगे।

तुम्हीं पे मरता है ये दिल अदावत क्यों नहीं करता,
कई जन्मों से बंदी है बगावत क्यों नहीं करता,
कभी तुमसे थी जो वो ही शिकायत है ज़माने से,
मेरी तारीफ़ करता है मोहब्बत क्यों नहीं करता।

भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा,
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा,
अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का,
मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा।

तुम्हारे पास हूँ लेकिन जो दूरी है, समझता हूँ,
तुम्हारे बिन मेरी हस्ती अधूरी है, समझता हूँ,
तुम्हें मैं भूल जाऊँगा ये मुमकिन है नहीं लेकिन,
तुम्हीं को भूलना सबसे जरूरी है, समझता हूँ।

kumar Vishwas Desh Bhakti Shayari in Hindi

किसी प्यारी दिलवाली को छोड़ आया हूँ
उसकी महकती दिवाली को छोड़ आया हूँ
सीने से लगाएगी मेरी भारत माँ
अपनी माँ की ममता को छोड़ आया हूँ

नशा है मुझे इस तिरंगे की आन में
बसा है मेरा दिल इस धरती की जान में
शक हो कोई मन में तो देख लेना
कल भी थे कल भी रहेंगे इसी हिंदुस्तान में

तिरंगा कोई वस्त्र नहीं भारत की शान है
हर एक हिंदुस्तानी का यह हिंदुस्तान है
यहाँ की गंगा यही का हिमालय चीख रहा है
नाम मात्र नहीं ये हमारे दिलो का स्वाभिमान है

हम आशा करते है की आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल जरूर पसंद आया होगा, और इस आर्टकिले में दी गई कुमार विश्वास शायरी आपको जरूर पसंद आई होगी, अगर आपको पसंद आई है तो आप इसे अपने दोस्तों और परिवार वालो के साथ शेयर कर सकते है। इसके अलावा आप राहत इंदौरी शेरो-शायरी गजल स्टेटस  हिंदी में पढ़ना चाहते है, तो आप हमरी साइट पर वजित कर सकते है।

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