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क्या है अग्निपथ योजना | अग्नीपथ स्कीम के फायदे और नुकसान, 4 साल बाद मिलेंगी नौकरी?

नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले हैं क्या है अग्निपथ योजना (Agneepath Yojna) और क्यों अग्नीपथ स्कीम (Agneepath Scheme) का विरोध हो रहा है ? साथ ही यह भी जानेगे की चार वर्ष सेना में काम करने के बाद उन्हें सरकारी और प्राइवेट नौकरियां मिलेगी या फिर नहीं? भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 14 जून 2022 को ‘अग्निपथ’ नाम की योजना शुरू करने की घोषणा की थी। इस योजना के तहत देश के युवाओं को सेना में अस्त्र-शस्त्र चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी, भारत सरकार ने इस योजना के कई फायदे बताये है, लेकिन इसके बावजूद केंद्र सरकार की अग्नीपथ योजना के खिलाफ देश के अलग-अलग राज्यों में विरोध किया जा रहा है? तो चलिए इस योजना के बारे में विस्तार में जानते हैं।

Protest Against Agneepath Scheme in Bihar Live Update in Hindi | अग्‍न‍िपथ योजना क्या है ? निजी सेक्टर में जॉब ढूंढने में मिलेगी सरकार की मद्द्त!

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Advantages and Disadvantages of Agneepath Scheme

क्या है अग्निपथ योजना | What is Agneepath Scheme in Hindi

केंद्र सरकार द्वारा 14 जून 2022 को देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घोषणा की इस वर्ष 46 हजार युवाओं को सहस्त्र बलों में शामिल किया जायेगा, अग्निपथ योजना के तहत युवाओं की भर्ती 4 साल के लिए होंगी, जिन्हे “अग्निवीर” कहा जायेगा। अग्निवीरों की उम्र 17 से 21 वर्ष के बीच होगी और 30-40 हजार प्रतिमाह वेतन मिलेगा। इस योजना के तहत 25% युवाओं को आर्मी में परमानेंट भर्ती कर लिया जाएगा, वहीं 75% अग्निवीरों को नौकरी छोड़नी पड़ेगी, क्या उन्हें बाद में सरकारी और प्राइवेट नौकरियां मिलेगी या फिर नहीं? सरकार इसमें कैसे उनकी सहायता करेगी ? इसके बारे में आगे जानेंगे।

देश में युवाओं द्वारा अग्निपथ योजना का विरोध क्यों हो रहा है ?

जैसा की आप सभी को मालूम है देश के कई अलग-अलग राज्यों में अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन किए जा रहे हैं, मीडिया रिपोर्ट की मानें तो बिहार में इस योजना का सबसे अधिक विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। भारतीय सेना में शामिल होने की तैयारियों कर रहे युवाओं का पक्ष है कि वो सालों तक खूब मेहनत कर सेना भर्ती होने की तैयारी करते हैं, और ऐसे में उन्हें केवल चार साल नौकरी मंजूर नहीं। छात्रों का कहना है कि अग्निपथ स्कीम को वापस लिया जाए।

अग्नीपथ योजना पर सरकार का पक्ष

देश की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने  अग्नीपथ योजना (Agneepath Yojna) को बेहद सकारात्मक पहल बताया है, उन्होंने कहा कि देश के युवाओं को सेना में भर्ती होने का मौका मिल रहा है, इससे देश की सुरक्षा मजबूत होगी और इसे नौजवानों को मिलिट्री सर्विस का मौका देने के लिए लाया गया है, यही नहीं इस योजना के तहत देश में रोजगार भी बढ़ेगा। 4 साल आर्मी में नौकरी करने के बाद अग्निवीर के अनुभव से विभिन्न क्षेत्रों में प्राइवेट और सरकारी नौकरी उन्हें मिलेगी।

अग्नीपथ योजना पर एक्सप्रेस की क्या राय है?

केंद्र सरकार द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना पर एक्सपर्ट्स की मिली-जुली राय देखने को मिल रहे हैं, कुछ एक्सपर्ट से इस योजना को सकारात्मक बताया है, लेकिन कुछ एक्सपर्ट्स ने इसे नकारात्मक बताया है। रिटायर्ड मेजर जनरल शेओनान सिंह ने न्यूज़ एजेंसी BBC से इंटरव्यू में कहा कि भारतीय सेना में किसी को चार साल के लिए शामिल करना पर्याप्त समय नहीं है। 4 वर्षों में से 6 महीने तो युवाओं की ट्रेनिंग में निकल जाएगा, इन्फैंट्री में काम करने के लिए स्पेशल ट्रेनिंग की भी जरुरत पड़ेगी। लेकिन कुछ एक्सपर्ट का यह भी मानना है कि अग्नीपथ योजना के तहत युवाओं को रोजगार मिलेगा, और सेना में 4 साल पूरे करने के बाद देश को डिसिप्लिन लोग मिलेंगे, जिन्हे प्राइवेट और सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी।

लेफ्टिनेंट जनरल भिंडर ने माना अग्निपथ योजना सकारात्मक

दक्षिण पश्चिम कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह भिंडर अग्नीपथ योजना का समर्थक करते हुए, कहा की यह योजना युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान करती है। मुताबिक उन्होंने कहा कि सेना उम्मीदवारों को उनकी योग्यता और प्रतिभा के आधार पर कौशल प्रदान करेगी, 4 साल बाद 25% उम्मीदवारों उनकी योग्यता अनुसार सेना में हमेशा के लिए भर्ती कर लिया जाएगा, वही 75% प्रतिशत उम्मीदवार वापस समाज में चले जाएंगे, लेकिन इन सभी को कौशल प्रमाण पत्र दिया जाएगा, ताकि उन्हें अपने कौशल के आधार पर सरकारी या निजी नौकरी मिल सके। जाहिर है निजी और सरकारी कंपनियां डिसिप्लिन लोगों को नौकरी देने में प्राथमिकता देगी।

अग्नीपथ योजना (अग्निवीर) जवानों मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती में प्राथमिकता

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारतीय सेना देश का गौरव है, और देशवासियों का अभिमान हैभारतीय सेना के जवान हमारे हीरो हैं, रोल मॉडल हैं। साथ ही उन्होंने कहा की जो जवान अग्नीपथ योजना में सेवा दे चुके होंगे, उन्हें मध्य प्रदेश पुलिस की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी।

असम और मणिपुर की नौकरियों में भी अग्निवीरों को अवसर

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और मणिपुर सीएम एन. बीरेन सिंह ने घोषणा की कि चार साल तक सेना में सेवा करने के बाद अग्निवीरों को पुलिस की नौकरी में प्राथमिकता दी जाएगी। इसी प्रकार देश कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस प्रकार की घोषणा की है। अगर अब भी आपके मन इस योजना से जुड़े सवाल है, तो आप भारत सरकार की ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर अग्नीपथ योजना के बारे में विस्तार में जान सकते है, व्हाट्सएप पर आने वाली झूठी सूचना पर बिल्कुल विश्वास ना करें।

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