नमस्कार दोस्तों, केरल से दुखद खबर निकल कर सामने आ रही है। जी हां दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दे की केरल राज्य साक्षरता अभियान के अंतर्गत सबसे उम्रदराज छात्री के रूप में प्रसिद्ध हुई 101 साल की कात्यायनी अम्मा का निधन (Karthyayani Amma Passed Away) 10 अक्टूबर 2023 को उनके घर पर तटीय अलप्पुझा में हो गया। यह जानकारी है कि उन्हें मस्तिष्काघात के बाद कुछ समय से बिस्तर पर रहना पड़ रहा था। कात्यायनी अम्मा को दक्षिणी राज्य के साक्षरता अभियान के तहत मात्र 96 साल की आयु में पढ़ाई करने का मौका मिला था, वह न केवल शोहरत प्राप्त करने के लिए बल्कि ‘अक्षरालक्षम’ परीक्षा में भी उन्होंने सबसे अधिक अंक हासिल किए थे, जो चौथी कक्षा की परीक्षा के समान होती है। तो चलिए खबर को विस्तार में पढ़ते है।
Karthyayani Amma Death News in Hindi
आपकी जानकारी के लिए बता दे की वह चेप्पाड़ गांव में पढ़ाई करने वाली 43,330 छात्रों में सबसे अधिक उम्रदराज थीं। 2020 में, महिला दिवस (Women’s Day) पर, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से उन्हें नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया था। साल 2019 में, वह ‘कॉमनवेल्थ ऑफ लर्निंग गुडविल एम्बेसडर’ भी बन गई थी।
Who Was Karthyayani Amma | कौन थी कात्यायनी अम्मा
कात्यायनी अम्मा के निधन पर दुखी होते हुए, केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने उनके साथ हुई एक मुलाकात को याद किया, जिसमें वहने अपनी इच्छा व्यक्त की थी कि वह आगे पढ़ना चाहती हैं और 10वीं कक्षा की परीक्षा पास करने के बाद काम करना चाहती हैं। विजयन ने फेसबुक पर एक पोस्ट में लिखा, ‘उन शब्दों में स्वाभिमान और दृढ़ इरादा था।’ उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर भी एक शोक संदेश पोस्ट किया और कहा कि ‘कात्यायनी अम्मा चुनौतियों के बावजूद पढ़ाई करने के अपने अटूट संकल्प के कारण कई लोगों के लिए प्रेरणादायक आदर्श बनीं।’
कात्यायनी अम्मा के निधन पर मुख्यमंत्री ने व्यक्त किया दुःख!
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “हम सब कात्यायनी अम्मा के निधन से बहुत दुखी हैं, वह सबसे उम्रदराज विद्यार्थी बनकर इतिहास रचने वाली थी। उन्होंने चुनौतियों के बावजूद पढ़ाई करने का अटूट संकल्प दिखाया और कई लोगों के लिए प्रेरणास्पद आदर्श बनीं। उनका निधन हमारे साक्षरता अभियान के लिए एक बड़ी क्षति है, जिन्होंने जिसने आधुनिक केरल को आकार देने में मदद की। गहरी संवेदनाएं’
बताते चले की राज्य के सामान्य शिक्षा मंत्री वी सिवनकुट्टी ने भी कात्यायनी अम्मा के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा की, “अम्मा ने वो संघर्ष किया जहां उनके पास पढ़ाई करने का मौका नहीं था, और वे 96 साल की उम्र में साक्षर बनीं। वे दृढ़ संकल्प का प्रतीक हैं।” देश और दुनिया से जुड़ी ताज़ा खबरे पढ़ने के लिए हमारे साथ बने रहे।